Mahabharat: टेलीविज़न की दुनिया में एक ऐसा पौराणिक हिंदी शो जिसे भुला पाना लगभग नामुमिकन है| जी हाँ हम बात कर रहें हैं बी. आर. चोपड़ा द्वारा निर्मित महाकाव्य धारावाहिक ‘महाभारत'(Mahabharat) की| इस शो ने भारतीय टेलीविज़न के इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ी है। आज भी दर्शकों के दिलों में इस शो के किरदार और उनकी अदाकारी बसी हुई हैं।
चाहे नितीश भारद्वाज द्वारा किया गया श्री कृष्ण का रोल हो या मुकेश खन्ना द्वारा अभिनीत भीष्म पितामह का किरदार, सभी ने दर्शकों के दिन में एक अलग ही जगह बना ली थी| इनके अलावा एक और किरदार जिसे दर्शकों ने काफी सराहा था वो था द्रौपदी का किरदार| इस किरदार में रूपा गांगुली की अद्वितीय प्रस्तुति ने इस चरित्र को अमर बना दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस ऐतिहासिक शो में द्रौपदी के किरदार के लिए रूपा गांगुली नहीं, बल्कि एक और बॉलीवुड एक्ट्रेस को चुना गया था?
Mahabharat के द्रौपदी के लिए पहली पसंद:
आपको बता दें कि 1988 में प्रसारित हुए ‘महाभारत'(Mahabharat) के द्रौपदी के किरदार के लिए निर्माता बी. आर. चोपड़ा की पहली पसंद रूपा गांगुली नहीं थीं| उन्हें अपने इस किरदार की लिए कोई और अभिनेत्री पसंद थी| क्या आप जानते हैं कि यह अभिनेत्री कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड की चुलबुली अदाकारा जूही चावला थीं।
जी हाँ जूही चावला, जो आज बॉलीवुड की सफलतम अभिनेत्रियों में से एक मानी जाती हैं, उस समय अपने करियर की शुरूआती दौर में थी। सन्न 1984 में जूही चावला ने मिस इंडिया का खिताब जीता था और इसके बाद उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा। निर्माता-निर्देशक बी. आर. चोपड़ा उनकी मासूमियत और प्रतिभा को देखते हुए उन्हें द्रौपदी के किरदार के लिए चुना था।
कैसे निकला गया हाथ से इतना बड़ा ऑफर:
उस समय जूही चावला अपने करियर के शुरुआती दौर में थीं और फिल्म इंडस्ट्री में खुद को स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रही थीं। हालांकि जूही चावला इस प्रतिष्ठित किरदार को निभाने के लिए काफी उत्साहित थीं, लेकिन फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ की शूटिंग के चलते वे इस धारावाहिक को समय नहीं दे पा रही थीं।
उस समय फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ उनके करियर के लिए एक बड़ा अवसर था, जिसे वे छोड़ नहीं सकती थीं। ऐसे में उन्हें ‘महाभारत'(Mahabharat) में द्रौपदी का किरदार निभाने का मौका अपने हाथ से छोड़ना पड़ा।
कैसे मिला रूपा गांगुली को किरदार:
जब जूही चावला ने जब इस किरदार के लिए मना कर दिया, तब बी. आर. चोपड़ा ने बंगाली फिल्म इंडस्ट्री की चर्चित अभिनेत्री रूपा गांगुली से इस भूमिका के लिए संपर्क किया। रूपा गांगुली उस समय बंगाली सिनेमा में एक उभरता हुआ नाम थीं और उन्हें अभिनय का गहरा अनुभव था। उनकी सशक्त अदाकारी और व्यक्तित्व ने उन्हें द्रौपदी के किरदार के लिए परफेक्ट बना दिया। जब रूपा गांगुली ने इस किरदार को निभाया, तो दर्शकों ने उन्हें दिल से अपनाया और उनके अभिनय की सराहना की।
रूपा गांगुली की अदाकारी का जादू:
रूपा गांगुली ने द्रौपदी के किरदार में अपने सशक्त और संवेदनशील अभिनय से इस चरित्र को जीवंत कर दिया। महाभारत(Mahabharat) की कहानी में द्रौपदी का किरदार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह किरदार शक्ति, साहस, और आत्म-सम्मान का प्रतीक है। रूपा गांगुली ने इस चरित्र की गहराई को समझते हुए उसे जिस तरह से पर्दे पर प्रस्तुत किया, वह दर्शकों के दिलों में उतर गया। विशेषकर, ‘चीरहरण’ के दृश्य में उनकी अदाकारी ने इस किरदार को अमर कर दिया।
उनकी आंखों में बसी आग, चेहरे पर उभरते भाव और उनके संवादों की अदायगी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस शो की अपार सफलता के बाद उन्होंने हिंदी और बंगाली सिनेमा में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। रूपा गांगुली ने अपने करियर में ‘बॉर्डर’, ‘अंतर्यामी’, ‘बाजार सिट’, और ‘कुश्ती’ जैसी फिल्मों में यादगार अभिनय किया। इसके अलावा, उन्होंने टीवी शो ‘कसम से’, ‘कभी कभी’, और ‘कस्तूरी’ में भी काम किया। उनकी सशक्त अदाकारी ने उन्हें हिंदी और बंगाली सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित अभिनेत्रियों में से एक बना दिया।
जूही चावला का फिल्मी करियर:
जहां ‘महाभारत'(Mahabharat) में द्रौपदी के किरदार ने रूपा गांगुली को रातोंरात सुपरस्टार बना दिया। वहीं दूसरी ओर, जूही चावला का करियर भी ‘कयामत से कयामत तक’ के बाद तेजी से आगे बढ़ा। इस फिल्म की अपार सफलता ने उन्हें बॉलीवुड की शीर्ष अभिनेत्रियों की सूची में ला खड़ा किया। इसके बाद उन्होंने ‘हम हैं राही प्यार के’, ‘यस बॉस’, ‘दीवाना मस्ताना’, ‘इश्क’, और ‘झंकार बीट्स’ जैसी हिट फिल्मों में काम किया।
जूही चावला की मासूमियत और उनके दिलकश अंदाज ने उन्हें दर्शकों का चहेता बना दिया। हालांकि जूही चावला ने ‘महाभारत’ में द्रौपदी का किरदार नहीं निभाया, लेकिन उनकी फिल्मी करियर की सफलता ने यह साबित कर दिया कि उन्होंने अपने करियर के लिए सही फैसला लिया था।