Headless Chicken: सिर कटने के बाद भी 18 महीने जिंदा रहा मुर्गा, जानिए कैसे हुआ यह चमत्कार

Headless Chicken: एक मुर्गा का सिर काटने के बाद भी वह जिंदा रहा था। वह मुर्गा काफी प्रसिद्ध हो गया था। इतना ही नहीं उस मुर्गे की बदौलत उसका मालिक मालामाल हो गया था।

August 02, 2024
Mike the Headless Chicken
Headless Chicken: सिर कटने के बाद भी 18 महीने जिंदा रहा मुर्गा, जानिए कैसे हुआ यह चमत्कार

Headless Chicken: क्या आपने ऐसा कोई जीव देखा है जो बिना सिर के भी जीवित रह सके। या हम कहें कि किसी का सिर कटने के बाद भी वह जिंदा रह सकता है। आप कहेंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई बिना सिर के भी जिंदा रह सके। लेकिन आपको बता दें कि ऐसा हो चुका है। एक मुर्गा बिना सिर (Headless Chicken) के भी कई महीनों तक जिंदा रहा था। यह घटना अमरीका में कई साल पहले हुई थी। एक मुर्गा (Chicken) का सिर काटने (Chicken without head) के बाद भी वह जिंदा रहा था।

वह मुर्गा काफी प्रसिद्ध हो गया था। इतना ही नहीं उस मुर्गे की बदौलत उसका मालिक मालामाल हो गया था। यह वित्रित्र घटना वर्ष 1945 में घटित हुई थी। इस मुर्गे के चर्चे उस वक्त दुनियाभर में हुए थे। इतना ही नहीं अमरीका के एक शहर में उस मुर्गे की मूर्ति भी लगी हुई है।

बेचने के लिए मुर्गे काट रहा था शख्स, तभी हुआ चमत्कार:

दरअसल, अमरीका के कोलोराडो के फ्रूटा में लॉयड ऑलसेन नाम का एक किसान अपनी पत्नी के साथ रहता था। वह मुर्गी पालन का व्यवसाय करता था। इसके साथ ही वह मुर्गे काटकर उनको बेचता भी था। 10 सितंबर 1945 को वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर मुर्गे काट रहा था ताकि उन्हें बाजार में बेचा जा सके। उस दिन लॉयड ऑलसेन ने करीब 40-50 मुर्गे काटे। लेकिन जब वह एक मुर्गे को काट रहा था तो एक चमत्कार हुआ। वह मुर्गा सिर कटने (Headless Chicken) के बाद भी मरा नहीं। इसके बाद वह किसान और मुर्गा दोनों फेमस हो गए।

Mike The Headless Chicken:

किसान लॉयड ने जैसे ही उस मुर्गे का सिर काटा (Chicken without Head) , वह मुर्गा (Chicken) मरा नहीं बल्कि इधर उधर वहां से भागने लगा। लॉयड ने उस मुर्गे को पकड़कर एक डिब्बे में बंद कर दिया। रातभर वह मुर्गा उस डिब्बे में बंद रहा। दूसरे दिन जब लॉयड और उसकी पत्नी से उस मुर्गे को देखा तो वे हैरान रह गए। वह मुर्गा मरा नहीं था बल्कि जिंदा था। किसान ने उस मुर्गे का नाम माइक (Mike the headless Chicken) रखा। इसके बाद वह लोगों को बताने लगा कि उसके पास एक ऐसा मुर्गा है जो बिना सिर के भी जिंदा है।

बिना सिर वाले मुर्गे ने कर दिया मालामाल:

जब लॉयड ने लोगों को बताना शुरू किया कि उसके पास एक बिना सिर वाला मुर्गा है और वह जिंदा है। लोगों को उसकी बात पर यकीन नहीं होता था तो वह उनके साथ शर्त लगाता था। धीरे—धीरे उस बिना सिर वाले मुर्गे की बात सब जगह फैलने लगी। इसके बाद लॉयड उस मुर्गे की प्रदर्शनी पूरे अमरीका में लगाने लगा। इस तरह लॉयड अपने मुर्गे माइक को जगह जगह जाने लगा और उससे कमाई करने लगा। उस मुर्गे की वजह से लॉयड अमीर हो गया।

18 महीने तक जिंदा रहा मुर्गा फिर ऐसे हुई मौत:

लॉयड अपने बिना सिर वाले मुर्गे माइक को खाने की नली से सीधे लिक्विड खाना डालते थे। वहीं मुर्गे के गले से म्यूकस को सीरींज के सहारे से बहार निकाला जाता था। वह मुर्गा करीब 18 महीने तक बिना सिर के जिंदा रहा। एक बार 17 मार्च 1947 को लॉयड अपनी पत्नी के साथ टूर पर थे। वे एरिजोना के होटल में सो रहे थे तभी उन्हें मुर्गे की आवाज आई। दरअसल, मुर्गे का गला म्यूकस की वजह से जकड़ गया था।

लेकिन उस वक्त लॉयड के पास म्यूकस निकालने के लिए सीरींज नहीं थी। उन्होंने अपने मुर्गे को बचाने की बहुत कोशिश की। लेकिन वह उसे बचा नहीं सके। ऐसे में म्यूकस की वजह से उस मुर्गे की मौत हो गई। लेकिन तक तक वह मुर्गा अपने मालिक को काफी कमाकर दे चुका था।

बिना सिर के ऐसे रहा जिंदा:

आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि बिना सिर के मुर्गा जिंदा कैसे रहा। यह चमत्कार कैसे हुआ। बता दें कि मुर्गे का मुख्य दिमाग उसकी आंखों के पीछे यानी खोपड़ी के पीछे वाले हिस्से में होता है। ऐसे में जब लॉयड ने उस मुर्गे का सिर काटा तो उसका पिछला हिस्सा शरीर से अलग नहीं हुआ, वह जुड़ा रह गया।

ऐसे में उसका दिमाग बाकी शरीर को सिग्नल दे रहा था। इसी वजह से वह मुर्गा सिर कटने के बाद भी इधर उधर भागने लगा था। हालांकि यह एक तरह से चमत्कार ही था कि माइक बिना सिर के भी करीब 18 महीने तक जिंदा रहा। बिना सिर वाले मुर्गे माइक का एक पुतला फ्रूटा मेंं लगा हुआ है। अब उस जगह हर साल हेडलेस चिकेन फेस्टिवल सेलिब्रेट किया जाता है।