Arjun Kapoor: बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor) ने अपनी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। उन्हें फिल्मी दुनिया में एक बड़ी पहचान मिली है, लेकिन इसके पीछे एक गहरी संघर्षपूर्ण कहानी है। अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor) अपनी निजी जिंदगी में कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से भी जूझ रहे हैं। हाल ही एक इंटरव्यू में अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor) ने इस बारे में खुलकर बात की। इनमें सबसे प्रमुख हैं- डिप्रेशन और हाशिमोटो डिजीज।
ये दोनों समस्याएं उनकी जिंदगी और करियर पर गहरा प्रभाव डालती हैं, लेकिन अर्जुन (Arjun Kapoor) ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने बताया कि जब वे सिंघंम अगेन फिल्म की शूटिंग कर रहे थे तो उन्हें माइल्ड डिप्रेशन था। इससे उबरने के लिए उन्होने थैरेपी का सहारा भी लिया।
मलाइक से ब्रेकअप के बाद टूटे Arjun Kapoor:
अभिनेता अर्जुन कपूर (Arjun Kapoor) और मलाइका अरोड़ा के रिलेशन के बारे में सबको पता है। हालांकि दोनों ने कभी खुद आधिकारिक तौर पर अपने रिश्ते पर मुहर नहीं लगाई। दोनों काफी समय से एक दूसरे के साथ रिलेशन में थे। लेकिन पिछले दिनों दोनों के ब्रेकअप की खबरें सामने आईं। खुद अभिनेता ने ब्रेकअप की खबरों को कंफर्म किया था। मलाइका अरोड़ा संग ब्रेकअप के बाद अर्जुन कपूर टूट से गए थे और अकेलेपन का शिकार हो गए थे। इसकी वजह से उन्हें माइल्ड डिप्रेशन भी हुआ। इसके साथ ही अर्जुन कपूर हाशिमोटो डिजीज से भी जूझ रहे हैं।
क्या है हाशिमोटो डिजीज:
अर्जुन कपूर को हाशिमोटो थायरॉइडिटिस नामक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जो थायरॉइड ग्लैंड को नुकसान पहुंचाता है और हार्मोनल असंतुलन उत्पन्न करता है। इस बीमारी में शरीर की इम्यून प्रणाली थायरॉइड को अपने दुश्मन की तरह समझकर उस पर हमला करती है। इस वजह से थायरॉइड ग्लैंड सही से काम नहीं कर पाती और इससे कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं जैसे कि वजन बढ़ना, थकान, मूड स्विंग्स, और मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर। इस बीमारी की वजह से अर्जुन को अपने वजन को नियंत्रित करने में भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
बॉलीवुड में जहां शारीरिक फिटनेस को प्रमुखता दी जाती है, वहां हाशिमोटो डिजीज जैसी समस्या एक चुनौती बन जाती है। फिल्मों में एक आकर्षक और फिट लुक बनाए रखना कलाकारों के लिए एक प्राथमिकता होती है, और ऐसी स्थिति में अर्जुन को अपनी बीमारी के साथ फिट रहने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।
माइल्ड डिप्रेशन के लिए ली थैरेपी:
अर्जुन कपूर ने न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के मामले में संघर्ष किया है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से भी जूझा है। बॉलीवुड का दबाव, निजी जीवन में तनाव और अपनी माँ को खोने का दर्द, ये सब अर्जुन के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालते हैं। अर्जुन ने कई बार अपने इंटरव्यू में इस बात का जिक्र किया है कि वे डिप्रेशन और एंग्जायटी का सामना कर चुके हैं।
डिप्रेशन से जूझने वाले व्यक्ति के लिए न केवल सामान्य जीवन जीना कठिन हो जाता है, बल्कि वे खुद को अक्सर अकेला और असहाय महसूस करने लगते हैं। अर्जुन कपूर ने इन सभी भावनाओं का सामना किया, लेकिन उन्होंने अपने करियर को इस संघर्ष का कारण बनने नहीं दिया। वे अपनी तकलीफों को एक प्रेरणा की तरह लेते हैं और खुद को मानसिक रूप से मजबूत बनाने की कोशिश करते रहते हैं।
अर्जुन कपूर ने नहीं मानी हार:
अर्जुन कपूर ने हाशिमोटो डिजीज के बावजूद अपने फिटनेस पर ध्यान देना शुरू किया। नियमित व्यायाम, स्वस्थ खान-पान, और एक सही जीवनशैली अपनाकर वे इस बीमारी से जुड़े प्रभावों को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं। उनके फिटनेस ट्रांसफॉर्मेशन ने कई लोगों को प्रेरित किया है। अर्जुन कपूर ने साबित किया है कि बीमारी या मानसिक समस्याएं एक व्यक्ति की सफलता में रुकावट नहीं बन सकतीं, यदि वह अनुशासन और मेहनत से उनका सामना करे।