Virus signs in Mobile: जब भी किसी के मोबाइल में किसी भी तरीके से अगर कोई वायरस एंट्री कर जाता है तो फोन में कुछ संकेत मिलने लगते हैं। आप इन संकेतों को पहचानकर पता लगा सकते हैं कि आपके मोबाइल में वायरस घुस गया है नहीं।
Virus signs in Mobile: टेक्नोलॉजी के इस जमाने में गैजेट्स भी स्मार्ट आने लगे हैं। पहले लोगों के पास साधारण मोबाइल हुआ करता था लेकिन अब उसकी जगह लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस स्मार्टफोन ने ली है। लेकिन पिछले कुछ समय में साइबर क्राइम की घटनाएं भी काफी बढ़ गई हैं। साइबर क्रीमिनल्स और हैकर्स कई तरीकों से लोगों के स्मार्टफोन हैक कर लेते हैं और उनके बैंक अकाउंट में सेंध लगाकर मेहनत की सारी कमाई उड़ा लेते हैं। ज्यादातर मामलों में हैकर्स लोगों के स्मार्टफोन में वायरस डाल देते हैं। इसके बाद वे उस वायरस के जरिए उनके मोबाइल में से यूजर्स की बैंकिंग डिटेल्स और अन्य पर्सनल जानकारियां चुरा लेते हैं।
ज्यादातर मामलों में लोगों को पता भी नहीं चल पाता कि उनके मोबाइल में मैलवेयर आ चुका है। इसके बाद वे साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि आप कैसे पता लगाएंगे कि आपके मोबाइल में कोई वायरस छिपा बैठा है या नहीं। इसके साथ ही अगर मोबाइल में वायरस आ गया है तो उसे बाहर कैसे करें। खुद टेक दिग्गज Google ने एंड्रॉयड स्मार्टफोन से मैलवेयर कैसे हटाएं और उससे कैसे निपटे इस बारे में बताया है।
virus signs in Mobile:
जब भी किसी के मोबाइल में किसी भी तरीके से अगर कोई वायरस एंट्री कर जाता है तो फोन में कुछ संकेत मिलने लगते हैं। आप इन संकेतों को पहचानकर पता लगा सकते हैं कि आपके मोबाइल में वायरस घुस गया है नहीं। जानते हैं इन संकेतों के बारे में।
मोबाइल में बिना गूगल अकाउंट के आप कुछ नहीं कर सकते हैं। लेकिन अगर Google अचानक से बिना किसी कारण के आपके अकाउंट को साइन आउट कर देता है तो यह एक बड़ा संकेत हो सकता है कि आपके फोन पर साइबर अटैक हुआ है। इससे आप समझ सकते हैं कि आपके मोबाइल में कोई खतरनाक वायरस आ चुका है। लेकिन पहले इसका कारण पता लगाने की कोशिश करें कि आपका अकांट साइन आउट क्यों हुआ है।
जब हम मोबाइल में इंटरनेट का उपयोग करते हैं तो उसमें पॉप अप और कई तरह के विज्ञापन भी आने लगते हैं। हालांकि ज्यादातर विज्ञापन उससे संबंधित ही आते हैं जो आप इंटरनेट पर सर्च कर रहे होते हो। लेकिन अगर आपको लगता है कि आपके मोबाइल में ऐसे पॉप-अप और विज्ञापन आ रहे हैं जो नहीं होने चाहिए, तो समझ जाइए कि आपका मोबाइल हैक हो चुका है।
कई बार जब हम मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे होते हैं तो वह अचानक से स्लो हो जाता है। ऐप्स खुलने में काफी देर लगने लगती है। ऐसा लगता है जैसे मोबाइल हैंग हो गया है। अगर आपका मोबाइल भी बिना किसी कारण के स्लो हो रहा तो तुरंत चेक कर लें क्योंकि ऐसा किसी वायरस के कारण भी हो सकता है। मोबाइल हैक हो जाने पर भी ऐसा हो सकता है।
