Om Parvat: हिमालय, दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वतों में से एक माना जाता हैं | हिमालय,को देवी- देवताओं का निवास स्थान भी माना जाता है| कहा जाता हैं कि यह अपने अंदर अनेक रहस्यों को समेटे हुए है। यह पर्वत श्रृंखला सिर्फ अपनी प्राकृतिक सुंदरता और ऊंचाई के लिए प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि यहां के कई स्थान आध्यात्मिक रहस्य और चमत्कारिक घटनाओं के कारण भी चर्चित रहते हैं।
इन्हीं स्थानों में से एक ऐसा रहस्यमयी पर्वत भी है , जिसे भगवान शिव का पर्वत कहा जाता है। इस पर्वत को ‘ऊॅं’ पर्वत(Om Parvat) के नाम से जाना जाता हैं | यह चमत्कारी और रहस्यमय ओम पर्वत, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। इस पर्वत को देखकर हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाता है, क्योंकि यह बिल्कुल “ॐ” के आकार में दिखाई देता है।
इस ॐ का आकार इतना स्पष्ट और प्राकृतिक है कि इसे देखकर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है कि यह मानव निर्मित नहीं है, बल्कि प्रकृति का एक अनोखा चमत्कार है। साथ ही यहाँ से बर्फ गिरने से प्राकृतिक रूप से ओम की ध्वनि उत्पन्न होती है। इस पर्वत की अद्भुतता और रहस्यमयी वातावरण ने इसे न केवल श्रद्धालुओं, बल्कि वैज्ञानिकों के लिए भी एक जिज्ञासा का विषय बना दिया है।
“ॐ” का धार्मिक महत्व:
“ॐ” हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली प्रतीक माना जाता है। इसे ब्रह्मांड की ध्वनि, अनहद नाद और परम शक्ति का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि “ॐ” की ध्वनि से ही सृष्टि की उत्पत्ति हुई थी। भारत के प्राचीन ग्रंथों में भी “ॐ” को विशेष महत्व दिया गया है। यह केवल हिंदू धर्म का हिस्सा नहीं है, बल्कि बौद्ध और जैन धर्म में भी इसे विशेष स्थान दिया गया है।
चमत्कार या प्राकृतिक घटना:
Om Parvat पर बर्फ से बने इस “ॐ” के आकार को देखकर लोग हमेशा यह सवाल करते हैं कि यह कैसे संभव है। क्या यह महज एक प्राकृतिक घटना है, या फिर इसमें कोई आध्यात्मिक चमत्कार छिपा हुआ है? वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो इसे प्राकृतिक घटना के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि हिमालय में बर्फ की आकृतियों का बनना सामान्य है।
परंतु जिस प्रकार से यह “ॐ” का आकार यहाँ बना हुआ है, वह इसे बाकी सभी पर्वतों से अलग और खास बनाता है। इस बर्फीले ढांचे की स्पष्टता और इसका आकार देखने वालों के लिए एक चमत्कार जैसा प्रतीत होता है।
Om Parvat रहस्यों की अनसुलझी कहानी:
ओम पर्वत(Om Parvat)के साथ कई ऐसे रहस्य जुड़े हुए हैं, जिनका आज तक कोई ठोस जवाब नहीं मिल पाया है। यहाँ पर बर्फ का ढांचा किस प्रकार से “ॐ” के आकार में बनता है, यह सवाल वैज्ञानिकों के लिए आज भी एक पहेली बना हुआ है। कई विद्वानों का मानना है कि यह स्थान दिव्य ऊर्जा से भरा हुआ है, और यहाँ आने वाले व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से शांति और संतोष प्राप्त होता है।
स्थानीय जनजातियों में भी यहाँ की कई कहानियाँ प्रचलित हैं, जो इस पर्वत के चमत्कारिक और रहस्यमय पहलुओं को बताती हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इस पर्वत पर भगवान शिव स्वयं उपस्थित रहते हैं और यह “ॐ” का निशान उनकी उपस्थिति का प्रतीक है।
यात्रा की कठिनाइयाँ :
Om Parvatकी यात्रा करना आसान नहीं है। यह एक दुर्गम क्षेत्र है और यहां की भौगोलिक परिस्थितियाँ काफी चुनौतीपूर्ण होती हैं। रास्ते में तीखे पहाड़ी मोड़ और घने जंगल पार करने पड़ते हैं। इसके बावजूद, हर साल हजारों तीर्थयात्री और पर्यटक इस पर्वत के दर्शन के लिए आते हैं।
उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार इस यात्रा को सुगम बनाने के लिए कई सुविधाएं भी प्रदान करती हैं। हालांकि, इस यात्रा के लिए शारीरिक रूप से स्वस्थ होना आवश्यक है, क्योंकि ऊंचाई के कारण कई यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, यात्रा से पहले पूरी तैयारी और मेडिकल चेकअप कराना अत्यंत आवश्यक है।