Dead Body: मौत के बाद बॉडी में आने लगते हैं ऐसे बदलाव, नर्स ने किए चौंकाने वाले खुलासे!

December 07, 2024
Dead Body

Dead Body: मृत्यु एक ऐसा सच है, जिसे हर व्यक्ति को एक दिन स्वीकार करना होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मृत्यु के बाद शरीर (Dead Body) में कौन-कौन से बदलाव आते हैं? इस विषय पर प्रकाश डालते हुए अमेरिका की एक अनुभवी नर्स, जूली मैकफेडन, ने कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा किया है।

जूली एक पेलियेटिव केयर और हॉस्पिस नर्स हैं, जो मौत के करीब पहुंचे मरीजों की देखभाल करती हैं। उनके अनुभवों के आधार पर उन्होंने बताया है कि शरीर में मृत्यु (Dead Body) के तुरंत बाद से लेकर कई घंटों और दिनों तक किस तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं।

Dead Body से निकलते हैं तरल पदार्थ:

मौत के तुरंत बाद शरीर (Dead Body) में सबसे पहला बदलाव रक्तसंचार के बंद होने से होता है। दिल की धड़कन रुकने के कारण शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद हो जाती है, जिससे कोशिकाएं मरने लगती हैं। नर्स जूली ने बताया कि मरने के बाद बॉडी रिलैक्स हो जाती है।

नर्स ने बताया कि डेड बॉडी (Dead Body) इतनी ज्यादा रिलैक्स हो जाती है कि इंसान के शरीर के अंदर जितने भी तरल पदार्थ मांपेशियों और अंगों की वजह से रुके रहते हैं, वो सब अलग-अलग हिस्सों से बाहर निकल आते हैं। कई बार तो तरल पदार्थ आंख, नाक और कान तक से भी बाहर निकलने लगते हैं। इसी वजह से कई बार मरते ही इंसान के शरीर से पेशाब या मल भी निकल आता है।

त्वचा का रंग बदलना:

मृत्यु के बाद खून का प्रवाह रुकने के कारण त्वचा का रंग पीला या नीला होने लगता है। यह प्रक्रिया कुछ ही मिनटों में शुरू हो जाती है। मृत्यु के बाद (Dead Body) शरीर का तापमान धीरे-धीरे गिरने लगता है। इसे अल्गर मोर्टिस (Algor Mortis) कहा जाता है। औसतन हर घंटे शरीर का तापमान 1-1.5 डिग्री फारेनहाइट कम होता है। 3-6 घंटे बाद शरीर में रासायनिक और शारीरिक प्रक्रियाएं तेज़ी से शुरू हो जाती हैं।

रिगर और लिवर मोर्टिस:

मौत (Dead Body) के 2-6 घंटे बाद मांसपेशियां कठोर होने लगती हैं। यह प्रक्रिया 12 घंटे तक पूरी होती है और 48 घंटे बाद मांसपेशियां फिर से शिथिल हो जाती हैं। गुरुत्वाकर्षण के कारण खून नीचे की ओर जमा होने लगता है, जिससे त्वचा पर गहरे लाल या बैंगनी धब्बे दिखाई देते हैं। यह प्रक्रिया मौत के 20-30 मिनट बाद शुरू हो जाती है। इसे लिवर मोर्टिस कहते हैं।

पाचन तंत्र:

आंतों में मौजूद बैक्टीरिया शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने लगते हैं, जिससे शरीर (Dead Body) के अंदर गैस बनने लगती है। 24-48 घंटे बाद, शरीर के अंदर रासायनिक प्रक्रियाओं के कारण तेजी से विघटन (Decomposition) शुरू हो जाता है। आंतरिक अंगों में बनने वाली गैस के कारण शरीर फूलने लगता है। बैक्टीरिया और टिशू के टूटने से दुर्गंध आने लगती है। यह प्रक्रिया मुख्यतः पाचन तंत्र और आंतों से शुरू होती है। त्वचा की बाहरी परत कमजोर होकर छिलने लगती है।

कई दिनों बाद के बदलाव:

मौत के तीन से पांच दिनों के बाद शरीर में सड़ने की प्रक्रिया तेजी पकड़ लेती है। विघटन के कारण शरीर पर कीड़े, जैसे मक्खियां और लार्वा, आ जाते हैं। शरीर के सॉफ्ट टिशू धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं, और हड्डियां बचती हैं।

जूली मैकफेडन का कहना है कि इन शारीरिक बदलावों को समझने से हमें मौत की प्रक्रिया को बेहतर तरीके से जानने में मदद मिलती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मौत के बाद का यह सफर पूरी तरह स्वाभाविक और प्राकृतिक है। उन्होंने यह भी बताया कि हॉस्पिस में काम करने के दौरान उन्हें यह अनुभव हुआ कि मौत का सामना करते समय शांति और देखभाल की जरूरत सबसे अधिक होती है।