Black Bear: जब एक काले भालू की वजह से छिड़ने वाला था World War 3, शुरू होने वाला परमाणु युद्ध

December 05, 2024
Black Bear
एक काले भालू की वजह से छिड़ने वाला था World War 3, शुरू होने वाला परमाणु युद्ध

Black Bear: इतिहास में कई ऐसे वाकये हुए हैं, जो साबित करते हैं कि दुनिया कई बार बाल-बाल बची है। इनमें से एक घटना शीत युद्ध के दौरान हुई, जब एक काले भालू (Black Bear) के कारण अमेरिका और सोवियत संघ के बीच परमाणु युद्ध लगभग छिड़ गया था। यह घटना 1962 में घटी और इसे “द ब्लैक बियर इनसिडेंट” के नाम से भी जाना जाता है। यह घटना दिखाती है कि कैसे गलतफहमी और भय से दुनिया विनाश के कगार पर पहुंच सकती है।

चरम पर था शीत युद्ध का माहौल:

1962 का दशक शीत युद्ध का चरम समय था। अमेरिका और सोवियत संघ के बीच गहरी दुश्मनी और अविश्वास का माहौल था। क्यूबा मिसाइल संकट के बाद दोनों देशों के संबंध और तनावपूर्ण हो गए थे। उस समय, दोनों पक्ष किसी भी हमले के लिए चौकस थे और उनकी सेनाएं हर संभावित खतरे को लेकर तैयार थीं।

अमेरिका ने अलास्का और अन्य उत्तरी इलाकों में हाई-अलर्ट पर रडार और सैनिक तैनात कर रखे थे। उन इलाकों को सोवियत संघ के संभावित हमलों से बचाने के लिए खासतौर पर चुना गया था। ऐसे ही एक स्थान पर यह घटना (Black Bear) घटी, जो इतिहास के पन्नों में एक चेतावनी के रूप में दर्ज है।

गार्ड को दिखी संदिग्ध हरकत:

घटना 25 अक्टूबर 1962 की आधी रात की थी। विस्कॉन्सिन में एक ट्रक रनवे पर विमान रोकने के लिए दौड़ रहा था। एक उड़ान को रोकने के लिए हाथ में बस कुछ ही क्षण थे। इससे कुछ ही देर पहले दुलुथ सेक्टर डायरेक्शन सेंटर के एक गार्ड ने सेंटर की बाड़ पर चढ़ने का प्रयास करते हुए एक आकृति (Black Bear) देखी। गार्ड ने उस (Black Bear) पर गोली गोली चलाई और अलर्ट घोषित कर दिया। गार्ड को डर था कि यह सोवियत संघ-क्यूबा का संयुक्त मिसाइल हमला हो सकता है।

बज गया इमरजेंसी सायरन:

इस गलतफहमी (Black Bear) की वजह से लगा कि वो एक हमला ही था। इसके बाद इलाक़े के सभी हवाई अड्डे पर अलार्म बज रहे थे। सभी युद्ध के लिए तैयार हो गए। दरअसल, पास के वोल्क फ़ील्ड एयरबेस के हवाई अड्डे पर किसी ने ग़लत बटन दबा दिया। इसकी वजह से स्टैंडर्ड सिक्योरिटी वार्निंग की जगह फायटर पायलटों को इमरजेंसी सायरन की आवाज़े सुनाई देने लगीं। ऐसे में सभी पायलट युद्ध के लिए तैयार हो गए। पलक झपकते ही सभी पायलट अपने विमानों में सवार थे और परमाणु हथियार से भरे विमानों को हवा में उड़ाने के लिए मुस्तैद हो चुके थे।

11 दिन पहले हुआ था कुछ ऐसा:

दरअसल, इस घटना से ठीक 11 दिन पहले एक ख़ुफ़िया विमान ने क्यूबा में सीक्रेट तरीके से रखे गए लॉन्चर, मिसाइल और ट्रक की तस्वीरें ली थीं। इस वजह से सब चौंकन्ने थे और आशंका थी कि सोवियत संघ, अमेरिका पर हमले की तैयारी कर रहा है। वहीं दुनिया भर के देशों को पता था कि दोनों देशों के बीच एक गोली से भी स्थिति बिगड़ सकती है।

इंसान नहीं Black Bear था:

दरअसल, गार्ड ने रात को जो आकृति देखी थी, वह किसी इंसान की नहीं बल्कि एक बड़ा काला भालू (Black Bear) था। उसकी पहचान में गार्ड से ग़लती हो गई थी। लेकिन वोल्क फील्ड में स्क्वाड्रन अभी भी इस बात से अनजान थे। उन्हें बताया गया था कि यह कोई प्रैक्टिस ड्रील नहीं है, जब वे अपने विमानों में चढ़ रहे थे तब वे पूरी तरह से आश्वस्त थे कि तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो चुका है।

ऐसे सामने आई काले भालू की सच्चाई:

जब जांच की गई तो पता चला कि जो संदिग्ध हरकत देखी गई थी, वह वास्तव में एक काले भालू (Black Bear) की वजह से थी। यह भालू (Black Bear) बेस के चारों ओर घूम रहा था और गलती से सुरक्षा के लिए लगे उपकरणों को ट्रिगर कर दिया था। अंधेरे में इसे कोई खतरा समझ लिया गया। यह भालू एक छोटे से घटनाक्रम का हिस्सा था, लेकिन उस समय की राजनीतिक स्थिति और सैन्य तैयारियों के कारण यह घटना विश्व युद्ध का कारण बन सकती थी।