Bajrang Bali Temple: यहां सांसों की आवाज आती है हनुमानजी की मूर्ति से खाते हैं भक्तों का प्रसाद

Bajrang Bali Temple: उत्तर प्रदेश के इटावा में स्थित पिलुआ महावीर मंदिर भी ऐसा ही एक चमत्कारिक स्थल है। मान्यता है कि यहाँ हनुमानजी स्वयं जीवित रूप में विराजमान हैं और भक्तों को अपने चमत्कारों का साक्षात अनुभव कराते हैं।

October 25, 2024
Bajrang Bali
Bajrang Bali Temple: यहां सांसों की आवाज आती है हनुमानजी की मूर्ति से खाते हैं भक्तों का प्रसाद

Bajrang Bali Temple: हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, हनुमानजी आज भी धरती पर आज्ञात रूप में निवास करते हैं और पवनपुत्र को अमरता का वरदान प्राप्त है। इसी कारण हनुमानजी के कई मंदिरों में अद्भुत चमत्कार देखने को मिलते हैं।

उत्तर प्रदेश के इटावा में स्थित पिलुआ महावीर मंदिर भी ऐसा ही एक चमत्कारिक स्थल है। मान्यता है कि यहाँ हनुमानजी स्वयं जीवित रूप में विराजमान हैं और भक्तों को अपने चमत्कारों का साक्षात अनुभव कराते हैं।

Bajrang Bali मूर्ति से आती है साँसों की आवाज:

इटावा का Bajrang Bali Temple अत्यंत प्राचीन माना जाता है और इसकी स्थापना का इतिहास भी खासा दिलचस्प है। इस मंदिर का निर्माण कब हुआ, इसका कोई सटीक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, लेकिन स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर कई सैकड़ों वर्षों पुराना है। यह कहा जाता है कि इस मंदिर में हनुमानजी साक्षात रूप में विराजमान हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।

इस मंदिर में जो हनुमानजी की मूर्ति है, वह अन्य मूर्तियों से अलग है। कहा जाता है कि इस मूर्ति से सांसों की आवाजें आती हैं| भक्तों का मानना है कि हनुमानजी यहां साक्षात उपस्थित हैं| इटावा के इस मंदिर में हर दिन सैकड़ों भक्त आते हैं और यहां हनुमानजी की मूर्ति के पास बैठकर ध्यान लगाते हैं। जो लोग इस मंदिर में आते हैं, वे यह दावा करते हैं कि उन्होंने खुद हनुमानजी की मूर्ति से सांसों की आवाजें सुनी हैं।

साथ ही बताया जाता है कि हनुमान जी के मुख से राम नाम की ध्वनि भी सुनाई देती है। यह आवाजें इतनी स्पष्ट होती हैं कि कोई भी व्यक्ति इन्हें महसूस कर सकता है। मंदिर के पुजारियों का भी कहना है कि यह चमत्कारी मूर्ति किसी विशेष आध्यात्मिक शक्ति से भरी हुई है, जो भक्तों को हनुमानजी की उपस्थिति का आभास कराती है।

भक्तों का प्रसाद स्वीकार करते हैं हनुमानजी:

इस मंदिर के बारे में एक और दिलचस्प बात यह है कि यहां हनुमानजी भक्तों द्वारा अर्पित किया गया प्रसाद ग्रहण करते हैं। कई बार ऐसा हुआ है कि भक्तों द्वारा चढ़ाया गया प्रसाद गायब हो जाता है, और मंदिर के पुजारी इसे हनुमानजी की कृपा और चमत्कार मानते हैं।

प्रसाद के रूप में यहां विशेष रूप से बेसन के लड्डू और पान का भोग लगाया जाता है, जिन्हें भक्तगण हनुमानजी के चरणों में अर्पित करते हैं। कहा जाता है कि जब कोई सच्चे मन से भोग लगाता है, तो हनुमानजी उसका प्रसाद स्वयं स्वीकार करते हैं।

होती है हर मनोकामना पूरी:

इटावा के इस हनुमान मंदिर को मनोकामना सिद्धि का स्थान भी माना जाता है। इस मंदिर में प्रतिदिन दूर-दूर से लोग अपनी समस्याओं के समाधान की आस में आते हैं। यह मान्यता है कि जो व्यक्ति यहां सच्चे मन से आकर हनुमानजी की आराधना करता है, उसकी हर इच्छा पूर्ण होती है।

किसी को धन की प्राप्ति की कामना होती है, तो किसी को स्वास्थ्य लाभ की, और सभी लोग यह मानते हैं कि यहां आकर उनकी हर इच्छा पूरी हो जाती है। यहां आने वाले भक्तों की संख्या दिवाली, हनुमान जयंती, और मंगलवार तथा शनिवार के दिन विशेष रूप से अधिक होती है। इन दिनों में मंदिर में विशेष पूजन और आरती का आयोजन होता है, जिसमें भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ता है।

इटावा का हनुमान मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है। यहां पर होने वाले चमत्कारों को लेकर भक्तों में गहरी आस्था है। सांसों की आवाजें, प्रसाद का ग्रहण करना, और मनोकामनाओं की पूर्ति जैसी घटनाएं भक्तों के हृदय में हनुमानजी की उपस्थिति का एहसास कराती हैं। जो लोग अपने जीवन में समस्याओं से परेशान हैं या आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह मंदिर आस्था और समाधान का प्रतीक बन गया है।