Rahu Dosh: भारतीय ज्योतिष में राहु को एक छाया ग्रह माना जाता है, जो जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याओं का कारण बन सकता है। जब कुंडली में राहु अशुभ स्थानों में हो या उसकी स्थिति प्रतिकूल हो राहु दोष बनता है। यह दोष व्यक्ति के मानसिक संतुलन, करियर, स्वास्थ्य, धन और संबंधों में परेशानियाँ उत्पन्न कर सकता है।
यदि राहु के कारण जीवन में परेशानियाँ बढ़ रही हैं, तो कुछ ज्योतिषीय उपाय आपकी मदद कर सकते हैं। नियमित पूजा-पाठ, ध्यान, और सात्विक जीवन शैली अपनाकर राहु के दुष्प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है।
आइये, जानते हैं राहु दोष के प्रभाव और उनके निवारण के उपाय। राहु का प्रभाव जितना भी कठिनाई भरा क्यों न हो, इन उपायों से व्यक्ति के जीवन में शांति, खुशहाली और सकारात्मकता बनी रहती है।
Rahu के दुष्प्रभाव:
Rahu का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में नकारात्मकता ला सकता है। राहु की प्रतिकूलता व्यक्ति को मानसिक अस्थिरता और चिंता में डाल देती है। अनावश्यक भय और संदेह के कारण व्यक्ति अवसाद में जा सकता है। राहु दोष के प्रभाव से वैवाहिक जीवन में अनबन और रिश्तों में दरार हो सकती है। परिवार में असमंजस और झगड़े की स्थिति भी बन सकती हैं। राहु का प्रतिकूल प्रभाव व्यक्ति को आर्थिक रूप से नुकसान पहुँचाता है।
अनियमित खर्चे, धोखाधड़ी और कर्ज बढ़ने की संभावना रहती है। Rahu Dosh व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी असर डालता है, जिससे गुप्त रोग, त्वचा संबंधी समस्याएँ, मानसिक विकार और नशे की आदतें लग सकती हैं। कई बार राहु के प्रभाव से व्यक्ति को कानूनी मामलों, मुकदमों और सामाजिक बदनामी का सामना भी करना पड़ सकता है।
Rahu Dosh के निवारण के उपाय:
राहु दोष के कारण उत्पन्न परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” मंत्र का जाप लाभकारी होता है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से राहु के दुष्प्रभाव कम होते हैं और जीवन में सकारात्मकता आती है। हर रोज 108 बार इस मंत्र का जाप करें। खासतौर से, शनिवार के दिन यह जाप करना विशेष लाभकारी माना जाता है। साथ ही इसके निवारण के लिए नियमित रूप से हवन और पूजन करना अत्यंत लाभकारी होता है।
Rahu Dosh के निवारण के लिए “राहु शांति हवन” करवाना चाहिए। इसमें विशेष रूप से राहु को प्रसन्न करने के लिए धूप, गुड़, तिल, और सरसों का उपयोग किया जाता है। राहु को नागदेवता का प्रतीक माना गया है, इसलिए नागदेवता की पूजा करने से राहु के दोष को कम किया जा सकता है। विशेषकर नाग पंचमी के दिन नागों को दूध अर्पित करना राहु को शांत करता है और जीवन में शांति लाता है। राहु के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए राहु का रत्न ‘गोमेद’ पहना जाता है। गोमेद की अंगूठी को चाँदी में जड़वाकर इसे शनिवार के दिन सीधे हाथ की मध्यमा अंगुली में पहनना चाहिए।
इसे पहनने से राहु का प्रभाव शांत होता है और व्यक्ति मानसिक स्थिरता और आर्थिक उन्नति प्राप्त करता है। शनिवार के दिन काले तिल का दान राहु दोष के निवारण के लिए प्रभावशाली माना जाता है। काले तिल, सरसों का तेल, काले कपड़े, लोहे की वस्तुएं दान करना भी राहु को शांत करने में मदद करता है। इन दानों से राहु के दुष्प्रभाव में कमी आती है और व्यक्ति का मानसिक तनाव कम होता है।
अन्य उपाय:
हनुमान जी की पूजा और हनुमान चालीसा का नियमित पाठ राहु दोष को कम करने में सहायक होता है। हनुमान जी को राहु के विरोधी ग्रहों में से एक माना गया है, इसलिए उनकी उपासना से राहु के दोष का असर कम होता है। मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा करने से राहु शांत रहता है।
प्रतिदिन तांबे के पात्र में जल भरकर उसमें लाल चंदन मिलाकर सूर्यदेव को अर्पित करना भी राहु दोष के निवारण के लिए फायदेमंद होता है। सूर्यदेव की उपासना से राहु की नकारात्मकता में कमी आती है और व्यक्ति के जीवन में उन्नति होती है। राहु को शांत करने के लिए कुत्तों को भोजन कराना भी लाभकारी माना जाता है। कुत्ते राहु ग्रह के प्रतीक माने जाते हैं। रोज़ाना या शनिवार के दिन विशेषकर काले कुत्तों को भोजन कराना शुभ माना जाता है।
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