Ahoi Ashtami Vrat 2024: 24 अक्टूबर को रखा जाएगा अहोई अष्टमी व्रत व्रत की सही पूजा विधि और इन 5 खास बातों का ध्यान

Ahoi Ashtami Vrat 2024: भारत में अहोई अष्टमी का पर्व माताओं द्वारा अपने बच्चों की लंबी आयु, सुख और समृद्धि के लिए बड़े श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान की सुरक्षा और उनके सुखमय जीवन की कामना के लिए रखा जाता है।

October 18, 2024
Ahoi Ashtami
Ahoi Ashtami Vrat 2024: 24 अक्टूबर को रखा जाएगा अहोई अष्टमी व्रत व्रत की सही पूजा विधि और इन 5 खास बातों का ध्यान

Ahoi Ashtami Vrat 2024: भारत में अहोई अष्टमी का पर्व माताओं द्वारा अपने बच्चों की लंबी आयु, सुख और समृद्धि के लिए बड़े श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से संतान की सुरक्षा और उनके सुखमय जीवन की कामना के लिए रखा जाता है।

इस वर्ष 2024 में Ahoi Ashtami का व्रत 24 अक्टूबर को रखा जाएगा। यह व्रत हर वर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आता है। इस दिन माताएं दिनभर निर्जल या जल ग्रहण कर व्रत रखती हैं और शाम को अहोई माता की पूजा करके व्रत का पारण करती हैं।

Ahoi Ashtami के व्रत का महत्व करवा चौथ के व्रत के समान होता है। जहाँ करवा चौथ में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं, वहीं अहोई अष्टमी में अपने बच्चों के लिए यह व्रत किया जाता है।

इस दिन महिलाएं अहोई माता का पूजन करती हैं और संतान की लंबी उम्र, सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती हैं। अगर आप भी अहाई अष्टमी का व्रत रखने जा रही हैं तो इन 5 बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें|

नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल न करें:

धार्मिक शास्त्रों में नुकीली वस्तुओं का प्रयोग अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami) के दिन अशुभ माना गया है। जो महिलाएं व्रत रखती हैं, उन्हें इस दिन सुई, कील, चाकू, कैंची जैसी नुकीली चीजों से दूर रहना चाहिए।

इन वस्तुओं का प्रयोग इस दिन वर्जित माना जाता है क्योंकि यह पूजा और व्रत के दौरान नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। अतः, इस बात का ध्यान रखें कि पूजा के समय इन चीजों का उपयोग न करें ताकि व्रत सफलतापूर्वक पूरा हो सके।

दोपहर में न सोएं:

यदि आप पहली बार अहोई अष्टमी(Ahoi Ashtami) का व्रत कर रही हैं, तो इस दिन दोपहर में सोने से बचें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, व्रत के दिन सोने से ऊर्जा का ह्रास होता है। इसकी बजाय आप दिनभर माता के भजन गाएं और कीर्तन करें।

इससे न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि यह आध्यात्मिक लाभ भी प्रदान करता है। भजन और कीर्तन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पूजा का माहौल और भी पवित्र बनता है।

अहोई माता की कथा सुनें:

Ahoi Ashtami का व्रत केवल उपवास तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके साथ धार्मिक कथा का श्रवण भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन अपने बच्चों के साथ अहोई माता की कथा जरूर सुननी चाहिए।

इसे विधिपूर्वक सुनने और पूजा-अर्चना करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कथा सुनने से व्रत और भी अधिक फलदायी हो जाता है।

बच्चों को प्रसाद दें:

अहोई अष्टमी के दिन पूजा के बाद बनाए गए प्रसाद का भोग अहोई माता को लगाना आवश्यक होता है। इसके बाद प्रसाद को अपनी संतान को अवश्य दें। ऐसा करने से माना जाता है कि अहोई माता की कृपा हमेशा बच्चों पर बनी रहती है। बच्चों को प्रसाद देने से उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है और जीवन में समृद्धि आती है।

तारों को अर्घ्य दें:

अहोई अष्टमी पर तारों को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है। इस दिन महिलाएं तारे देखकर उन्हें अर्घ्य देती हैं। इसके लिए विशेष रूप से चांदी के लोटे का उपयोग करना शुभ माना जाता है। चांदी के लोटे से अर्घ्य देने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

इन 5 बातों का ध्यान रखकर आप अहोई अष्टमी का व्रत सफलतापूर्वक कर सकती हैं और अहोई माता की कृपा प्राप्त कर सकती हैं। यह व्रत न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि अपने बच्चों के प्रति माता का प्रेम और समर्पण भी दर्शाता है।

Ahoi Ashtami पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि:

इस बार अष्टमी तिथि 24 अक्टूबर को सुबह 5:30 बजे से शुरू होगी और अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह 6:14 बजे तक रहेगी। पूजा का सबसे शुभ समय सूर्यास्त के बाद का माना जाता है। इसलिए, महिलाएं इस दिन शाम को अहोई माता का पूजन करती हैं। पूजन के लिए घर के किसी स्वच्छ स्थान पर दीवार पर अहोई माता की तस्वीर या प्रतीक बनाएं।

इसके साथ ही सात तारों का चित्र या प्रतीक भी बनाएं। पूजा में कलश, जल, धूप, दीपक, चंदन, फूल, रोली, अक्षत और मिठाई का उपयोग करें। पूजा के दौरान अहोई माता की कथा सुननी या पढ़नी चाहिए। साथ ही सात तारों की पूजा करके उनकी अर्चना भी करनी चाहिए।

डिस्क्लेमर: इस लेख में प्रस्तुत जानकारी ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। विभिन्न माध्यमों से एकत्रित करके ये जानकारियाँ आप तक पहुँचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज़ सूचना पहुँचाना है। viralnewsvibes.com इस जानकारी की सटीकता, पूर्णता, या उपयोगिता के बारे में कोई दावा नहीं करता और इसे अपनाने से होने वाले किसी भी परिणाम के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने विवेक और निर्णय का उपयोग करें।