Mysterious Village: जहां पैदा होते ही गूंगे बहरे हो जाते हैं बच्चे, एक श्राप है वजह!

Mysterious Village: इस गांव की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ पैदा होने वाले बच्चों में से अधिकांश गूंगे-बहरे होते हैं। लेकिन यह केवल एक शारीरिक स्थिति नहीं है, बल्कि इस गांव के लोग इसे एक श्राप मानते हैं, जो सदियों से उनके साथ चला आ रहा है।

September 04, 2024
Mysterious village
Mysterious Village: जहां पैदा होते ही गूंगे बहरे हो जाते हैं बच्चे, एक श्राप है वजह!

Mysterious Village: दुनिया में कई ऐसे अनोखे और रहस्यमयी गांव (Mysterious Village) हैं, जिनकी कहानियां सुनकर कोई भी चौंक सकता है। ऐसा ही एक गांव है इंडोनेशिया के बाली प्रांत में स्थित बेंगकला, जिसे ‘गूंगा-बहरा गांव’ के नाम से जाना जाता है। इस गांव (Mysterious Village) की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ पैदा होने वाले बच्चों में से अधिकांश गूंगे-बहरे होते हैं। लेकिन यह केवल एक शारीरिक स्थिति नहीं है, बल्कि इस गांव के लोग इसे एक श्राप मानते हैं, जो सदियों से उनके साथ चला आ रहा है।

गांव के लोग मानते हैं एक श्राप को वजह:

बेंगकला गांव (Mysterious Village) की स्थापना सदियों पहले हुई थी, और तब से ही यहाँ के लोगों को एक अजीबोगरीब समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस गांव में रहने वाले लोग मानते हैं कि उनके पूर्वजों ने कोई बड़ी गलती की थी, जिसके कारण उन पर एक श्राप लगा, और उसी श्राप के कारण यहाँ के अधिकांश बच्चे गूंगे-बहरे पैदा होते हैं। यह स्थिति आज भी गांव (Mysterious Village) में देखने को मिलती है, और यह गांव दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गया है।

Mysterious Village और श्राप:

बेंगकला गांव (Mysterious Village) में करीब 3,000 लोग रहते हैं। गांव की इस स्थिति को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ‘कंजेनिटल डेफनेस’ कहा जाता है, जो एक जेनेटिक स्थिति है। लेकिन गांव के लोग इसे श्राप मानते हैं और इसे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखते हैं। यहाँ के लोग मानते हैं कि यह श्राप उनके पूर्वजों की गलतियों के कारण उन पर लगा है, और इसे दूर करने के लिए वे कई धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।

गांव के लोगों की अनोखी भाषा:

बेंगकला गांव (Mysterious Village) की सबसे अनोखी बात यह है कि यहाँ के लोग एक विशेष सांकेतिक भाषा का प्रयोग करते हैं, जिसे ‘कता कोला’ कहा जाता है। यह भाषा केवल इस गांव में ही विकसित हुई है और इसे बाहरी दुनिया के लोग नहीं समझ पाते। इस भाषा का प्रयोग गूंगे-बहरे लोग एक-दूसरे के साथ संवाद करने के लिए करते हैं। ‘कता कोला’ की शुरुआत कई पीढ़ियों पहले हुई थी, और आज भी यह गांव की प्रमुख भाषा बनी हुई है।

इस गांव में गूंगे-बहरे लोग एक मजबूत समुदाय का हिस्सा हैं, और उन्हें गाँव के अन्य लोग भी पूरी तरह से स्वीकार करते हैं। यहाँ पर गूंगे-बहरे लोगों को किसी प्रकार की हीन भावना का सामना नहीं करना पड़ता। यहाँ के लोग अपनी भाषा और संस्कृति के प्रति गर्व महसूस करते हैं और इस स्थिति को अपने जीवन का हिस्सा मानते हैं।

कई वैज्ञानिक कर चुके हैं रिसर्च:

बेंगकला गांव का यह रहस्य, कि यहाँ के बच्चे गूंगे-बहरे पैदा होते हैं और एक विशेष सांकेतिक भाषा का प्रयोग करते हैं, बाहरी दुनिया के लिए एक बड़ा आकर्षण बन गया है। कई शोधकर्ता और वैज्ञानिक इस गांव का दौरा कर चुके हैं, ताकि वे यहाँ की भाषा और गूंगे-बहरेपन के कारणों को समझ सकें। लेकिन अभी तक इसका कोई स्पष्ट वैज्ञानिक कारण नहीं पता चल सका है, जो इस स्थिति को पूरी तरह से समझा सके।

श्राप से मुक्ति के लिए धार्मिक अनुष्ठान करते हैं लोग:

बेंगकला गांव के लोग अपनी धार्मिक आस्थाओं में भी विश्वास रखते हैं और मानते हैं कि इस श्राप से छुटकारा पाने के लिए वे विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान करते हैं। यहाँ पर कई मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, जहाँ लोग पूजा-अर्चना करते हैं और अपने पूर्वजों की आत्माओं को शांत करने की कोशिश करते हैं। उनके विश्वास के अनुसार, इन अनुष्ठानों से श्राप को कम किया जा सकता है और आने वाली पीढ़ियाँ इससे मुक्त हो सकती हैं।