Mukesh Rawal Suicide: रेलवे ट्रैक पर मिली थी रामायण के विभिषण की लाश, इस वजह से आ गए थे डिप्रेशन में

July 13, 2024
Mukesh Rawal Suicide

Mukesh Rawal Suicide: रामायण में विभिषण का किरदार निभाने वाले अभिनेता मुकेश रावल की जिंदगी डिप्रेशन के कारण बर्बाद हो गई थी। 15 नवंबर, 2016 को मुंबई में उनका शव रेल की पटरियों पर मिला था।

Mukesh Rawal Suicide: आज भी टेलीविजन जगत के कुछ पौराणिक सीरियल जैसे रामानंद सागर की रामायण को लोग आज भी नहीं भूले हैं। रामायण शो के कलाकारों ने अपने बेहतरीन अभिनय से दर्शकों के दिलों में ऐसी अमिट छाप छोड़ी है की उनकी कहानियां आज भी लोगों की जुबां पर हैं। चाहे वह किरदार राम-लक्ष्मण का हो या रावण-विभीषण का, आज भी लोग इस कथा और उसके किरदारों को बहुत पसंद करते हैं।

ऐसे ही विभिषण का किरदार निभाने वाले अभिनेता मुकेश रावल(Mukesh Rawal)ने भी अपने सशक्त अभिनय से लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया। लेकिन यह बेहद दुःख की बात है कि ऐसे सशक्त अभिनय वाले व्यक्ति की जिंदगी डिप्रेशन के कारण बर्बाद हो गई| 15 नवंबर, 2016 को मुंबई में उनका शव रेल की पटरियों पर मिला और उनके असमय निधन ने सभी को गहरा सदमा पहुंचा।

विभिषण के किरदार से मिली पहचान:

17 अगस्त 1960 को गुजरात में मुकेश रावल का जन्म हुआ था। उन्हें बचपन से ही अभिनय का शौक था, जिसने उन्हें मुंबई की फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री तक पहुंचाया। उनका करियर रंगमंच से शुरू हुआ, फिर धीरे-धीरे उन्होंने टेलीविजन और फिल्मों में भी काम करना शुरू कर दिया।

टेलीविजन के अलावा मुकेश रावल (Mukesh Rawal) ने हिंदी और गुजराती फिल्मों में भी अदाकारी का जौहर दिखाया। उनकी हिंदी फिल्मों में ‘सौतन’, ‘गुमनाम’ और ‘सबसे बड़ा खिलाड़ी’ शामिल हैं। परन्तु मुकेश रावल को सबसे ज्यादा पहचान रामानंद सागर की रामायण में विभीषण की भूमिका निभाने से मिली।

उनका यह किरदार अत्यंत महत्वपूर्ण था और उन्होंने इसे इतने बेहतर तरीके से निभाया कि वे घर-घर में पहचाने जाने लगे। इस भूमिका ने उन्हें न केवल प्रसिद्धि दिलाई बल्कि भारतीय टेलीविजन इतिहास में एक विशेष स्थान भी दिलाया। आज भी, विभिषण की बात होते ही लोगों को उनका ही चेहरा दिखाई देता है।

रेलवे ट्रैक पर मिली थी Mukesh Rawal की लाश:

15 नवंबर 2016 को मुकेश रावल मुंबई के कांदिवली रेलवे ट्रैक पर उनका शव कटी-फटी अवस्था में मिला था ।शुरुआत में इसे एक दुर्घटना माना गया परन्तु बाद में , लेकिन बाद में रिपोर्ट्स में कहा गया कि यह आत्महत्या हो सकती है। असल में मुकेश रावल के बेटे का निधन हो जाने के बाद वह डिप्रेशन में चले गए थे।

कहा जाता हैं कि बेटे की मौत ने उन्हें अंदर से हिला दिया था। इसलिए यह अनुमान लगाया गया कि डिप्रेशन चलते उन्होंने यह कदम उठा लिया। हालाँकि उनकी मृत्यु का सही कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। परन्तु उनके असमय निधन ने उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों को गहरा सदमा पहुंचा एवं फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई।

पत्नी ने दिया था ऐसा बयान:

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जीआरपी को दिए एक बयान में मुकेश रावल (Mukesh Rawal) की पत्नी ने कहा था कि उनके बेटे द्वीज की मौत 18 साल की उम्र में एक ट्रेन हादसे में हो गई थी। इसके बाद से ही मुकेश डिप्रेशन में रहने लगे थे। मुकेश रावल के दो संतानें थीं एक बेटी और एक बेटा। बेटे की मौत के बाद बेटी की शादी हुई तो वे खुद को और ज्यादा अकेला महसूस करने लगे थे। जिससे उनकी स्थिति काफी ज्यादा बिगड़ने लगी और वे मानसिक रूप से और भी ज्यादा परेशान रहते लगे थे|

ऐसे मिला था रामायण में काम:

मुकेश काफी समय से थिएटर में काम कर रहे थे। एक दिन किसी प्ले अभिनय करते समय रामानंद सागर की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने मुकेश का ऑडिशन लिया। रामानंद सागर ने मेघनाद और विभीषण दोनों किरदारों के लिए मुकेश का ऑडिशन लिए था। बाद में उन्हें विभीषण का रोल ऑफर किया गया।

इन हिंदी फिल्मों में किया काम:

हिंदी फिल्मों में वह जिद्द, ये मझदार, लहू के दो रंग, सत्ता, औजार और कसक में दिखाई दिया। वहीं, उन्होंने हसरतें, बींद बनूंगा, घोड़ी चढ़ूगा जैसे सीरियल में भी काम किया। हिंदी भाषा के अलावा मुकेश ने गुजराती इंडस्ट्री में भी काम किया। उनकी गुजराती फिल्में भी काफी सफल रहीं और उन्होंने गुजराती सिनेमा में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई।

2016 में प्रसारित हुए गुजराती शो “नस नस में खुन्नस” में मुकेश आखिरी बार दिखाई दिए थे। मुकेश रावल भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा निभाए गए किरदार और उनकी अदाकारी हमेशा जीवित रहेगी। उनका जीवन और करियर संघर्ष और सफलता की कहानी है। मुकेश रावल का असमय निधन भारतीय सिनेमा और टेलीविजन जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

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