Heart Attack: पिछले कुछ समय में हार्ट अटैक के मामले बढ़ गए हैं। अब युवा लोग भी हार्ट अटैक (Heart Attack) का शिकार हो रहे हैं। पिछले कुछ समय में सोशल मीडिया पर भी हार्ट अटैक (Heart Attack) के कई चौंकाने वाले वीडियोज सामने आए हैं। हार्ट डिजीज को लेकर एक्सपर्ट्स, डॉक्टर्स लगातार रिसर्च कर रहे हैं। हार्ट अटैक (Heart Attack) का एक बड़ा कारण हमारी लाइफस्टाइल भी बन गई है।
आजकल की भागदौड भरी जिंदगी में ना तो हमारे पास समय से खाना खाने का टाइम है और ना हम पर्याप्त नींद ले पाते हैं। एक रिसर्च में इस बात का पता चला है कि सोने के पैटर्न का भी दिल की बीमारियों (Heart Attack) से संबंध है। रिसर्च के अनुसार, रात को सही समय पर सोने से हार्ट अटैक (Heart Attack) का खतरा कम हो सकता है।
रिसर्च के अनुसार, आपके सोने का समय, नींद की गुणवत्ता और नींद की अवधि, तीनों ही आपके हार्ट (Heart Attack) को प्रभावित कर सकते हैं। जानते हैं रिसर्च के अनुसार, रात को कितनी बजे तक सोने से हार्ट अटैक (Heart Attack) का खतरा कम रहता है और कब ज्यादा रहता है।
कम नींद बिगाड़ देगी आपके हृदय के स्वास्थ्य को:
नींद की गुणवत्ता और इसकी अवधि का प्रभाव हार्ट पर कैसा होता है, इसे जानने के लिए कई रिसर्च हो चुकी हैं। इन रिसर्च में पता चला है कि जो लोग नियमित रूप से कम सोते हैं या जिनकी नींद की गुणवत्ता खराब होती है, उनमें हृदय रोगों (Heart Attack) का खतरा अधिक होता है। नींद के दौरान, शरीर में रक्तचाप नियंत्रित होता है, हृदय की दर कम हो जाती है और शरीर को दिनभर की थकान से उबरने का समय मिलता है। अगर यह प्रक्रिया बाधित होती है, तो हृदय पर अनावश्यक दबाव पड़ सकता है।
2019 में प्रकाशित एक अध्ययन ने 3,000 से अधिक वयस्कों को शामिल कर उन पर स्टडी की गई। स्टडी के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से 6 घंटे से कम सोते हैं, उनमें हृदय रोग (Heart Attack) और स्ट्रोक का खतरा 20-30% अधिक होता है। इसके अलावा, एक अन्य अध्ययन में यह भी पता चला कि जिन लोगों की नींद की अवधि 7 से 8 घंटे होती है, उनमें हृदय रोगों का खतरा सबसे कम होता है।
सोने का समय और Heart Attack का खतरा:
एक अन्य रिसर्च के अनुसार, रात को सोने के समय का भी हार्ट अटैक (Heart Attack) से संबंध होता है। रिसर्च के अनुसार, रात को सही समय पर सोने से दिल की बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है। वर्ष 2021 में यूरोपियन हार्ट जर्नल में एक रिसर्च प्रकाशित हुई। इस रिसर्च में 88,000 से अधिक लोगों का डेटा विश्लेषण किया।
रिसर्च के अनुसार, जो लोग रात में 10 बजे से 11 बजे के बीच सोते हैं, उनमें दिल से जुड़ी बीमारियों (Heart Attack) का खतरा कम होता है। वहीं जो लोग इस समय के बाद सोते हैं, विशेष रूप से आधी रात के बाद, उनमें हार्ट अटैक (Heart Attack) और अन्य कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा अधिक देखा गया।
अध्ययन में यह भी पाया गया कि जो लोग शाम को जल्दी, यानी 9 बजे या उससे पहले सो जाते हैं, उनमें भी हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इससे यह संकेत मिलता है कि बहुत जल्दी सोना या बहुत देर से सोना दोनों ही हृदय पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
सर्कैडियन रिदम:
एक स्टडी के अनुसार, रात को देर से सोने पर सर्कैडियन रिदम बिगड़ जाता है। सर्कैडियन रिदम हमारे शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करती है, जिसमें हृदय का कार्य भी शामिल है। सर्कैडियन रिदम के अनुसार, शरीर को दिन के समय सक्रिय रहने और रात में आराम करने के लिए तैयार किया गया है। अगर इसमें बाधा आती है, जैसे कि देर रात तक जागना या बहुत जल्दी सोना, तो इसका प्रभाव हार्ट पर पड़ सकता है। इऐसे में कम नींद लेने या देर से सोने पर शरीर की सामान्य गतिविधियों में असंतुलन आ सकता है, जिससे हार्मोनल अस्थिरता उत्पन्न होती है, जो दिल की बीमारियों का कारण बन सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नियमित रूप से रात के 10 बजे से 11 बजे के बीच सोने से सर्कैडियन रिदम को संतुलित रखा जा सकता है, जिससे दिल के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
क्या करना चाहिए:
हर दिन एक ही समय पर सोने और जागने की आदत डालें। इससे सर्कैडियन रिदम बेहतर होता है और हृदय को आराम मिलता है। सुबह के समय सूर्य की रोशनी में कुछ समय बिताएं। इससे आपके शरीर की जैविक घड़ी सही समय पर सेट होती है और सोने के समय में सुधार होता है। सोने से पहले कैफीन और एल्कोहल का सेवन कम करें| इन पदार्थों का सेवन करने से नींद की गुणवत्ता खराब हो सकती है। यह हृदय के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। ध्यान, योग, और सांस की तकनीकों के माध्यम से तनाव को नियंत्रित करें। इससे नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है और हृदय स्वस्थ रहता है। साथ ही सोने का कमरा शांत, ठंडा और अंधेरा रखें, जिससे आपको अच्छी नींद आ सके।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। इस लेख में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले किसी भी चिकित्सा निर्णय में सावधानी बरतें। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या स्थिति के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इस लेख के आधार पर उत्पन्न हो सकने वाली किसी भी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए viralnewsvibes.com जिम्मेदार नहीं है।