Obesity in Children: दुनिया भर में मोटापा बढ़ता जा रहा है, जो एक गंभीर समस्या बन गया है। बड़ों की तरह यह बच्चों में भी तेजी से बढ़ रहा है। मोटापा न केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल सकता है। इससे पुरानी बीमारियां भी बढ़ सकती हैं।
मोटापा बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें अनहेल्थी फूड, शारीरिक गतिविधियों की कमी और जेनेटिक कारण भी शामिल हैं। डॉक्टर्स के अनुसार बच्चों में बढ़ते मोटापे को नियंत्रित नहीं किया गया तो यह भविष्य में कई खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकता है।
लांसेट जर्नल (The Lancent) ने कुछ समय पहले अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि मोटापे से दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग पीड़ित हैं। यही नहीं, आंकड़े दिखाते हैं कि भारत में भी बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में भारत में 5 से 19 वर्ष की उम्र के 1.25 करोड़ बच्चे मोटापे के शिकार हुए है ।
डॉक्टर्स के अनुसार बच्चों में बढ़ते मोटापे को नियंत्रित नहीं किया गया तो यह भविष्य में कई खतरनाक बीमारियों का कारण बन सकता है। बच्चों में बढ़ता मोटापा एक गंभीर समस्या है, लेकिन सही समय पर ध्यान देकर इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
स्वस्थ आहार, नियमित शारीरिक गतिविधियाँ, और परिवार के सहयोग से इसे दूर किया जा सकता हैं। आइए जानते हैं कि बच्चों में मोटापे को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर्स क्या सलाह देते है।
Obesity in Children के कारण:
आजकल बच्चों में जंक फूड और फास्ट फूड का सेवन बढ़ गया है। पिज्जा, बर्गर, चिप्स, और सॉफ्ट ड्रिंक्स जैसे खाद्य पदार्थों में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है और पोषक तत्व कम होते हैं। यह अन्हेल्थी फ़ूड मोटापे का मुख्य कारण बन सकता ह
शारीरिक गतिविधियों की कमी:
आज के आधुनिक युग में बच्चे टीवी, कंप्यूटर, और स्मार्टफोन पर अधिक समय बिताने लगे हैं। इससे उनकी शारीरिक गतिविधियाँ कम हो गई हैं। खेलकूद और आउटडोर एक्टिविटीज़ की कमी से कैलोरी बर्न नहीं हो पाती, जिससे वजन बढ़ता है।
Obesity in Children स्लीप साइकिल:
नींद की गुणवत्ता भी वजन बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आजकल बच्चों में नींद की कमी एक आम समस्या बन गई है। स्कूल का होमवर्क, एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज, और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के उपयोग के कारण बच्चे देर रात तक जागते रहते हैं।
अगर बच्चे की नींद बार-बार टूटती है या वह गहरी नींद नहीं ले पाता, तो इससे भी हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है। जिससे भूख बढ़ाने वाले हॉर्मोन का स्तर बढ़ जाता है। साथ ही शारीरिक और मानसिक विकास पर असर पड़ता है, और मोटापे(Obesity in Children) का जोखिम बढ़ जाता है।
जेनेटिक:
कुछ जीन बच्चों में मोटापे का कारण बन सकते हैं। जेनेटिक कारणों से बच्चों का मेटाबोलिज्म धीमा हो सकता है, जिससे उनका शरीर कैलोरी को तेजी से बर्न नहीं कर पाता। इसके परिणामस्वरूप, शरीर में अधिक फैट जमा हो सकता है।
यदि माता-पिता में से किसी एक या दोनों मोटे हैं, तो बच्चों में मोटापा होने की संभावना अधिक होती है। यह न केवल जेनेटिक कारणों से, बल्कि परिवार की जीवनशैली और खाने की आदतों के कारण भी होता है।
मनोवैज्ञानिक:
आजकल की भगदौड़ में ज्यादातर दोनों पेरेंट्स वर्किंग होते हैं | जिसके चलते वह अपने बच्चों को अधिक समय नहीं दे पाते | साथ ही स्कूल में बढ़ती पढ़ाई के दवाब और अपने आसपास बढ़ते कॉम्पिटिशन के कारण भी कभी कभी कुछ बच्चों में आत्मविश्वास की कमी होने लगती हैं जिससे उनमें उदासी एवं तनाव आदि बढ़ जाता हैं जिससे आराम पाने के लिए वह ज्यादा खाना खाते हैं और मोटापे के शिकार हो जाते हैं |
Obesity in Children के उपाय:
हेल्थी आहार:
बच्चों को स्वस्थ और संतुलित आहार देना बेहद आवश्यक होता है । उनके भोजन में फल, सब्जियाँ, अनाज, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें। जंक फूड और मीठे पेय पदार्थों से दूरी बनाए रखें। नियमित समय पर खाना खाने की आदत डालें और कोशिश करे कि वह ब्रेकफास्ट अवश्य लें ।
शारीरिक गतिविधियाँ बढ़ाएँ:
मोटापे के निवारण में परिवार का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है। परिवार के सभी सदस्यों को एक स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए ताकि बच्चे भी उस पर अमल कर सकें |
साथ मिलकर खाने और शारीरिक गतिविधियाँ करने से बच्चों को प्रेरणा मिलती है। बच्चों को हर दिन कम से कम एक घंटे शारीरिक गतिविधि में शामिल होने के लिए प्रेरित करें। शरीर को फिट रखने के लिए खेलकूद, साइकिल चलाना, तैराकी, और दौड़ना बेहद अच्छी एक्टिविटीज होती हैं।
Obesity in Children ऐसे बढ़ाएं बच्चों में आत्मविश्वास:
परिवार का समर्थन बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे में बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए उनकी उपलब्धियों की प्रशंसा करें और उन्हें प्रोत्साहित करें। बच्चों को स्वस्थ खाने और शारीरिक गतिविधियों के प्रति सकारात्मक व्यवहार अपनाने के लिए प्रेरित करें।
उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के फायदे बताएं और उनके छोटे-छोटे प्रयासों की सराहना करें। फिर भी यदि बच्चे को मोटापे के कारण गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो एक पेशेवर मनोवैज्ञानिक से परामर्श लेना आवश्यक है।
स्लीप साइकिल:
बच्चों में एक नियमित नींद का समय निर्धारित करना चाहिए। बच्चों के सोने के कमरे का वातावरण सुखदायक और शांत होना चाहिए। कमरे में अंधेरा और शांति होनी चाहिए ताकि बच्चे गहरी नींद ले सकें।
बच्चों को अच्छी नींद की जरूरत है ताकि उनका मानसिक स्वास्थ्य बेहतर हो और वे अच्छी तरह से विकसित हो सकें। ध्यान रखें कि बच्चे दिन में कम से कम सात से आठ घंटे की नींद अवश्य लें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। इस लेख में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले किसी भी चिकित्सा निर्णय में सावधानी बरतें। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या स्थिति के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इस लेख के आधार पर उत्पन्न हो सकने वाली किसी भी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए viralnewsvibes.com जिम्मेदार नहीं है।