Agni Snan: माता का चमत्कार,अपने आप मंदिर में लगती है आग, माता की मूर्ति करती है अग्नि स्नान और फिर

Agni Snan: भारत में देवी-देवताओं की आराधना का विशेष महत्व है, और हर देवी का एक विशिष्ट रूप, कथा और मान्यता होती है। ईडाणा माता को अग्नि स्नान करने वाली देवी के रूप में जाना जाता है।

October 07, 2024
Agni Snan
Agni Snan: माता का चमत्कार,अपने आप मंदिर में लगती है आग, माता की मूर्ति करती है अग्नि स्नान और फिर

Agni Snan: भारत में देवी-देवताओं की आराधना का विशेष महत्व है, और हर देवी का एक विशिष्ट रूप, कथा और मान्यता होती है। इस समय देश में नवरात्रि का पावन पर्व मनाया जा रहा है। हमारे देश में भी माता के अनेक मंदिर हैं, जहां अलग अलग रूपो में माता की पूजा की जाती है। इनमें से कई मंदिर चमत्कारिक माने जाते हैं|

इसी कड़ी में राजस्थान की ईडाणा माता (या ईडारणा माता) का नाम विशेष रूप से आता है। जी हाँ यह चमत्कारिक मंदिर राजस्थान में स्थित है। ईडाणा माता को अग्नि स्नान करने वाली देवी के रूप में जाना जाता है। ईडाणा माता का प्रमुख मंदिर राजस्थान के पाली जिले में स्थित है, जो भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।

यहां हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और माता के चमत्कारी रूप का दर्शन करते हैं। इस मंदिर की एक सबसे खास और अद्भुत बात यह है कि माता स्वयं अग्नि में स्नान करती हैं, और अग्नि उन्हें छू भी नहीं पाती। आइए, जानते हैं ईडाणा माता की अद्भुत कथा और अग्नि स्नान की अनोखी परंपरा के बारे में।

ईडाणा माता की पौराणिक कथा:

हिन्दू धर्म में ईडाणा माता की कई पौराणिक कथाओं का वर्णन किया गया है। लोक मान्यता के अनुसार, माता दुर्गा ने इस क्षेत्र में एक बार अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया था। कहा जाता है कि प्राचीन काल में इस इलाके में राक्षसों का आतंक बढ़ गया था।लोगों की प्रार्थना सुनकर माता ने एक दिव्य रूप धारण किया और राक्षसों का वध किया।

इसके बाद माता ने यहां पर अपना वास बनाया और तब से ही इस स्थान को ईडाणा माता के मंदिर के रूप में पूजा जाता है।
एक अन्य कथा के अनुसार, माता ने इसी क्षेत्र में एक समय अग्नि में प्रवेश किया था और अग्नि ने उन्हें छूने की हिम्मत नहीं की। इस घटना के बाद से ही यह मान्यता प्रबल हो गई कि ईडाणा माता अग्नि स्नान(Agni Snan) करती हैं, और अग्नि भी उन्हें किसी प्रकार की हानि नहीं पहुंचा सकती।

Agni Snan की परंपरा:

ईडाणा माता के मंदिर में हर साल एक विशेष अवसर पर Agni Snan की परंपरा निभाई जाती है। इस दिन मंदिर परिसर में एक बड़ी अग्नि जलाई जाती है, और मान्यता है कि माता उस अग्नि में स्नान करती हैं। भक्तों का विश्वास है कि माता स्वयं अग्नि के बीच से होकर जाती हैं और अग्नि उन्हें छू नहीं पाती।

यह परंपरा हर साल नवरात्रि के समय निभाई जाती है| इस समय भक्तों की भारी भीड़ माता के इस चमत्कारी रूप का दर्शन करने के लिए इकट्ठा होती है। मंदिर के पुजारी और श्रद्धालु इस परंपरा का विधिपूर्वक पालन करते हैं। अग्नि जलाई जाती है, और माता के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित करने के लिए भक्तजन अग्नि के सामने पूजा करते हैं। मंदिर से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार, अग्नि स्नान(Agni Snan) के दौरान अग्नि माता को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती।

यह देवी की शक्ति और उनके अद्भुत चमत्कार का प्रतीक माना जाता है। मंदिर में भक्तों का विश्वास है कि अग्नि स्वयं माता की इच्छा से जलती है, और जब तक माता अग्नि में प्रवेश नहीं करतीं, तब तक अग्नि की ज्वालाएं शांत रहती हैं। अग्नि स्नान के इस चमत्कारी दृश्य के दौरान भक्तजन अपने दुखों और परेशानियों से मुक्ति की कामना करते हैं। माता की इस अद्भुत महिमा के कारण ईडाणा माता के मंदिर में हर वर्ष भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

नहीं होता मूर्ति को कोई नुकसान:

बताया जाता है कि जब ईडाणा माता अग्नि स्नान करती हैं तो अग्नि में माता का पूरा श्रृंगार और चुनरी सब कुछ स्‍वाहा हो जाता है लेकिन माता की मूर्ति को कोई नुकसान नहीं होता। साथ ही अग्नि में मंदिर की कोई अन्य चीज को भी नुकसान नहीं होता।