Deepak Jalane ke niyam: दीपक जलाना भारतीय परंपरा और संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। भारतीय संस्कृति और परंपराओं में दीपक जलाने को विशेष महत्व है। चाहे त्योहार हो या पूजा-पाठ, दीपक की रोशनी से घर और मंदिरों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर में Deepak Jalane ke niyam होते हैं| जी हाँ वास्तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा में और सही तरीके से दीपक जलाना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है|
इसके अनुसार कुछ दिशाओं में दीपक जलाना अशुभ माना जाता है, जिससे परिवार पर संकट और समस्याएं आ सकती हैं। इसलिए, दीपक जलाते समय दिशा का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है,ताकि आपके घर में सुख, शांति, और समृद्धि बनी रहे। आइए जानते हैं कि वास्तुशास्त्र में Deepak Jalane ke कौन-कौन से niyam बताए गए हैं |
दीपक जलाने का महत्व:
हिन्दू संस्कृति में दीपक जलाने का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बताया गया है। इसे ईश्वर की आराधना और उनकी कृपा पाने का साधन माना जाता है। दीपक की लौ नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और सकारात्मकता को आकर्षित करती है। इसलिए पूजा-पाठ और हर शुभ कार्य में दीपक जरूर जलाया जाता है| सुबह-शाम दोनों समय घर में दीपक जलाया जाता है|
ऐसा माना जाता है कि शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से घर में नकारत्मकता प्रवेश नहीं कर पाती है| वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि घर की सही दिशा में दीपक जलाया जाए तो घर में मां लक्ष्मी का वास होता है| खूब धन-दौलत बढ़ती है, और घर खुशियों से भरा रहता है| लेकिन वहीं यदि दीपक को गलत दिशा में जलाया जाए तो पूरे परिवार पर संकट आ सकता है|
कौन-सी दिशा में दीपक जलाना होता है अशुभ:
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दक्षिण दिशा में दीपक जलाना बहुत ही अशुभ माना जाता है। इस दिशा को यमराज की दिशा कहा जाता है। यदि इस दिशा में दीपक जलाया जाता है, तो परिवार के सदस्यों की उम्र कम हो सकती है| इस दिशा में दीपक जलाने से घर में तनाव और झगड़े बढ़ सकते हैं। परिवार के सदस्य आपस में सामंजस्य नहीं बिठा पाते और उनके बीच मनमुटाव की स्थिति बनी रहती है।
साथ ही इस दिशा में दीपक जलाने से आर्थिक मामलों में हानि हो सकती है। व्यापार में नुकसान, नौकरी में समस्याएं और धन की बर्बादी जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त इस दिशा में दीपक जलाने से घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। घर में अशांति और नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसका प्रभाव घर के वातावरण पर पड़ता है, जिससे परिवार के सभी सदस्य मानसिक रूप से परेशान रहते हैं।
कौन-सी दिशा में दीपक जलाना होता है शुभ:
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की पूर्व दिशा, उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण), और दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण) में दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। पूर्व दिशा सूर्य देव की दिशा मानी जाती है। यहाँ दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार के सदस्यों को यश, कीर्ति, और समृद्धि प्राप्त होती है।
इसी प्रकार उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) दिशा भगवान शिव की दिशा मानी जाती है। यहाँ दीपक जलाने से ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण) दिशा अग्नि देव की दिशा मानी जाती है। यहाँ दीपक जलाने से घर में स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहती है। इस दिशा में दीपक जलाने से धन की वृद्धि होती है और परिवार के सदस्य स्वस्थ रहते हैं।
वास्तु के अनुसार Deepak Jalane ke niyam:
वास्तु शास्त्र के अनुसार दीपक का आकार और रंग भी महत्वपूर्ण होता है। पीतल या मिट्टी का दीपक शुभ माना जाता है। इसके अलावा, दीपक का आकार गोल या अर्धचंद्राकार होना चाहिए। दीपक में घी या तेल का उपयोग करना चाहिए। घी का दीपक देवताओं को प्रिय होता है, जबकि तेल का दीपक पितरों को समर्पित होता है।
बत्ती को भी सही दिशा में रखें, जैसे कि उत्तर या पूर्व दिशा में बत्ती का मुख होना चाहिए। इसके अलावा दीपक की संख्या भी मायने रखती है। पूजा में हमेशा विषम संख्या (1, 3, 5, 7) में दीपक जलाना चाहिए, जबकि सामान्य अवसरों पर एक या दो दीपक जलाए जा सकते हैं।
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