Serial Killer: सिर्फ रूमाल से कर दी 900 लोगो की हत्या, आखिर कौन था भारत का यह dangerous सीरियल किलर

Serial Killer: भारत का इतिहास कई रहस्यमयी और चौंकाने वाली घटनाओं से भरा हुआ है| इसी इतिहास में कई सीरियल किलर्स के नाम भी दर्ज हैं| इन किलर्स ने कई लोगों को बड़ी बेहरमी से मौत के घाट उतारा दिया।

October 14, 2024
Serial Killer
Serial Killer: सिर्फ रूमाल से कर दी 900 लोगो की हत्या, आखिर कौन था भारत का यह dangerous सीरियल किलर

Serial Killer: भारत का इतिहास कई रहस्यमयी और चौंकाने वाली घटनाओं से भरा हुआ है| इसी इतिहास में कई सीरियल किलर्स के नाम भी दर्ज हैं| इन किलर्स ने कई लोगों को बड़ी बेहरमी से मौत के घाट उतारा दिया। 18वीं और 19वीं सदी के दौरान, एक सीरियल किलर ने पूरे भारत में आतंक का साम्राज्य स्थापित कर रखा था।

जहाँ दूसरे सीरियल किलर्स(Serial Killer) मारने के लिए चाकू, कुल्हाडी जैसे खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल करते थे। वहीं यह सीरियल किलर सिर्फ रूमाल के सहारे लोगों को मौत के घाट उतारा देता था। उसने अकेले 900 लोगों की हत्या की थी। जी हाँ हम बात कर रहे हैं ठग बेहराम की जिसका नाम आज भी भारत के सबसे खतरनाक सीरियल किलर के रूप में लिया जाता है|

कौन था ठग बेहराम:

ठग बेहराम का जन्म 1765 के आस-पास भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में हुआ था। वह एक “ठग” था जो अपने साथियों के साथ मिलकर यात्रियों को धोखे से लूट कर उनकी हत्या कर देता था। उसने 1790 से लेकर 1840 तक अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था। ठग बहराम का आतंक पूरे भारत में फैल चुका था और अंग्रेजी हुकुमत भी उससे घबराती थी।

ऐसे करता था ठगी:

बेहराम अपना निशाना व्यापारियों अथवा तीर्थ यात्रा पर निकले यात्रियों को बनाता था | वह यात्रियों से दोस्ती करके उनका विश्वास जीत लेता था फिर किसी सुनसान जगह पर ले जाकर उन्हें लूटकट उनकी हत्या कर देता था। वह इतनी सफाई से हत्या करता था कि किसी को उसकी योजनाओं का अंदाजा तक नहीं ठग बेहराम का अपनी योजना को अंजाम देने का एक खास तरीका था|

वह “रूमाल” या “साफे” का इस्तेमाल करता था। वह अपने रूमाल में सिक्के बांधकर उस रूमाल को बड़ी चालाकी से पीड़ित के गले में डालता और एक झटके में उसकी सांस रोककर हत्या कर देता था। इसके बाद वह लाशों को ठिकाने लगा देता था। इस प्रक्रिया को “गरोटी” कहा जाता था। बेहराम(Serial Killer) का यह तरीका इतना प्रभावी और निर्दयी था कि वह बिना खून बहाए, शांति से अपने शिकार को मार डालता था। ठग बेहराम ने अपने जीवनकाल में इसी रूमाल से 900 से अधिक लोगों की जान ली थी।

करीब 200 लोग का था गिरोह:

जब लोग लगातार गायब होने लगे तब इसी जांच की जिम्मेदारी 1809 में एक अंग्रेज अफसर कैप्टन स्लीमैन को दी गयी जांच करने के बाद कैप्टन स्लीमैन ने खुलासा किया कि ठग बहराम का गिरोह यह काम कर रहा है और वही लोगों की हत्याएं करने के बाद उनकी लाशें तक गायब कर देता है। कैप्टन स्लीमैन ने बताया था कि ठग बहराम के गिरोह में करीब 200 लोग थे।

Serial Killer बेहराम की गिरफ्तारी:

19वीं सदी की शुरुआत में, ब्रिटिश हुकूमत ने ठगों के बढ़ते आतंक को समाप्त करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया। दिल्ली से लेकर जबलपुर तक कैप्टन स्लीमैन ने गुप्तचरों का एक बड़ा जाल बिछाया था। इसके बाद गिरोह की भाषा को समझकर कैप्टन स्लीमैन ने खुलासा किया कि ठग रामोसी भाषा का इस्तेमाल करते थे।

लोगों को खत्म करने के दौरान बहराम(Serial Killer) का गिरोह इस भाषा का इस्तेमाल करता था। हालांकि, 10 साल बाद बहराम को गिरफ्तार कर लिया गया। जब बहराम को गिरफ्तार किया गया तब उसकी उम्र 75 साल थी|

गिरफ्तार होने के बाद, बेहराम ने 931 हत्याओं का जुर्म कबूल किया, जिसमें से उसने 125 हत्याएं अकेले अपने हाथों से की थी, जबकि बाकी हत्याएं उसकी योजना और आदेश के तहत उसके गिरोह ने की थी। ब्रिटिश सरकार ने बेहराम पर मुकदमा चलाया और 1840 में उसे फांसी की सजा सुनाई गई।