Mysterious WaterFall: यह दुनिया रहस्यों से भरी हुई है। दुनिया के कई देशों में रहस्यमयी (Mysterious) चीजें और जगहें हैं। इन रहस्यो के बारे में जानकर हरकोई हैरान रह जाता है। कई रहस्य तो ऐसे हैं जिनका आजतक वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पाए हैं। हमारे देश भारत में भी कई रहस्यमयी चीजें हैं।
आप जब कहीं घूमने जाते हैं तो प्रकृति की मनमोहक चीजें आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती हैं। लेकिन इस प्रकृति में कई ऐसे रहस्य भी छिपे हैं जहां विज्ञान भी फेल हो जाता है। देव भूमि उत्तराखंड की एक ऐसी ही रहस्यमयी चीज के बारे में हम आपको आज बताने जा रहे हैं।
उत्तराखंड का Mysterious WaterFall:
देवभूमि उत्तराखंड की खूबसूरत वादियां सभी का मन मोह लेती हैं। उत्तराखंड़ में कई प्रसिद्ध तीर्थ स्थल और धार्मिक आस्था के स्थल हैं। इसी वजह से हर साल यहां लाखों लोग यात्रा पर और घूमने के लिए आते हैं। उत्तराखंड में कई प्राकृतिक झरने भी मौजूद हैं जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि उत्तराखंड में एक रहस्यमयी झरना (Mysterious Waterfall) है। यह झरना (WaterFall) दिखने में जितना खूबसूरत है उतना ही रहस्मयमयी है। दरआल, इस झरने का पानी पापी लोगों पर नहीं गिरता।
शास्त्रों में भी है इस रहस्यमयी झरने का उल्लेख:
यह रहस्यमयी झरना उत्तराखंड के चमोली जिले के बद्रीनाथ में है। ऐसा कहा जाता है कि पापी व्यक्तियों के स्पर्श मात्र से ही इस झरने का पानी गिरना बंद हो जाता है। यह जानकार आपको आश्चर्य हो रहा होगा लेकिन यह बिल्कुल सच है। यह अद्भुत झरना बद्रीनाथ से करीब 8 किमी दूर स्थित भारत के आखिरी गांव माणा से पांच किमी दूर स्थित है। यह झरना समुद्रतल से 13,500 फीट की ऊंचाई पर मौजूद है।
इस अद्भुत और रहस्यमयी झरने को वसुधारा वाटरफॉल के नाम से भी जाना जाता है। इस वसुधारा वाटरफॉल का उल्लेख शास्त्रों में भी मिलता है। इस झरने को बहुत ही पवित्र माना जाता है और यह अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए है। वसुधारा नाम का यह झरना करीब 400 फीट ऊंचाई से गिरता है। इस झरने का पानी बिल्कुल स्वच्छ और सफेद मोतियों के समान नजर आता है।
पापियों पर नहीं गिरता झरने का पानी:
यह जगह इतनी मनमोहक है कि यहां आकर ऐसा लगता है जैसे स्वर्ग में आ गए हों। यह झरना सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है लेकिन इसकी खास बात यह है कि इस झरने का पानी पापियों पर नहीं गिरता। ऐसा माना जाता है कि इस पानी की बूंदें पापियों के तन पर नहीं पड़ती।
वहीं हमारे धार्मिक ग्रंथों में भी बताया गया है कि पांच पांडवों में से सहदेव ने अपने प्राण इसी जगह पर त्यागे थे। इस झरने के बारे में ऐसी मान्यता है कि अगर इस झरने के पानी की एक भी बूंद अगर किसी व्यक्ति पर गिर जाए तो वह पुण्य व्यक्ति है। इस झरने की इस अद्भुत विशेषता के कारण देश विदेश से लोग इसे देखने के लिए आते हैं।
इस वजह से नाम पड़ा वसुधारा:
इस झरने के बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि इस झरने का पानी वहां पहाड़ में मौजूद कई जड़ी-बूटियों वाले पौधों को स्पर्श करते हुए नीचे गिरता है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के शरीर पर इस झरने का पानी गिरता है तो वह व्यक्ति हमेशा के लिए निरोगी हो जाता है। वहीं कहा जाता है कि इस जगह पर अष्ट वसु (अयज, ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्यूष व प्रभाष) ने कठोर तप किया था। इसी वजह से इस वाटरफॉल का नाम वसुधारा पड़ा।