Crows: कौआ एक ऐसा पक्षी है, जिसे अक्सर अपनी चतुराई, जिज्ञासा और अद्वितीय व्यवहार के लिए जाना जाता है। लेकिन हाल के शोधों ने कौवों (Crows) को लेकर ऐसी चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। इनके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। कहा जाता है कि कौवे (Crows) इंसान का चेहरा याद रखने में माहिर होते हैं और किसी बुरे व्यवहार के लिए उससे बदला लेने की क्षमता रखते हैं। इस पर हाल के अध्ययनों में पाया गया है कि कौवे (Crows) इंसानों की शक्लें लगभग 17 साल तक याद रख सकते हैं और अगर किसी इंसान ने उनके (Crows) साथ बुरा व्यवहार किया है, तो वे उससे बदला लेने का प्रयास कर सकते हैं।
बहुत तेज होती है Crows की याददाश्त:
कौवों (Crows) का मस्तिष्क आकार में छोटा होता है, लेकिन इसकी संरचना और कार्यक्षमता काफी विकसित होती है। अध्ययन में पाया गया है कि कौवे (Crows) के मस्तिष्क में कई तंत्रिका कोशिकाएं (न्यूरॉन्स) होती हैं, जो उनकी याददाश्त, समस्या सुलझाने की क्षमता और सामाजिक व्यवहार को प्रभावित करती हैं। यह पक्षी (Crows) श्रेणी में सबसे अधिक बुद्धिमान प्रजातियों में से एक माने जाते हैं। कई वैज्ञानिक मानते हैं कि कौवे (Crows) की इस क्षमता का विकास उन्हें उनके कठिन वातावरण और सामाजिक संरचना में जीवित रहने के लिए हुआ है।
कैसे किया गया प्रयोग:
वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा 2006 में किए गए एक शोध में यह सिद्ध हुआ कि कौवे (Crows) इंसान का चेहरा पहचान सकते हैं और उसे वर्षों तक याद रख सकते हैं। इस अध्ययन की शुरुआत पर्यावरण वैज्ञानिक प्रोफेसर जॉन मार्जलूफ ने की थी। प्रोफेसर ने मुखौटा पहनकर कौवों (Crows) के घोंसले से अंडे निकालने या उनके बच्चों को नुकसान पहुंचाने जैसे कार्य किए। समय के साथ, उन कौवों ने मुखौटा पहनने वाले व्यक्ति को पहचान लिया और उसके प्रति आक्रामकता दिखाई।
यह देखा गया कि अगर किसी इंसान ने कौवे के साथ बुरा व्यवहार किया है, तो कौवा अपने अन्य साथियों को भी उस इंसान के बारे में ‘सूचित’ कर देता है। कौवे समूह में रहते हैं। यह देखा गया कि एक कौवा अगर किसी इंसान को पहचानता है, तो उसके साथी भी उस इंसान को पहचानने लगते हैं और आक्रामक व्यवहार अपनाते हैं।
कौवों ने लिया बदला:
प्रोफेसर ने 7 कौओं को पकड़ा था और उन्हें छोड़ने से पहले उनके पैर में छल्ले डा दिए थे जिससे बाद में उनकी पहचान की जा सके। बाद के सालों मे प्रोफेसर और उनके सहयोगियों ने उन्हीं मास्क को पहन कर यूनिवर्सिटी कैम्पस में घूमते हुए स्थानीय कौओं को दाना डाला करते थे। प्रोफेसर जॉन मार्जलूफ ने बताया कि जब वे मास्क पहनकर कौवों के सामने गए तो 53 कौवों में से 47 ने उन्हें बुरी तरह परेशान कर दिया था। इनमें वे 7 कौवे भी शामिल थे, जिन्हें प्रोफेसर ने पकड़ा था।
17 साल तक चेहरा याद रखते हैं कौवे:
यह शोध कौवों के असाधारण स्मरणशक्ति के उपयोग को दर्शाता है। अन्य जानवरों के विपरीत, कौवे न केवल चेहरे पहचानते हैं, बल्कि उन्हें सालों तक याद भी रखते हैं। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि कौवे लगभग 17 साल तक इंसान की शक्ल को याद रख सकते हैं। कौवे का यह व्यवहार उनकी लंबी उम्र और उनके मस्तिष्क की कार्यक्षमता को भी दिखाता है। चूंकि एक कौवे का जीवनकाल 20-30 साल तक होता है, उनके पास समय और अवसर दोनों होते हैं कि वे अपनी याददाश्त और अनुभव का उपयोग कर सकें।
कौवे का बदला लेने का गुण:
कौवे का बदला लेने का गुण उन्हें अन्य पक्षियों से अलग बनाता है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि कौवे केवल इंसानों को ही नहीं, बल्कि अपने परिवेश में मौजूद अन्य जीवों को भी पहचानने और उनके व्यवहार का जवाब देने में सक्षम होते हैं। अगर कोई अन्य पक्षी उनके घोंसले में अतिक्रमण करता है या उन्हें भोजन से वंचित करता है, तो कौवे उसे भी निशाना बना सकते हैं। उनकी यह प्रवृत्ति सामाजिक व्यवहार में भी देखी जाती है, जहां वे अपने साथियों के प्रति भी वफादार रहते हैं।