Pawan Kalyan: सिनेमा और राजनीति की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने वाले पवन कल्याण का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंने अपनी एक्टिंग के दम पर बहुत ही खास जगह बनाई है। साउथ हो या हिंदी सिनेमा दर्शकों के बीच भी उनकी फिल्मों का जबरदस्त क्रेज देखने को मिलता रहता है। वह सिर्फ एक अभिनेता नहीं हैं, बल्कि एक प्रेरणा हैं, जिनकी ज़िंदगी में संघर्ष और सफलता की कहानी आज भी लोगों के दिलों में बसी है।
अभिनेता से राजनेता बने पावर स्टार फिल्मों के साथ-साथ राजनीति में भी छाए रहते हैं। पवन कल्याण भारतीय सिनेमा के हाईएस्ट पेड अभिनेताओं में से एक हैं| बता दें कि 2012 के बाद उनका नाम कई बार फोर्ब्स इंडिया सेलिब्रिटी 100 लिस्ट में नाम भी आ चुका है। 2 सितंबर 1971 को जन्मे पवन कल्याण आज 53 साल के हो गए हैं। इस खास मौके पर हम उनकी ज़िंदगी के कुछ अनसुने पहलुओं के बारे में आपको बताने जा रहे हैं|
Pawan Kalyan का निजी जीवन:
पवन कल्याण का निजी जीवन भी काफी चर्चा में रहा है। उन्होंने तीन शादियां कीं, जिनमें से दो तलाक में खत्म हुईं। पहली पत्नी नंदिनी से उनका तलाक हुआ, जिसके बाद उन्होंने अभिनेत्री रेनु देसाई से शादी की, लेकिन यह शादी भी लंबे समय तक नहीं चली। तीसरी शादी उन्होंने अन्ना लेज़नेवा से की, जो रूसी मूल की हैं। पवन के चार बच्चे हैं, जिनमें से दो रेनु देसाई के साथ और दो अन्ना लेज़नेवा के साथ हैं। पवन अपने परिवार को बहुत प्यार करते हैं और अपने बच्चों के साथ समय बिताना पसंद करते हैं।
Pawan Kalyan से पावर स्टार तक का सफर:
पवन कल्याण को अभिनय में कभी खास दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन उनके बड़े भाई चिरंजीवी, जो कि तेलुगु सिनेमा के महानायक माने जाते हैं, ने उन्हें फिल्मों में आने के लिए प्रेरित किया। पवन की पहली फिल्म ‘अक्कड़ा अम्माई इक्कड़ा अब्बाई’ थी, जो 1996 में रिलीज़ हुई थी। हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कोई खास कमाल नहीं दिखा पाई, लेकिन पवन के अभिनय को सराहा गया।
इसके बाद उन्होंने कई फिल्में कीं, लेकिन उन्हें असली पहचान 1998 में रिलीज़ हुई फिल्म ‘थोली प्रेमा’ से मिली। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर खूब धमाल मचाया। ‘थोली प्रेमा’ के बाद पवन ने ‘गब्बर सिंह’, ‘अत्तारिंटिकी डेरेदी’, ‘कुशी’, ‘बद्री’, ‘जॉनी’ जैसी सुपरहिट फिल्में दीं। पवन कल्याण की फिल्में हमेशा दर्शकों के दिलों में घर कर जाती हैं।
उनकी अभिनय शैली, उनके डायलॉग्स और एक्शन सीक्वेंस उन्हें तेलुगु सिनेमा का सबसे चहेता स्टार बनाते हैं। उनकी फिल्मों की खासियत यह है कि वह सिर्फ मनोरंजन ही नहीं करतीं, बल्कि समाज को एक संदेश भी देती हैं। यही वजह है कि पवन कल्याण को उनके फैंस सिर्फ एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक ‘पावर स्टार’ मानते हैं।
Pawan Kalyan का संघर्ष:
पवन का असली नाम कोनिडेला कल्याण बाबू है। एक दिन मार्शल आर्ट प्रेजेंटेशन इवेंट में उन्होंने अपना नाम कल्याण बाबू की जगह पवन कल्याण लिखवा दिया और यहीं से उनका नाम बदल गया। पवन कल्याण की ज़िंदगी में कई मुश्किलें आईं, लेकिन उन्होंने हर बार मजबूती से उनका सामना किया।
बचपन से ही पवन का मन पढ़ाई में नहीं लगता था। दसवीं पास करने तक वो कई बार फेल हुए पर कराटे में ब्लैक बेल्ट थे। एक इंटरव्यू में अपने बचपन का जिक्र करते हुए पवन ने बताया कि एक समय ऐसा भी था जब पवन खुदकुशी करने की कगार पर थे। वह डिप्रेशन से जूझ रहे थे और एक बार उन्होंने खुद को अपने बड़े भाई चिरंजीवी की लाइसेंसी पिस्टल गोली मारने का भी मन बना लिया था।
हालांकि, उनके परिवार और दोस्तों ने उन्हें इस घातक कदम से बचा लिया। पवन ने इस घटना को कई बार सार्वजनिक मंचों पर कहा है कि उनकी जिंदगी में उनके भाई चिरंजीवी का बहुत बड़ा हाथ है, जिनकी वजह से वह इस कठिन समय से उबर पाए।
Pawan Kalyan का राजनीतिक सफर:
पवन कल्याण ने सिर्फ सिनेमा तक ही खुद को सीमित नहीं रखा, बल्कि राजनीति में भी अपनी अलग पहचान बनाई। 2014 में उन्होंने ‘जन सेना पार्टी’ की स्थापना की और राजनीति के मैदान में उतर गए। उनके समर्थक उन्हें एक सच्चा नेता मानते हैं, जो जनता की भलाई के लिए काम कर रहे हैं। हालांकि, पवन की राजनीति को लेकर कई बार आलोचना भी हुई है, लेकिन उनके समर्थक उन्हें हर बार सराहा करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पवन कल्याण को लेकर हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में एक बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि , “पवन कल्याण सिर्फ एक नाम नहीं है, वह एक आंधी है।” यह बयान पवन के लिए एक बहुत बड़ा सम्मान है, जो उनकी लोकप्रियता और समाज में उनके प्रभाव को दर्शाता है। प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद पवन के समर्थकों में जबरदस्त उत्साह बढ़ गया और वे इसे पवन की मेहनत और संघर्ष का फल मानते हैं।