Vastu for Shoes: वास्तु शास्त्र में घर की हर वस्तु की दिशा और स्थिति का विशेष महत्व होता है। यदि कोई भी वस्तु गलत दिशा या स्थान पर रखी जाती है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य पर, बल्कि परिवार के समृद्धि और सुख-शांति पर भी पड़ता है। जूते-चप्पल जैसी वस्तुओं जो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा हैं, को हम आमतौर पर घर के कोनों में लापरवाही से रख देते हैं|
वास्तु के अनुसार, इन्हें सही दिशा में न रखने से यह क्लेश और आर्थिक तंगी का कारण बन सकती हैं। आइए जानें कि घर में जूते-चप्पल रखने के सही और गलत स्थान कौन से हैं, और कैसे यह हमारे जीवन को प्रभावित कर सकते हैं।
Vastu for Shoes:
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में फैली हुई अव्यवस्था नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है। विशेष रूप से जूते-चप्पल जैसी वस्तुएं, जो रोजमर्रा की जरूरतों का हिस्सा हैं, घर में गलत दिशा या स्थान पर रखने से जीवन में तनाव, आर्थिक समस्याएं और पारिवारिक कलह उत्पन्न कर सकती हैं।
किस दिशा में जूते-चप्पल रखना है अशुभ:
वास्तु शास्त्र के अनुसार, जूते-चप्पल(Shoes) कभी भी उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में नहीं रखने चाहिए। यह दिशा देवताओं का निवास स्थान मानी जाती है, और यहां गंदगी या अशुद्ध वस्तुओं को रखना अशुभ माना जाता है। जूते-चप्पल को उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है, जिससे परिवार के सदस्यों के बीच तनाव और विवाद बढ़ सकते हैं। साथ ही उत्तर-पूर्व दिशा में जूते-चप्पल रखने से घर के आर्थिक स्रोतों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
यह परिवार को आर्थिक संकट में डाल सकती है, और पाई-पाई के लिए मोहताज होने की स्थिति आ सकती है। इस दिशा में जूते-चप्पल रखने से परिवार के सदस्यों के बीच आपसी समझ और सौहार्द्र बिगड़ सकता है। पारिवारिक विवाद बढ़ने लगते हैं। इसके अलावा जूते-चप्पल की गलत दिशा में स्थिति से घर के सदस्यों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इससे शरीर में थकान, आलस्य और मानसिक तनाव का अनुभव होने लगता है।
जूते-चप्पल रखने की सही दिशा:
वास्तु शास्त्र में घर के हर हिस्से की एक उचित दिशा होती है, और उसी प्रकार जूते-चप्पल(Shoes) रखने की भी सही दिशा बताई गई है। वास्तु के अनुसार, जूते-चप्पल को हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना सबसे उपयुक्त माना जाता है। यह दिशा पृथ्वी तत्व से जुड़ी होती है, जो स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक है।
इस दिशा में जूते-चप्पल रखने से घर में शांति और समृद्धि बनी रहती है। दक्षिण-पश्चिम दिशा में जूते-चप्पल रखने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। यह दिशा स्थिरता और सुख-समृद्धि की ओर इंगित करती है, जिससे परिवार आर्थिक रूप से मजबूत रहता है।
इस दिशा में जूते-चप्पल रखने से पारिवारिक सदस्यों के बीच आपसी प्रेम और सहयोग बढ़ता है। घर में शांति और सौहार्द्र का वातावरण बना रहता है। सही दिशा में जूते-चप्पल रखने से परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है, और घर के सदस्यों की मानसिक और शारीरिक स्थिति बेहतर रहती है।
अन्य महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स:
जूते-चप्पल रखने के अलावा भी वास्तु शास्त्र में कुछ और महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि को बनाए रख सकते हैं| हमेशा ध्यान रखें कि जूते-चप्पल घर में व्यवस्थित तरीके से रखें। बिखरे हुए जूते-चप्पल घर में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करते हैं।
इन्हें किसी बंद अलमारी या जूते-रैक में रखें। बाहर से आने के बाद गंदे जूते-चप्पल को घर के अंदर नहीं लाना चाहिए। इससे घर में गंदगी और नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। हमेशा कोशिश करें कि घर के प्रवेश द्वार पर ही जूते-चप्पल उतारें।जूते-चप्पल की नियमित रूप से सफाई करें। गंदे और टूटे-फूटे जूते-चप्पल घर में नकारात्मकता का संचार करते हैं।
ऐसे जूते-चप्पल जिन्हें आप अब उपयोग नहीं करते, उन्हें घर से बाहर कर दें। ध्यान रखें कि प्रवेश द्वार के पास जूते-चप्पल का ढेर न लगाएं: प्रवेश द्वार के पास जूते-चप्पल का ढेर लगाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। प्रवेश द्वार को साफ और खुला रखना जरूरी है, ताकि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो सके।
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