Griha Pravesh: जब हम कोई नया घर खरीदते हैं तो बहुत उत्साहित होते है | भारतीय संस्कृति में घर में प्रवेश करने से पहले गृह प्रवेश करना परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण माना जाता है। माना जाता हैं कि इससे घर में खुशहाली, सुख-शांति और समृद्धि की शुरुआत होती है।
भारतीय संस्कृति में गृह प्रवेश के दौरान वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। यदि वास्तु के नियमों का पालन किया जाए, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार पर कभी भी धन की कमी नहीं होती। आइए जानते हैं, गृह प्रवेश के समय किन वास्तु नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
Griha Pravesh के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करें:
गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करना सबसे पहला और महत्वपूर्ण कदम है। पंचांग के अनुसार, अमावस्या और मंगलवार को गृह प्रवेश करना शुभ नहीं माना जाता। इसके अलावा, ग्रह नक्षत्रों और शुभ तिथियों का ध्यान रखना आवश्यक है। किसी अनुभवी पंडित से परामर्श कर शुभ मुहूर्त में गृह प्रवेश करना सकारात्मक परिणाम देता है।
प्रवेश द्वार पर ध्यान दें:
वास्तु शास्त्र में घर का मुख्य द्वार सबसे अधिक महत्व रखता है। मुख्य द्वार को घर की ऊर्जा का प्रवेश बिंदु माना जाता है। गृह प्रवेश (Griha Pravesh)से पहले मुख्य द्वार को अच्छी तरह साफ करें और इसे सजाएं।
मुख्य द्वार पर आम या अशोक के पत्तों की तोरण लगाएं। स्वस्तिक या “ओम” का चिन्ह बनाना भी शुभ माना जाता है। यह न केवल सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है।
कलश स्थापना और नारियल:
गृह प्रवेश (Griha Pravesh) के दौरान मुख्य द्वार पर पानी से भरा हुआ कलश और नारियल रखना बेहद शुभ होता है। इसे घर की समृद्धि और धन-धान्य में वृद्धि का प्रतीक माना जाता है। कलश स्थापना के समय इसमें गंगा जल, हल्दी और चावल डालकर इसे पवित्र बनाएं।
हवन और पूजा:
गृह प्रवेश(Griha Praveshy)के दिन हवन और पूजा का आयोजन करना अनिवार्य है। हवन के दौरान उपयोग में लाई जाने वाली सामग्रियां जैसे कपूर, चंदन, गूगल आदि से घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। साथ ही, देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा अवश्य करें।
रसोईघर का पहला भोजन:
गृह प्रवेश(Griha Pravesh)के दिन रसोई में सबसे पहला भोजन तैयार करना बेहद शुभ होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पहली रसोई की मिठाई या खीर को भगवान को भोग लगाकर सभी परिवारजनों के साथ बांटना चाहिए। यह परिवार के बीच प्यार और एकता को बढ़ावा देता है।
घर की सफाई और सजावट:
गृह प्रवेश से पहले घर की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। घर का हर कोना साफ और स्वच्छ होना चाहिए। मुख्य हॉल, पूजा स्थल और रसोई को विशेष रूप से साफ करें। घर की सजावट के लिए ताजे फूलों, दीयों और रंगोली का इस्तेमाल करें। यह घर की सुंदरता को बढ़ाने के साथ-साथ सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार करता है।
गृह प्रवेश(Griha Pravesh)के दिन घर में नई चीजों का उपयोग करना शुभ माना जाता है। यह नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन घर के लिए नई झाड़ू, बर्तन और अन्य आवश्यक वस्तुएं खरीदकर उनका उपयोग करें।
दक्षिण दिशा से बचें:
गृह प्रवेश(Griha Pravesh) के समय ध्यान रखें कि दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार या पूजा स्थल न हो। दक्षिण दिशा को वास्तु शास्त्र में नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना गया है। यदि यह संभव न हो, तो किसी अनुभवी वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श लें।
शुभ रंगों का उपयोग करें:
गृह प्रवेश के समय घर में उपयोग किए जाने वाले रंगों का विशेष ध्यान रखें। हल्के और शांत रंग जैसे सफेद, क्रीम, हल्का पीला या हरा रंग घर में शांति और सकारात्मकता बनाए रखते हैं। गहरे और चमकीले रंगों से बचें क्योंकि वे तनाव और अशांति का कारण बन सकते हैं।
दीप जलाएं:
गृह प्रवेश के समय घर के हर कोने में दीपक जलाने की परंपरा है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, दीपक का प्रकाश नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है।
दान और सत्कार:
गृह प्रवेश के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना शुभ होता है। अन्न, वस्त्र और धन का दान करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इसके अलावा, घर में आने वाले मेहमानों का सत्कार करना भी शुभ माना जाता है।
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