Cursed temple: इस मंदिर में शाम के बाद जो भी रुकता है बन जाता है पत्थर का, एक श्राप है इसकी वजह

Cursed temple: ऐसा कहा जाता है कि शाम होने के बाद जो भी इस मंदिर में रुकने की गलती करता है, वह पत्थर बन जाता है। इसी वजह से लोग शाम होने से पहले ही यहां से निकल जाते हैं।

September 19, 2024
Cursed Temple
इस मंदिर में शाम के बाद जो भी रुकता है बन जाता है पत्थर का, एक श्राप है इसकी वजह

Cursed temple: हमारे देश को मंदिरों का देश भी कहा जाता है। यहां लाखों मंदिर हैं और इनमें भक्त पूरी श्रद्धा के साथ भगवान की पूजा अर्चना करते हैं। इसके साथ ही हमारे में देश में कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जो रहस्यमयी हैं। ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान में भी है, जो कई रहस्यों से भरा हुआ है। इस मंदिर को शापित (Cursed temple) भी कहा जाता है। शाम होने के बाद कोई भी इस मंदिर में नहीं रुकता। ऐसा कहा जाता है कि शाम होने के बाद जो भी इस मंदिर में रुकने की गलती करता है, वह पत्थर बन जाता है। इसी वजह से लोग शाम होने से पहले ही यहां से निकल जाते हैं।

Cursed temple:

यह शापित मंदिर (Cursed temple) राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित है। इस मंदिर का नाम किराडू मंदिर है। यह बहुत प्रसिद्ध है और इस मंदिर को देखने के लिए काफी लोग आते हैं। यह मंदिर अपनी अद्वितीय वास्तुकला और रहस्यमयी घटनाओं के कारण चर्चाओं में रहता है। इसे ‘राजस्थान का खजुराहो’ भी कहा जाता है, लेकिन इसके साथ जुड़े अंधविश्वास (Cursed temple) और रहस्य इसे और भी अधिक खास बनाते हैं। शाम ढलने से पहले ही लोग यहां से चले जाते हैं। माना जाता है कि जो भी व्यक्ति सूरज ढलने के बाद इस मंदिर में रुकता है वो हमेशा के लिए पत्थर का बन जाता है।

वास्तुकला का अद्भुत नमूना:

माना जाता है कि किराडू मंदिरों (Cursed temple) का निर्माण 11वीं से 12वीं शताब्दी के बीच हुआ था। ये मंदिर पश्चिमी भारत में स्थित थे और इन्हें उस समय के परमार वंश के राजाओं द्वारा बनवाया गया था। यहां पर पांच प्रमुख मंदिर (Cursed temple) हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर की वास्तुकला बेहद अद्वितीय और उत्कृष्ट है, जिसमें खजुराहो शैली की मूर्तियां और नक्काशियां दिखाई देती हैं। इन मूर्तियों और नक्काशियों में उस समय की धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों को दर्शाया गया है।

रहस्यमय कथाएं और श्राप की कहानी:

किराडू मंदिर (Cursed temple) के साथ जुड़ी एक कथा काफी प्रचलित है। यह कहानी एक श्राप से संबंधित है। ऐसा कहा जाता है कि एक साधु ने श्राप (Cursed temple) दे दिया था, जिसकी वजह से यह मंदिर शापित (Cursed temple) हो गया। कहा जाता है कि एक बार एक सिद्ध साधु अपने शिष्यों के साथ यहां आए थे। साधु ने मंदिर के निकट के गांव में कुछ समय के लिए आश्रय लिया और अपने शिष्यों को गांव वालों की देखभाल में छोड़ दिया।

साधु कुछ समय बाद जब वापस लौटे, तो उन्होंने देखा कि उनके शिष्य बीमार और असहाय अवस्था में पड़े हैं और गांव वालों ने उनकी देखभाल नहीं की। इस पर साधु को अत्यधिक क्रोध आया और उन्होंने पूरे गांव को श्राप (Cursed temple) दिया कि यहां के लोग पत्थर बन जाएंगे।

हालांकि, एक महिला ने साधु से क्षमा याचना की। इस पर साधु ने उसे आदेश दिया कि वह गांव छोड़कर दूर चली जाए और पीछे मुड़कर न देखे। दुर्भाग्य से, वह महिला पीछे मुड़कर देख बैठी और वह भी पत्थर की मूर्ति बन गई। कहा जाता है कि इस श्राप के बाद से किराडू के आसपास के क्षेत्र में शाम के बाद कोई नहीं ठहरता। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति शाम के बाद इस क्षेत्र में रुकता है, वह पत्थर का बन जाता है।

पर्यटकों के लिए आकर्षण:

किराडू मंदिर एक रहस्यमयी धरोहर होने के साथ-साथ एक प्रमुख पर्यटक स्थल भी है। हर साल यहां सैकड़ों पर्यटक आते हैं जो इस मंदिर की अद्भुत वास्तुकला और इसके साथ जुड़ी रहस्यमयी कहानियों को जानने के इच्छुक होते हैं। हालांकि, स्थानीय लोग और गाइड्स अक्सर पर्यटकों को शाम के समय मंदिर के पास ठहरने से मना करते हैं। दिन के समय, इस मंदिर की खूबसूरती और ऐतिहासिक महत्व को देखने के लिए यह स्थान एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।