Kharmas 2024: खरमास, जिसे मलमास के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय पंचांग के अनुसार एक ऐसा समय है जिसे शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है। हर साल जब सूर्य देव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तब उस समय को खरमास कहा जाता है। खरमास की अवधि 30 दिनों की होती है|
इस साल 15 दिसंबर 2024 से जब ग्रहों के राजा सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे उसके बाद खरमास की शुरुआत हो जाएगी| हिन्दू धार्मिक मान्यता के मुताबिक खरमास के दौरान मांगलिक कार्य नहीं किए जाएंगे| इस लेख में हम जानेंगे कि खरमास साल में कितनी बार लगता है, इसका महत्व क्या है और इस दौरान शुभ कार्य क्यों नहीं किए जाते।
क्या होता है Kharmas:
‘खर’ का अर्थ होता है गधा, जो आलस्य और धीमी गति का प्रतीक है। इस समय को मलमास इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे अशुभ माना गया है। जब सूर्य देव धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं, तो यह समय खरमास कहलाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान सूर्य देव की गति धीमी हो जाती है और उनका प्रभाव कमजोर हो जाता है।
साल में कितनी बार लगता है Kharmas:
खरमास हर साल दो बार लगता है और दोनों बार इसकी अवधि 30-30 दिनों की होती है| जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करते हैं तब धनु Kharmas कहा जाता है| जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं तब उसे मीन Kharmas कहा जाता है | इस वर्ष 15 दिसंबर 2024 को सूर्य देव रात 10 बजकर 19 मिनट पर धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे|
जिसके बाद जब 14 जनवरी 2025 को सूर्य देव मकर संक्रांति के मौके पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे| इस दौरान सूर्य धनु राशि में स्थित रहेंगे इसलिए इसे धनु खरमास के नाम से जाना जाएगा।
खरमास में शुभ कार्य क्यों नहीं किए जाते:
हिंदू धर्म में Kharmas को अशुभ माना जाता है, और इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार शुरू करना, या कोई अन्य शुभ कार्य करने की मनाही होती है। मान्यताओं के अनुसार खरमास को भगवान विष्णु और सूर्य देव की उपासना का समय माना गया है इसलिए इस दौरान सूर्य देव और भगवान विष्णु की पूजा अवश्य करें |
Karmas में सूर्य और विष्णु की पूजा फलदायी होता है| इस दौरान लोग अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए पूजा, व्रत, और ध्यान करते हैं। साथ ही इस अवधि के दौरान धार्मिक ग्रंथों का पाठ भी किया जा सकता है|
खरमास का महत्व:
हालांकि खरमास को अशुभ माना जाता है, लेकिन इसका एक विशेष आध्यात्मिक महत्व भी है। यह समय ईश्वर भक्ति, आत्म-चिंतन, और शारीरिक-मानसिक शुद्धि के लिए उपयुक्त माना जाता है। खरमास के दौरान दान का विशेष महत्व माना गया है।
अनाज, वस्त्र, और धन का दान करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा करना अत्यधिक फलदायी माना जाता है। लोग व्रत रखकर अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
खरमास के दौरान क्या करें:
इस समय दान को विशेष महत्व दिया जाता है | गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना इस समय अत्यधिक लाभकारी होता है। धार्मिक अनुष्ठान जैसे भगवान विष्णु की पूजा और श्रीमद्भागवत का पाठ करना शुभ फलदायी होता है।
खरमास में क्या न करें:
हिन्दू धर्म में खरमास के दौरान कुछ कार्य करने से बचने की सलाह दी जाती है| इस समय विवाह, गृह प्रवेश, और अन्य मांगलिक कार्य वर्जित हैं क्योंकि ऐसा करने से अशुभ परिणाम प्राप्त होते है|
साथ ही इस समय कोई नया व्यापार या योजना शुरू करने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त करना मुश्किल होता है। खरमास के दौरान आलस्य और नकारात्मक सोच से बचना चाहिए।
डिस्क्लेमर: इस लेख में प्रस्तुत जानकारी ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। विभिन्न माध्यमों से एकत्रित करके ये जानकारियाँ आप तक पहुँचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज़ सूचना पहुँचाना है। viralnewsvibes.com इस जानकारी की सटीकता, पूर्णता, या उपयोगिता के बारे में कोई दावा नहीं करता और इसे अपनाने से होने वाले किसी भी परिणाम के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने विवेक और निर्णय का उपयोग करें।