Coober Pedy: आमतौर पर लोग जमीन पर मकान बनाकर रहते हैं। बहुत से लोग अपने घरों में बेसमेंट भी बनाते हैं लेकिन मकान उनके जमीन पर ही बने होते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि एक जगह ऐसी भी है जहां लोग जमीन के नीचे घर बनाकर रहते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां जमीन के नीचे पूरा शहर बसा हुआ है। इतना ही नहीं यहां जमीन के नीचे बसे घरों में सुख सुविधाओं के पूरे सामान मिलेंगे।
जब आप यहां प्रवेश करेंगे तो आपको यहां एक आधुनिक शहर मिलेगा। यहां के घरों में आपाको आधुनिक सुख सुविधाओं के सभी सामान मिलेंगे जो एक आधुनिक शहर में होते हैं। खास बात यह है कि जमीन के नीचे बसा यह शहर एक रेगिस्तानी इलाके में है। यह अनोखा शहर ऑस्ट्रेलिया के रेगिस्तानी इलाके में बसा है। इसे कूबर पेडी के नाम से जाना जाता है।
अनोखा शहर:
Coober Pedy ऑस्ट्रेलिया का एक अनोखा शहर है, जो दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया के अर्नहेम लैंड रेगिस्तान के नीचे बसा हुआ है। यह शहर अपनी असामान्य जीवनशैली और विशेष रूप से ओपल खदानों के लिए प्रसिद्ध है। Coober Pedyकी भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक संसाधनों ने इसे एक ऐसा स्थान बना दिया है जहां लोग जमीन के नीचे रहते हैं और रेगिस्तान की गर्मी से बचने के लिए गुफाओं में जीवन व्यतीत करते हैं। कूबर पेडी का इतिहास, उसकी संस्कृति और यहां के लोगों का जीवन पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है।
ओपल खदानों के लिए पॉपुलर है Coober Pedy:
Coober Pedy की स्थापना 1915 में हुई थी। दरअसल, विल हचिंसन नाम के एक युवा खनिक ने इस क्षेत्र में ओपल की खोज की थी। बता दें कि ओपल एक बहुमूल्य रत्न है, जिसकी यहां प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इस खोज के बाद कूबर पेडी तेजी से एक महत्वपूर्ण खनन स्थल बन गया और ओपल की खदानों की खुदाई के लिए दुनिया भर से लोग यहां आने लगे। 1930 के दशक तक, यह क्षेत्र ओपल खदानों के लिए प्रसिद्ध हो चुका था, और कूबर पेडी को “दुनिया की ओपल राजधानी” के रूप में जाना जाने लगा।
इसलिए रहते हैं जमीन के नीचे:
Coober Pedy में तापमान गर्मियों में 40°C से अधिक हो सकता है, जिससे यह क्षेत्र अत्यधिक शुष्क और गर्म हो जाता है। ऐसे में गर्मी और अन्य चुनौतियों से बचने के लिए यहां के लोगों ने भूमिगत जीवनशैली को अपनाया। 1920 के दशक में, खनिकों ने रेगिस्तान की भीषण गर्मी से बचने के लिए भूमिगत घरों का निर्माण करना शुरू किया।
ये घर गुफाओं की तरह होते हैं, जो जमीन के नीचे बनाए जाते हैं और गर्मी के बावजूद ठंडक प्रदान करते हैं। कूबर पेडी में आज भी कई लोग इन भूमिगत घरों में रहते हैं, जिन्हें “डगआउट” कहा जाता है। इन घरों में सभी आधुनिक सुविधाएं होती हैं, जैसे कि बिजली, पानी और इंटरनेट। यहां की भूमिगत चर्च, होटल और बार भी दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
45 देशों के लोग और 3500 आबादी:
जमीन के नीचे बसे इस शहर में करीब 3500 लोग रहते है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कूबर पेडी शहर में लगभग 45 देशों के लोग बसे हुए हैं। इसमें भी 60 परसेंट लोग यूरोप के रहने वाले हैं। कम जनसंख्या होने के बाद भी यह शहर अपनी अद्भुत संस्कृति और रहन-सहन की वजह से लोगों और पर्यटकों के बीच काफी पॉपुलर है।
यहां कमाई का जरिया सैलानी और ओपल की खदान हैं। यहां के लोग रात में ही खेल-कूद का आनंद उठाते हैं। यहां का गोल्फ कोर्स काफी मशहूर है। इस शहर में सिर्फ अंडर-ग्राउंड घर ही नहीं बल्की होटल भी मौजूद हैं। यहां आपको जमीन के नीचे स्विमिंग पूल भी नजर आएगा।
ओपल खदानों से होती है कमाई:
कूबर पेडी की मुख्य अर्थव्यवस्था ओपल खनन पर आधारित है। यहां की खदानें दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे समृद्ध ओपल खदानों में से एक मानी जाती हैं। स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों ही यहां आकर खनन में भाग ले सकते हैं और खुदाई कर सकते हैं। कूबर पेडी में कई परिवार पीढ़ियों से खनन कर रहे हैं, और इसने यहां की सांस्कृतिक धरोहर को भी समृद्ध बनाया है।
यहां का खनन उद्योग न केवल स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का मुख्य स्रोत है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अपनी जगह बना चुका है। ओपल की गुणवत्ता और मात्रा के कारण, यह शहर दुनिया भर के व्यापारियों और जौहरियों के लिए एक प्रमुख स्थल बन गया है।