Golgappas: गोलगप्पे, भारतीय स्ट्रीट फूड का एक बेहद पसंदीदा हिस्सा है। इसे पानीपुरी, फुचका, गुपचुप, आदि अलग-अलग नामों से जाना जाता है| गोलगप्पों का तीखा, खट्टा और मसालेदार स्वाद हर उम्र के लोगों को लुभाता है। एक छोटा सा गोलगप्पा खाते ही, उसके भीतर भरे मसालों का मुँह में घुल जाने वाले स्वाद को शब्दों में बयान करना थोड़ा मुश्किल है |
खाते समय हम अक्सर इसके स्वाद और कुरकुरेपन का ही मजा लेते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन गोलगप्पों(Golgappas) का निर्माण कैसे होता है? हाल ही में झारखंड के गढ़वा जिले से सामने आई एक वीडियो ने लाखों गोलगप्पा प्रेमियों को स्तब्ध कर दिया है। इस वीडियो में दिखाया गया है कि गोलगप्पे बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले आटे को पैरों से गूंधा जा रहा है।
हां, आपने बिल्कुल सही सुना! वीडियो में यह स्पष्ट दिखाई देता है कि जमीन पर फैले आटे को पैरों से मसलकर तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा, गोलगप्पों के मसालेदार पानी में टॉयलेट क्लीनर और यूरिया जैसे हानिकारक रसायन मिलाने की बात भी सामने आई है।
क्या है पूरा किस्सा:
झारखंड के इस पूरे मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब दो भाइयों के बीच विवाद हो गया और उनमें से एक ने गोलगप्पे बनाने की इस गंदी प्रक्रिया का वीडियो वायरल कर दिया। वीडियो के सोशल मीडिया पर फैलते ही पुलिस हरकत में आई और दोनों भाइयों को हिरासत में लेकर थाने ले गई।
पुलिस ने इनके पास से एक ठोस पदार्थ भी जब्त किया है, जिसे जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। इस पदार्थ का उपयोग पानी को खट्टा बनाने के लिए किया जा रहा था।
सड़कों पर बनने वाले Golgappas की स्वच्छता:
यह तो एक किस्सा सामने आया है पर देखा जाए तो अधिकतर गोलगप्पे सड़कों के किनारे खुले में बनाए और बेचे जाते हैं, जहां सफाई का विशेष ध्यान नहीं दिया जाता। गोलगप्पे(Golgappas) के साथ परोसा जाने वाला पानी भी अक्सर किसी खुले बर्तन में होता है, जिसे कई लोग बिना हाथ धोए छूते हैं।
यही पानी बार-बार इस्तेमाल होता है| इसमें विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया, वायरस और अन्य हानिकारक जीव हो सकते हैं। दूषित पानी से टाइफाइड, डायरिया, पीलिया, और पेट के संक्रमण जैसी बीमारियां हो सकती है |
तेल में बार-बार तलना:
गोलगप्पे(Golgappas) के मुख्य तत्वों में से एक है उसका कुरकुरा बाहरी आवरण, जो मैदा या सूजी से तैयार किया जाता है और उसे तेल में तला जाता है। गोलगप्पे बनाने वाले विक्रेता अक्सर एक ही तेल को बार-बार गर्म करते हैं और उसका उपयोग कई बार करते हैं।
बार-बार गर्म किया गया तेल अपने गुण खो देता है और उसमें ट्रांस फैट जमा होने लगता है । ट्रांस फैट से हमारे शरीर में हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, और खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है ।
अधिक नमक और मसाले:
गोलगप्पे का स्वाद मुख्यतः उनके खट्टे-मीठे पानी, आलू-मसाले के मिश्रण और तीखी चटनी से आता है। लेकिन यह सभी चीजें अत्यधिक नमक और मसालों का उपयोग करती हैं। नियमित रूप से अधिक नमक का सेवन हमारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, जैसे हाई ब्लड प्रेशर, किडनी की समस्याएँ, और हृदय संबंधी बीमारियाँ।
कैसी रहे सतर्क:
इस चौंकाने वाली खबर ने न केवल गोलगप्पों(Golgappas) के प्रति हमारे प्रेम को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है बल्कि यह घटना सभी गोलगप्पा के शौकीनों के लिए यह एक सख्त चेतावनी भी है। क्या आप भी उन गोलगप्पों का लुत्फ उठा रहे हैं जो पैरों से गूंथे गए आटे से बनाए जाते हैं? क्या कही आप भी तो टॉयलेट क्लीनर से मिलाए गए पानी को बिना सोचे-समझे पी रहे हैं?
इसलिए अगली बार जब आप गोलगप्पे खाने जाएं, तो एक बार जरूर सोचें! अब सवाल उठता है कि बिना स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाए गोलगप्पों के इस स्वाद का आनंद कैसे लिया जाए। आप हमेशा उन जगहों से गोलगप्पे खाएं, जहां साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है। सड़क किनारे के बजाय किसी स्वच्छ और प्रतिष्ठित दुकान या रेस्टोरेंट से गोलगप्पे खाना बेहतर होता है।
यदि आप गोलगप्पों का स्वाद लेना चाहते हैं, तो घर पर इसे बनाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इससे न केवल आप सफाई का ध्यान रख सकते हैं, बल्कि ताजे और स्वस्थ सामग्री का उपयोग भी कर सकते हैं। गोलगप्पे, भले ही हमारे स्वाद की गहरी परंपरा में रचे-बसे हों, लेकिन इनके सेवन में सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है। अगर हम स्वच्छता, सामग्री की ताजगी और सीमित मात्रा का ध्यान रखें, तो हम इस लजीज स्ट्रीट फूड का आनंद स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाए बिना उठा सकते हैं।