Diabetes: डायबिटीज या मधुमेह(Diabetes) एक ऐसी समस्या है जो पूरे विश्व में तेजी से बढ़ रही है। आज यह समस्या बहुत आम हो गयी है| खान-पान की आदतों में बदलाव और आधुनिक जीवनशैली के कारण इस बीमारी का खतरा बढ़ गया है। मधुमेह के रोगियों को ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रण में रखने के लिए सही आहार लेना महत्वपूर्ण होता है।
चावल,भारतीय खाने का एक मुख्य हिस्सा है| अक्सर लोग वाइट राइस और ब्राउन राइस का सेवन करते हैं,लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह दोनों ही राइस डायबिटीज के मरीजों के लिए चिंता का विषय हो सकते हैं | ऐसे में सवाल उठता हैं कि इन मरीजों को किस प्रकार के चावल का चुनाव करना चाहिए ?
इसका जवाब है ब्लैक राइस, जिसे भारत में काला चावल भी कहते हैं। जी हाँ यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। आइए जानें कि ब्लैक राइस डायबिटीज के मरीजों के लिए कैसे फायदेमंद है और इसे आहार में क्यों शामिल करना चाहिए।
क्या होता है ब्लैक राइस:
ब्लैक राइस, जिसे ‘फॉरबिडन राइस’ या ‘काला चावल’ भी कहा जाता है, एक प्राचीन प्रकार का चावल है जो एशिया में उगाया जाता है। इसमें मौजूद एंथोसायनिन नामक एंटीऑक्सीडेंट के कारण इसका रंग गहरा बैंगनी या काला होता है। यह तत्व ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, और अंगूर को भी गहरा रंग देता है|
इसी कारण इन्हें सुपरफूड कहा जाता है। ब्लैक राइस में फाइबर, प्रोटीन, और विटामिन्स की भरपूर मात्रा होती है| यह एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट्स भी होता है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहता हैं।
ब्लैक राइस और ग्लाइसेमिक इंडेक्स:
Diabetes के मरीजों के लिए भोजन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) जानना आवश्यक होता है| यह किसी भोजन के कारण शरीर में बढ़ने वाले ब्लड शुगर की स्पीड को बताता है। ब्लैक राइस का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि यह धीरे-धीरे पचता है और ब्लड शुगर को अचानक नहीं बढ़ने देता। इसकी कम GI वाली प्रकृति डायबिटीज के मरीजों के लिए इसे सुरक्षित बनाती है और ब्लड शुगर को स्थिर बनाए रखने में सहायक होती है।
उच्च फाइबर की मात्रा:
ब्लैक राइस में फाइबर की मात्रा वाइट और ब्राउन राइस से अधिक होती है। फाइबर पाचन प्रक्रिया को धीमा करता है, जिससे कार्बोहाइड्रेट तेजी से ब्लड में नहीं घुलता है और इससे शुगर स्तर स्थिर रहता है। इसके अतिरिक्त, उच्च फाइबर डायजेस्टिव हेल्थ के लिए भी लाभकारी होता है और शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ाता है।
प्रोटीन:
ब्लैक राइस में प्रोटीन की मात्रा अन्य प्रकार के चावलों से अधिक होती है। प्रोटीन न केवल ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है, बल्कि यह मांसपेशियों की मजबूती के लिए आवश्यक है।
Diabetes के मरीजों के लिए प्रोटीन युक्त भोजन का सेवन फायदेमंद होता है, क्योंकि यह सैटियटी बढ़ाता है और भूख को नियंत्रित करता है, जिससे बार-बार खाने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
एंटीऑक्सीडेंट्स:
ब्लैक राइस में एंथोसायनिन एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो कोशिकाओं को फ्री रैडिकल्स से बचाने में मदद करता है। एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में सूजन को कम करते हैं, जिससे हृदय स्वास्थ्य में सुधार होता है।
Diabetes के मरीजों में अक्सर हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक होता है, ऐसे में ब्लैक राइस उनके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
Diabetes में कैसे करें ब्लैक राइस का सेवन:
ब्लैक राइस को विभिन्न तरीकों से आहार में शामिल किया जा सकता है। इसे सब्जियों के साथ उबालकर या खिचड़ी की तरह बनाया जा सकता है। सलाद, सूप, और अन्य व्यंजनों में इसे मिला सकते हैं, जो स्वादिष्ट और पौष्टिक होते हैं। ध्यान रखें कि इसे पकाने के लिए थोड़ा अधिक समय चाहिए होता है, इसलिए इसे रातभर भिगोकर रखना सही होता है।
यह भी ध्यान रखें:
ब्लैक राइस का सेवन करते समय ध्यान रखना चाहिए कि इसका अत्यधिक सेवन न करें। Diabetes के मरीजों के लिए संतुलित आहार महत्वपूर्ण है, जिसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व हों। इसीलिए ब्लैक राइस का सेवन सीमित मात्रा में करें और अपने आहार में अन्य हेल्दी फूड्स जैसे कि हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज, और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ को भी शामिल करें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। इस लेख में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले किसी भी चिकित्सा निर्णय में सावधानी बरतें। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या स्थिति के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इस लेख के आधार पर उत्पन्न हो सकने वाली किसी भी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए viralnewsvibes.com जिम्मेदार नहीं है।