Vastu Tips for Office: नौकरी में पाना है प्रमोशन और इंक्रीमेंट तो ये वास्तु टिप्स दिलाएंगे ऑफिस में सफलता

Vastu Tips for Office

Vastu Tips for Office: वास्तु शास्त्र, एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है जो की भवन निर्माण की दिशा और स्थान को सही रखने में मदद करता है। वास्तुशास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व है और घर से ऑफिस तक सभी जगहों के लिए कुछ नियम(Vastu Tips for Office) बताए गए हैं। ऑफिस में वास्तु नियमों का पालन करने से काम करने की क्षमता बढ़ती है।

साथ ही यह एक सकारात्मक माहौल बनाए रखता है। ठीक दिशा, ठीक स्थान पर वस्तुओं को रखने और सही वास्तु टिप्स का पालन करने से आपके काम की गुणवत्ता बढ़ती है और आपके विकास के रास्ते में आने वाले सभी बाधाएं दूर हो सकती है | आइए जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स जो आपके कार्यालय के वातावरण को बेहतर बना सकते हैं।

Vastu Tips for Office चुने यह रंग:

रंगों का ऑफिस (Vastu Tips for Office) में एक महत्वपूर्ण स्थान होता हैं। नीला, हरा, और सफेद जैसे हल्के और सुखदायक रंगों का उपयोग करें। यह रंग सकारात्मकता और शांति लाते हैं। दीवारों पर हल्के और फर्नीचर के लिए आँखों को ताजगी देने वाले रंगों का उपयोग करें।

प्रवेश द्वार:

कार्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार का स्थान बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है, जो सफलता और समृद्धि लाती है। इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखे (Vastu Tips for Office) कि मुख्य प्रवेश द्वार इसी दिशा में हो | साथ ही दरवाजे को हमेशा साफ रखें और आने-जाने के रास्ते को अवरोध रहित रखें ताकि सकारत्मक ऊर्जा का आगमन हो सकें|

बैठने की व्यवस्था:

कार्यालय में बैठने का स्थान भी वास्तु के अनुरूप होना चाहिए। हमेशा कार्यालय के प्रमुख या मालिक का मुख उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए और दक्षिण-पश्चिम दिशा में बैठना चाहिए। यह दिशा (Vastu Tips for Office)आपके आत्मविश्वास और निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाती है।

अलमारियों और कैबिनेट का स्थान:

अलमारियों और कैबिनेट को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें । यह दिशा शक्ति और स्थिरता का प्रतीक मानी जाती है। महत्वपूर्ण फाइलें और दस्तावेज को भी इसी दिशा में रखें, ताकि वे सुरक्षित रह सकें ।

इलेक्ट्रॉनिक उपकरण:

प्रिंटर, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें। यह दिशा अग्नि तत्व से संबंधित है, और इस दिशा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से ऊर्जा का सही प्रवाह होता है, जिससे उपकरणों को लंबे समय तक काम में लिया जा सकता हैं ।

ऑफिस टेबल की दिशा:

ऑफिस (Vastu Tips for Office) के डेस्क को वास्तु के अनुसार उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और कार्य में ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है।

टेबल पर काम करते समय आपकी पीठ किसी दीवार की तरफ होनी चाहिए परन्तु इस बात का भी ध्यान रखें कि आपकी पीठ उत्तर-ईशान दिशा, खिड़की या मुख्य प्रवेश द्वार की ओर नहीं होनी चाहिए। टेबल के सामने कोई अवरोध नहीं होना चाहिए|

श्री गणेश जी की मूर्ति:

हिन्दू धर्म में भगवान गणेश के आशीर्वाद से ही कोई नया काम शुरू किया जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार (Vastu Tips for Office) करियर में सुधार करने ले लिए ऑफिस टेबल पर गणेशजी की मूर्ति रखना बहुत शुभ माना जाता है।

बुद्ध की प्रतिमा:

गौतम बुद्ध की प्रतिमा को ऑफिस डेस्क पर रखना वास्तुशास्त्र में काफी लाभदायक माना जाता है। गौतम बुद्ध की प्रतिमा से काम के प्रति एकाग्रता बढ़ती है और आपके मन और दिमाग दोनों को शांति मिलती हैं |

सिक्कों वाला जहाज:

वास्तुशास्त्र के अनुसार (Vastu Tips for Office) ऑफिस डेस्क पर सिक्कों का जहाज रखने से आपको अपनी नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है।

बांस का पौधा:

वास्तु शास्त्र में बांस का पौधा जीवन में सकरात्मकता लाता है| इसलिए इसे अपनी ऑफिस डेस्क पर रखने से सकारात्मकता बनी रहती है और आस-पास का वातावरण भी अच्छा और खुशनुमा रहता है।

पीले रंग की नोटबुक:

वास्तु नियमों के अनुसार, पीले रंग की एक नोटबुक के साथ लाल पेन को ऑफिस टेबल पर रखने से कार्यस्थल पर उत्पादकता बढ़ती है।

क्रिस्टल:

कार्यक्षेत्र में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए क्रिस्टल धातु को ऑफिस टेबल पर रखें लाभकारी हो सकता है |

सकारात्मक वातावरण:

अपने ऑफिस की नियमित रूप से सफाई करें ताकि कार्यालय में अच्छा वातावरण बना रहे। साथ ही में प्रेरणादायक संगीत बजाएं और बार-बार धूप या अगरबत्ती जलाकर वातावरण को शुद्ध करें।

डिस्क्लेमर: इस लेख में प्रस्तुत जानकारी ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। विभिन्न माध्यमों से एकत्रित करके ये जानकारियाँ आप तक पहुँचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज़ सूचना पहुँचाना है। viralnewsvibes.com इस जानकारी की सटीकता, पूर्णता, या उपयोगिता के बारे में कोई दावा नहीं करता और इसे अपनाने से होने वाले किसी भी परिणाम के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने विवेक और निर्णय का उपयोग करें।

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