Dining direction as per Vastu: वास्तु शास्त्र में हर कार्य को सही दिशा में करने का विशेष महत्व बताया गया है| यह नियम हमारे दैनिक भोजन करने पर भी लागू होते हैं । वास्तु शास्त्र के अनुसार, सही दिशा(Dining direction as per Vastu) में भोजन करने से न केवल पाचन में सुधार होता है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन भी बना रहता है।
साथ ही यह आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं। यह भी माना जाता है कि अगर आप गलत दिशा में मुंह करके भोजन करते हैं, तो इसके नकारात्मक प्रभाव आपके स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति पर पड़ सकते हैं। आइए जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार भोजन करने की सही दिशा कौनसी है|
उत्तर दिशा Dining direction as per Vastu:
वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा में भोजन करना शुभ माना जाता है। उत्तर दिशा को कुबेर की दिशा कहा जाता है,जो धन और समृद्धि के देवता हैं। इसलिए इस दिशा (Dining direction as per Vastu) में भोजन करने से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है। उत्तर दिशा में भोजन करने से मन को शांति और स्थिरता मिलती है। इससे मानसिक तनाव कम होता है और ध्यान केंद्रित रहता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर दिशा में भोजन करने से पाचन तंत्र बेहतर तरीके से काम करता है। इस दिशा में भोजन करने से खाने के पोषक तत्व शरीर में अच्छे से अवशोषित होते हैं, जिससे स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देती है| इसलिए इस दिशा में भोजन करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। साथ ही और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती है।
पूर्व दिशा:
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा(Dining direction as per Vastu) में भोजन करना न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि यह मानसिक और पारिवारिक जीवन में भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह दिशा सूर्य की दिशा है इसलिए इसे ऊर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है।
पूर्व दिशा में भोजन करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है। इसके अलावा पूर्व दिशा में भोजन करने से भोजन के पोषक तत्वों का सही तरीके से अवशोषण होता है।
दक्षिण दिशा:
दक्षिण दिशा को यम की दिशा माना जाता है जिससे इसके कई नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। इसलिए वास्तु शास्त्र में दक्षिण दिशा में भोजन करने से बचने की सलाह दी जाती है। इस दिशा में भोजन करने से कई प्रकार की पेट की समस्याएँ और अन्य पाचन विकार उत्पन्न हो सकते हैं।
यह दिशा(Dining direction as per Vastu) पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, जिससे स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। इस दिशा में भोजन करने से आपकी दिनचर्या में सक्रियता कम हो सकती है, जिससे आपको आलस्य और थकान महसूस होती है। इसका प्रभाव मानसिक स्वास्थ पर भी पड़ सकता है।
यह दिशा व्यक्ति के जीवन में रुकावटें उत्पन्न कर सकती हैं इसलिए इस दिशा में भोजन करने से विकास और समृद्धि में बाधा आ सकती है। दक्षिण दिशा में भोजन करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है। जिससे पारिवारिक संबंधों में तनाव और कलह बढ़ सकती है। इसलिए, यदि संभव हो, तो दक्षिण दिशा में भोजन करने से बचना चाहिए|
पश्चिम दिशा:
वास्तु शास्त्र में पश्चिम दिशा(Dining direction as per Vastu) में भी भोजन करना उचित नहीं माना गया है। यह आपके स्वास्थ्य और पारिवारिक संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इस दिशा में भोजन करने से पाचन तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे पेट फूलने, अपच और गैस जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
इस दिशा में भोजन करने से घर में नकारात्मकता का माहौल बनता है, जो आपसी संबंधों को प्रभावित करता है। इसलिए, यदि संभव हो, तो पश्चिम दिशा में भोजन करने से बचना चाहिए और इसके बजाय उत्तर या पूर्व दिशा में भोजन करने का प्रयास करना चाहिए, जो स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए अधिक लाभकारी होता है। यह दिशा आर्थिक स्थिति पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है जिससे धन हानि हो सकती है |
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