Milk: आजकल बाज़ार में दूध और घी के विभिन्न प्रकारों की बाढ़ सी आ गई है। ज्यादातर डेयरी उत्पाद बेचने वाली कंपनियां अपने कई उत्पाद जैसे घी, ढूध और बटर इत्यादि को A1 या A2 लेबलिंग के बेच रही हैं| कंपनियां इन लेबल वाले उत्पादों को अधिक सेहतमंद और विशेष प्रकार के गुणों से भरपूर बताती हैं जिससे उपभोक्ताओं में भी इस प्रकार के उत्पादों की मांग बढ़ती जा रही है।
लेकिन हाल ही में इन्हीं बातों को देखते हुए ‘फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ (FSSAI) ने कंपनियों को इस तरह की लेबलिंग के साथ दूध(Milk), घी और बटर बेचने के लिए मना किया है| FSSAI का कहना है कि इस तरह की लेबलिंग के साथ चीजों को बेचना भ्रामक हो सकता है| साथ ही FSSAI ने उपभोक्ताओं को भी A1 और A2 के नाम पर बिकने वाले दूध और घी की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर सावधान रहने के लिए आगाह किया है।
A1 और A2 Milk और घी क्या होता है:
A1 और A2 दूध को गाय के दूध में पाए जाने वाले बीटा-कैसिन प्रोटीन के आधार पर अलग किया जाता है। A1 बीटा-कैसिन प्रोटीन सामान्यत: मुख्य रूप से उत्तरी यूरोप में पाई जाने वाली विदेशी नस्ल की गायों जैसे हॉल्स्टीन, फ़्रीशियन, आयरशायर और ब्रिटिश शोरथॉर्न के दूध में पाया जाता है| A1 बीटा-कैसिन प्रोटीन के बारे में कहा जाता है कि यह पाचन में समस्या उत्पन्न कर सकता है|
अगर A2 बीटा-कैसिन प्रोटीन की बात करे तो यह दूध(Milk) देशी नस्ल की गायों जैसे ग्वेर्नसे, जर्सी, चारोलिस और लिमोसिन नस्ल वाली गाय के दूध(Milk) में पाया जाता है| ऐसा माना जाता हैं कि A2 बीटा-कैसिन प्रोटीन वाला दूध पाचन के लिए बेहतर और अधिक स्वास्थ्यवर्धक होता है। हालांकि, A1 और A2 दूध को लेकर कोई स्पष्ट वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं जो इस बात की पुष्टि कर सकें कि A2 दूध, A1 दूध से बेहतर है। लेकिन फिर भी, बाज़ार में A2 दूध और उससे बने घी की मांग तेजी से बढ़ रही है।
FSSAI का क्या कहना है?
FSSAI ने हाल ही में एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से उपभोक्ताओं को आगाह किया है कि A1 और A2 के नाम से बिकने वाले दूध और घी की गुणवत्ता और सुरक्षा की प्रमाणिकता की जाँच अवश्य करें। FSSAI के अनुसार, कई फूड बिजनेस ऑपरेटर (FBO) FSSAI लाइसेंस संख्या के तहत A1 और A2 के नाम पर दूध और दूध(Milk) उत्पादों जैसे घी, मक्खन, दही आदि बेच रहे हैं| उनके अनुसार यह कंपनियां A2 दूध और घी के नाम पर उपभोक्ताओं को भ्रामक जानकारी देकर महंगे दामों पर उत्पाद बेच रही हैं।
FSSAI के मानकों के अनुसार, केवल वही उत्पाद सुरक्षित माने जाते हैं जो FSSAI द्वारा निर्धारित नियमों और मानकों के अनुरूप हैं। FSSAI ने स्पष्ट करते हुए कहा कि A1 और A2 दूध के बीच अंतर बीटा-कैसिइन नामक प्रोटीन की संरचना पर आधारित होता है, जो उपभोक्ताओं को भ्रमित कर सकता है| ऐसे में FSSAI ने कंपनियों को अपने उत्पादों से A1 और A2 लेबल वाले अपने मौजूदा उत्पादों को खत्म करने के लिए 6 महीने का समय दिया है|
FSSAI की चेतावनी के पीछे कारण:
FSSAI ने यह चेतावनी इसलिए जारी की है क्योंकि बाज़ार में कई नकली और असुरक्षित उत्पाद धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। A2 दूध और घी को लेकर कई भ्रामक दावे किए जा रहे हैं, जैसे कि यह उत्पाद स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है और इसे उपभोग करने से विभिन्न बीमारियों से बचा जा सकता है। लेकिन सच्चाई यह है कि A1 और A2 दूध के स्वास्थ्य प्रभावों पर अभी तक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्पष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं।
FSSAI का यह भी कहना है कि उपभोक्ताओं को A2 दूध और घी की खरीदारी करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि यह महंगा होने के साथ-साथ कई बार नकली भी हो सकता है। कुछ उत्पादक उपभोक्ताओं को लुभाने के लिए झूठे दावे कर सकते हैं, जो न केवल भ्रामक हैं, बल्कि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं।