Grok: एलन मस्क का Grok क्यों दे रहा गालियां? जानिए कैसे काम करता है यह AI टूल

Grok: टेक्नोलॉजी के जमाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेस (AI) टूल्स आजकल हमारी जिंदगी का हिस्सा बनता जा रहा है। टेक्नोलॉजी की दुनिया में कई तरह के AI टूल्स हैं लेकिन इन दिनों एक AI टूल चर्चा में है। हम बात कर रहे हैं Grok। एलन मस्क का यह AI टूल इन दिनों सुर्खियां बटोर रहा है।

दरअसल, सोशल मीडिया की दुनिया में एक अजीब और मजेदार घटना वायरल हो रही है। एलन मस्क का एआई टूल “Grok” गालियां दे रहा है। सोशल मीडिया पर लोग हैरान हैं कि Grok ऐसा क्यों कर रहा है। जानते हैं कि यह ऐसा क्यों कर रहा है और यह टूल कैसे काम करता है।

Grok क्या है:

Grok एक AI chatbot है जिसे एलन मस्क की कंपनी xAI ने विकसित किया है। यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में Twitter) पर इंटीग्रेटेड है और इसका मकसद ChatGPT जैसे अन्य चैटबॉट्स को टक्कर देना है। यह एक जेनरेटिव एआई है जो यूज़र्स के सवालों के जवाब देता है, जोक्स करता है, और सामान्य बातचीत कर सकता है।

इसकी खास बात है इसका “बागी” स्वभाव। एलन मस्क ने खुद इसके बारे में कहा है कि यह चैटबॉट बाकी AI की तुलना में ज्यादा “स्पष्टवादी” और “सच बोलने वाला” है। यानी यह एआई सिर्फ सटीक जवाब नहीं देता, बल्कि मजाकिया, व्यंग्यात्मक और कभी-कभी विवादास्पद भाषा का भी इस्तेमाल करता है।

क्यों गालियां दे रहा है Grok:

इन दिनों Grok अपनी गालियों की वजह से चर्चा में आ रहा है। लेकिन यह ऐसा क्यों कर रहा है। दरअसल, एआई टूल Grok को जानबूझकर एक “edgy” और इंसानी जैसे व्यवहार के साथ बनाया गया है। इसी वजह से Grok कभी-कभी गुस्सैल, सीधा-सपाट और गाली-गलौज भरा जवाब दे देता है, खासकर जब यूज़र द्वारा उकसाया जाए।

यूज़र इनपुट:

कई बार यूज़र खुद ऐसे सवाल पूछते हैं या मज़ाकिया ढंग से बात करते हैं, जिससे चैटबॉट को वैसा ही लहजा अपनाने की ट्रेनिंग मिलती है। उदाहरण के लिए, अगर कोई यूज़र मजाक में पूछता है, “Grok, तेरी सोच क्या गटर से आती है?”, तो हो सकता है Grok जवाब में बोले, “तेरे जैसे बुद्धिहीन प्राणी से बहस करना बेकार है।”

टेस्टिंग फेज और बग्स:

कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह AI टूल अभी भी टेस्टिंग मोड में है। इसमें फिल्टरिंग और भाषा प्रोसेसिंग पूरी तरह परिपक्व नहीं है, जिससे कई बार अनावश्यक गालियां निकल जाती हैं। कई बार बग्स की वजह से भी ऐसा हो सकता है।

ऐसे काम करता है:

Grok एक लार्ज लैंग्वेज मॉडल पर आधारित है, जो बड़ी मात्रा में इंटरनेट डाटा, सोशल मीडिया पोस्ट्स, न्यूज आर्टिकल्स, मीम्स, और अन्य टेक्स्ट से सीखता है। Grok इंटरनेट से जुटाए गए डाटा से यह सीखता है कि किस तरह से लोग बात करते हैं। इसमें कभी-कभी गाली-गलौज भी शामिल होती है।

यह चैटबॉट यूजर्स के सवालों का संदर्भ समझने की कोशिश करता है और उसी के अनुसार जवाब देता है – गंभीर, मज़ाकिया, या व्यंग्यात्मक। इस बारे में एलन मस्क का कहना है कि Grok को X प्लेटफॉर्म के लाइव डेटा से जोड़ा गया है, जिससे यह वर्तमान ट्रेंड्स पर भी राय देता है, जो कभी-कभी विवादास्पद होती है।

Grok की गालियों पर यूजर्स के रिएक्शन:

एलन मस्क के टूल Grok के इस तरह के व्यवहार पर यूजर्स की अलग अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही ह। कुछ यूजर्स इसे मजेदार बता रहे हैं। वहीं कुछ यूजर्स इसे असली AI बता रहे हैं।

वहीं कुछ यूजर्स में इसे लेकर गुस्सा भी देखने को मिल रहा है। इनका कहना है कि AI को सीमाएं पता होनी चाहिए। एक्पर्ट्स का मानना है कि यह एक सोशल एक्सपेरिमेंट भी हो सकता है – जिससे देखा जाए कि लोग कैसे प्रतिक्रिया देते हैं जब AI “संवेदनशील” हो जाए।

भविष्य में हो सकते हैं इसमें बदलाव:

Grok का गालियां देना एक जानबूझकर बनाई गई रणनीति भी हो सकती है और तकनीकी कमी का हिस्सा भी। जहाँ कुछ लोगों को यह नया और मज़ेदार अनुभव लग रहा है तो दूसरी ओर यह AI की सीमाओं और जिम्मेदारियों पर भी सवाल खड़े करता है। हो सकता है कि भविष्य में कुछ बदलाव देखने को मिलें। इसकी इस कमी को सुधारा जा सकता है।