Marriage with Dead: यहां मौत के बाद भी हो सकती है शादी, जानिए कैसे और क्यों बनी ये अनोखी परंपरा

Marriage with Dead: दुनिया भर में शादी एक ऐसा संस्कार है, जो दो जीवित व्यक्तियों के बीच प्रेम, सम्मान और जिम्मेदारियों का बंधन माने जाने के लिए होता है। परंतु, फ्रांस में एक ऐसी परंपरा है जिसे सुनकर आप हैरान हो सकते हैं। यहां मरे हुए व्यक्ति से शादी करना कानूनी रूप से संभव है, और यह प्रथा सदियों से चल रही है।

October 21, 2024
Marriage with Dead
Marriage with Dead: यहां मौत के बाद भी हो सकती है शादी, जानिए कैसे और क्यों बनी ये अनोखी परंपरा

Marriage with Dead: दुनिया भर में शादी एक ऐसा संस्कार है, जो दो जीवित व्यक्तियों के बीच प्रेम, सम्मान और जिम्मेदारियों का बंधन माने जाने के लिए होता है। परंतु, फ्रांस में एक ऐसी परंपरा है जिसे सुनकर आप हैरान हो सकते हैं। यहां मरे हुए व्यक्ति से शादी करना कानूनी रूप से संभव है, और यह प्रथा सदियों से चल रही है।

फ्रांस में इसे “पोस्टह्यूमस मैरिज” या फ्रांसीसी में “मैरियाज पोस्टह्यूम” कहा जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है “मृत्यु के बाद विवाह”। इसका मतलब यह है कि कोई व्यक्ति अपने मरे हुए साथी से कानूनी रूप से शादी कर सकता है।

यह विवाह कानूनन मान्य होता है, और इसके तहत मरे हुए व्यक्ति को वही सम्मान और स्थिति दी जाती है, जैसा किसी जीवित व्यक्ति को दिया जाता है। यह परंपरा जितनी अजीब लगती है, उतनी ही दिलचस्प और भावनात्मक भी है। आइए जानते हैं कि आखिर यह परंपरा कैसे शुरू हुई और इसके पीछे क्या कारण हैं।

कैसे शुरू हुई फ्रांस में यह परंपरा:

1959 में फ्रांस के दक्षिणपूर्वी क्षेत्र फ्रेजुस में एक दुखद घटना के बाद, यह कानून अस्तित्व में आया। उस समय, वहां एक बड़े बांध का निर्माण हो रहा था, लेकिन निर्माण के दौरान बांध टूट गया, जिससे भयंकर बाढ़ आई और 400 से अधिक लोग मारे गए। इसी में एक ऐसा व्यक्ति भी था जिसकी कुछ दिनों पहले ही सगाई हुई थी|

ऐसे में महिला ने सरकार ने उस मृतक से शादी करने की अपील की| इस भावनात्मक अपील को देखते हुए, तत्कालीन राष्ट्रपति चार्ल्स डी गॉल ने इस अनुरोध को स्वीकार किया और 1959 में एक विशेष कानून बनाया गया, जिसके तहत “पोस्टह्यूमस मैरिज” को कानूनी मान्यता मिली।

इस Marriage के लिए क्या शर्तें हैं:

मरे हुए व्यक्ति से शादी(Marriage) करना आसान नहीं होता, इसके लिए कुछ कड़े नियम और शर्तें हैं जिनका पालन करना होता है| इस प्रकार की शादी के लिए आपको फ्रांस के राष्ट्रपति से अनुमति लेनी होती है। इस अनुमति के बिना यह विवाह मान्य नहीं होता। उस व्यक्ति को यह साबित करना होता है कि मृतक और उसके बीच सच्चा प्रेम और रिश्ते की वचनबद्धता थी।

इसके लिए, वे सगाई की योजना, साथ में ली गई तस्वीरें, पत्राचार या कोई अन्य साक्ष्य प्रस्तुत कर सकते हैं जो यह दिखाए कि वे शादी के लिए प्रतिबद्ध थे।यह भी साबित करना आवश्यक होता है कि मृत व्यक्ति की भी शादी(Marriage) करने की इच्छा थी। इसके लिए, उनके परिवार और दोस्तों का समर्थन और गवाही दी जा सकती है।

जब यह काननू बना तो एक सवाल सबके मन में था कि ऐसा संभव है कि कोई किसी की संपत्ती के लिए उसे मार दे और उसके बाद शादी का नाटक रचाएं. ऐसे में कानून में इसको लेकर भी कई प्रवाधान किए गए है| हालांकि यह विवाह कानूनी होता है, लेकिन मरे हुए व्यक्ति के संपत्ति या वित्तीय लाभों पर जीवित व्यक्ति का कोई अधिकार नहीं होता।

सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व:

फ्रांस में मरे हुए व्यक्ति से विवाह की परंपरा कई बार विवादित रही है, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व रखती है। इसे मुख्य रूप से उन लोगों के लिए है, जिन्होंने अपने जीवनसाथी को किसी दुर्घटना या अचानक मौत में खो दिया है। इस प्रकार का विवाह समाज में एक मजबूत सांकेतिक संदेश भेजता है कि प्रेम और वचनबद्धता मौत से भी परे हो सकते हैं।

यह सवाल उठता है कि कोई व्यक्ति मरे हुए व्यक्ति से शादी(Marriage) क्यों करना चाहेगा? इसका उत्तर है कि जब कोई व्यक्ति किसी से सच्चा प्रेम करता है और किसी कारणवश वह व्यक्ति दुनिया छोड़ देता है, तो उस प्रेम को भुला पाना बहुत कठिन होता है। ऐसे में, यह विवाह उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से अपने साथी के प्रति वफादारी निभाने का एक तरीका प्रदान करता है। इसके अलावा, यह विवाह उन लोगों के लिए एक सांत्वना के रूप में काम करता है, जिन्हें अपने प्रियजन की मृत्यु के बाद गहरा दुख सहना पड़ता है।

यह परंपरा उन्हें यह महसूस करने का अवसर देती है कि उनका प्रेम और रिश्ता अब भी कायम है, भले ही शारीरिक रूप से उनका साथी उनके साथ न हो। फ्रांस के अलावा, मृत व्यक्ति से विवाह की परंपरा चीन में भी पाई जाती है, जिसे वहां “घोस्ट मैरिज” कहा जाता है। हालांकि, चीन में यह परंपरा थोड़ी अलग है। वहां इसे उन लोगों के लिए किया जाता है जो अविवाहित रहते हुए मर गए हों, ताकि उनकी आत्मा को संतुष्टि मिल सके।