आजकल जो मोबाइल या स्मार्टफोन मार्केट में आ रहे हैं उनमें अच्छा खासा स्टोरेज मिल रहा हैं। लेकिन अगर आपके मोबाइल की स्टोरेज अचानक तेजी से भरने लगे और उसमें स्पेस कम होने लगे तो तुरंत सतर्क हो जाएं। कई बार मोबाइल हैक होने की वजह से भी ऐसा हो सकता है। दरअसल, कई बार वायरस डालने के बाद बिना परमिशन के हैकर आपके फोन में कुछ भी डाउनलोड कर सकते हैं।
आपने नोट किया होगा कि कई बार मोबाइल में अचानक से एडल्ट कंटेंट या अश्लील विज्ञापन दिखाई देने लगते हैं। अगर इंटरनेट इस्तेमाल करते वक्त आपका ब्राउज़र भी अलग-अलग वेबसाइट या एडल्ट कंटेंट पर रीडायरेक्ट करने लगे तो हो सकता है कि कोई आपके फोन के साथ छेड़छाड़ कर रहा है और आपका फोन हैक हो चुका है।
मोबाइल में वायरस डालने के बाद हैकर्स आपके मोबाइल को एक्सेस कर सकते हैं। ऐसे में आपके मोबाइल का कंट्रोल अपने हाथ में लेकर कुछ भी कर सकते हैं। ऐसे में अगर आपके जानकारों, दोस्तों और परिजनों को ऐसे मैसेज जाने लगें जो आपने नहीं भेजे तो समझ जाइए आपके फोन को हैक किया जा चुका है और कोई अन्य आपके मोबाइल को एक्सेस कर रहा है।
जानिए बचने के तरीके:
टेक दिग्गज गूगल ने ऐसी समस्या से बचने के कुछ उपाय बताए हैं, जिनको अपनाकर आप सुरक्षित रह सकते हैं। गूगल के अनुसार, ऐसी समस्या से बचने के लिए आपको अपने मोबाइल में प्ले प्रोटेक्ट ऑन करके रखना चाहिए। यह प्ले स्टोर के जरिए किया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले आपको अपने मोबाइल में प्ले स्टोर ओपन करना होगा। प्ले स्टोर ओपन करने के बाद आपको प्रोफाइल आइकन पर टैप करना होगा। इसके बाद आपको वहां प्ले प्रोटेक्ट का विकल्प दिखाई देगा उस पर टैप करें। इसके बाद सेटिंग्स पर टैप करें और प्ले प्रोटेक्ट के साथ स्कैम ऐप्स को चालू कर दें।
हर स्मार्टफोन में कंपनियां समय—समय पर अपडेट जारी करती रहती हैं। गूगल का कहना है कि यूजर्स को समय समय पर डिवाइस सॉफ्टवेयर को लेटेस्ट उपलब्ध वर्जन में अपडेट करके रखना चाहिए। लेकिन एक निश्चित समय के बाद लोगों को अपने स्मार्टफोन में सिक्योरिटी अपडेट मिलना बंद हो जाते हैं। ऐसे में अगर आपको भी अपने डिवाइस में सिक्योरिटी अपडेट मिलने बंद हो गए हैं तो अपने मोबाइल को बदल लें या लेटेस्ट अपडेट पर शिफ्ट हो जाएं।
ज्यादातर लोग ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर से ही डाउनलोड करतें हैं लेकिन कई लोग कुछ ऐस बाहर से भी इंस्टॉल कर लेते हैं। ऐसा कभी ना करें। दरअसल, इंटरनेट पर उपलब्ध APK फाइल्स को अपने मोबाइल में गलती से भी इंस्टॉल ना करें। ऐसी एपीके फाइल्स में मैलवेयर होने के ज्यादा चांस होते हैं। ऐसे में अगर किसी वेबसाइट पर पेड ऐप्स आपको मुफ्त में मिल रही हो तो इस लालच में उन्हें इंस्टॉल करने से बचना चाहिए।
गूगल भी आपको ऐसे खतरों से सुरक्षित रखने का पूरा प्रयास करता है। गूगल अक्सर सिक्योरिटी से संबंधित खतरों की पहचान करने के लिए यूजर्स को सुरक्षा जांच करने की अनुमति देता है। अपने एंड्रॉयड फोन या टैबलेट पर, अपनी किसी भी सुरक्षा समस्या के समाधान के लिए इस वेबसाइट /myaccount.google.com/security-checkup?pli=1 पर जा सकते हैं।