Takshak Snake: यहां मिला उड़ने वाला दुर्लभ ‘तक्षक नाग’, देखते ही लोगों में मच गया हडकंप, वायरल हुआ वीडियो

Takshak Snake: Takshak Snake: सांप बहुत खतरनाक होते हैं। दुनियाभर में सांपों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। ऐसा ही एक सांप हाल ही झारखंड में देखने को मिला। जिसको देखने के लिए भीड़ इकट्ठी हो गई।

December 05, 2024
Takshak Snake
Takshak Snake: यहां मिला उड़ने वाला दुर्लभ 'तक्षक नाग', देखते ही लोगों में मच गया हडकंप, वायरल हुआ वीडियो

Takshak Snake: सांप बहुत खतरनाक होते हैं। दुनियाभर में सांपों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से कुछ सांप बहुत खतरनाक और जहरीले होते हैं। सांपों के काटने से हर साल दुनियाभर में सैंकड़ों लोगों की मौत हो जाती है। वहीं कुछ सांप बहुत दुर्लभ होते हैं। ऐसे सांप कभी कभी ही नजर आते हैं।

ऐसा ही एक सांप हाल ही झारखंड में देखने को मिला। जिसको देखने के लिए भीड़ इकट्ठी हो गई। हम बात कर रहे हैं तक्षक नाग(Takshak Snake)की। आपने किस्से कहानियों में Takshak Snakeके बारे में सुना होगा। राजा परीक्षित और तक्षक नाग की कहानी बहुत प्रचलित है। झारखंड में इसी प्रजाति का सांप मिला है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

फ्लाइंग स्नैक:

इस तक्षक सांप को ऑर्नेट फ्लाइंग स्नेक भी कहते हैं। दरअसल, यह उड़ने वाला सांप है। यह अक्सर पेड़ों पर पाया जाता है और पेड़ों पर इधर से उधर छलांग लगा सकता है। हाल ही दुर्लभ प्रजाति का यह तक्षक सांप झारखंड के नामकुम स्थित RCH दफ्तर में दिखा। सांप को दफ्तर में देखते ही कर्मचारियों में हडकंप मच गया।

सांप को देखकर सभी कर्मचारी बाहर की तरफ भाग गए। इसके बाद सांप पकड़ने वाले को इसके बारे में सूचना दी। सूचना पाकर सांप कैचर रमेश कुमार महतो मौके पर पहुंचे। रमेश कुमार मेहतो ने उस दुर्लभ सांप को रेस्क्यू किया। यह झारखंड में इस प्रजाति के सांप का पहला रेस्क्यू है।

सांप के साथ खेलने लगा स्नैक कैचर:

रिपोर्ट के अनुसार, सांप को RCH दफ्तर में देखकर कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। सांप को देखकर लोग दफ्तर के बाहर चले गए। दफ्तर के अंदर किसी ने सांप को वीडियो भी बना लिया। इसके बाद सांप को पकड़ने के लिए स्नैक कैचर रमेश कुमार मेहतो को बुलाया गया। स्नैक कैचर रमेश कुमार मेहतो ने एक कार्टन की मदद से उस दुर्लभ सांप को रेस्क्यू किया।

जब रमेश कुमार मेहतो ने सांप को पकड़ लिया तब जाकर कर्मचारियों ने राहत की सांस ली। इसके बाद स्नैक कैचर रमेश कुमार मेहतो उस तक्षक सांप(v) के साथ खेलने लगा। सांप इतना सुंदर था कि सभी लोग उसका वीडियो बनाने लगे। रमेश कुमार मेहतो ने बताया कि यह दुर्लभ तक्षक नाग(v) है।

50 से 100 फीट तक छलांग लगा सकता है Takshak Snake:

सांप कैचर रमेश कुमार महतो ने उस दुर्लभ प्रजाति के सांप के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वह ऑर्नेट फ्लाइंग स्नेक है और झारखंड में पहली बार ये सांप मिला है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस सांप में जहर कम होता है, उसकी मदद से यह अपने शिकार पकड़ता है। इसके साथ ही रमेश कुमार मेहतो ने यह भी बताया कि इस सांप को तक्षक नाग भी कहते हैं।

तक्षक सांप की लंबाई तीन फीट से अधिक होती है। झारखंड में जो तक्षक सांप मिला है वह मादा है। स्नैक कैचर ने बताया कि तक्षक सांप एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगाकर शिकार करता है। बताया जाता है कि यह 50 से 100 फीट तक छलांग लगा सकता है। इस तक्षक नाग की उम्र लगभग 12 साल होती है।

देखने में बहुत खूबसूरत होता है ऑर्नेट फ्लाइंग स्नेक:

बताया जा रहा है कि ऑर्नेट फ्लाइंग स्नेक का मिलना एक दुर्लभ घटना है। तक्षक नाग(Takshak Snake) देखने में बहुत खूबसूरत होता है। इसकी त्वचा गहने की तरह चमकती है। ऑर्नेट फ्लाइंग स्नेक अपनी खूबसूरती और उड़ने की क्षमता की वजह से बहुत खास है।

हालांकि यह तक्षक सांप(Takshak Snake) इंसानों के लिए ज्यादा खतरनाक नहीं होता क्योंकि इसमें जहर कम मात्रा में होता है। यह सांप ज्यादातर पेड़ों पर रहता है और छोटे जीवों का शिकार करता है। इसका शरीर चमकीले रंगों से सजा होता है। इसे ऑर्नेट फ्लाइंग स्नेक कहा जाता है।

राजा परीक्षित और तक्षक नाग की कहानी:

राजा परीक्षित, अर्जुन के पोते और अभिमन्यु के पुत्र थे। एक दिन राजा परीक्षित शिकार के दौरान जंगल में भटक गए और बहुत प्यासे हो गए। वहाँ उन्हें एक ऋषि का आश्रम दिखा, लेकिन उस समय ऋषि ध्यान में लीन थे और उनकी ओर ध्यान नहीं दिया। प्यास और क्रोध के कारण राजा ने ऋषि के सम्मान का उल्लंघन कर दिया।

पौराणिक कथा के अनुसार, राजा परीक्षित ने ऋषि के गले में मरे हुए साँप को डाल दिया। जब ऋषि के पुत्र, श्रृंगी ऋषि, को यह बात पता चली, तो वे क्रोधित हो गए और उन्होंने श्राप दिया कि सात दिनों के भीतर राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक(Takshak Snake) नामक नाग के डसने से होगी।

सातवें दिन तक्षक नाग ने राजा परीक्षित को डसने के लिए किले के भीतर प्रवेश किया। तक्षक ने किले में प्रवेश कर राजा परीक्षित को डंस लिया और राजा की मृत्यु हो गई। इस प्रकार श्राप पूरा हुआ।