Mysterious Temple: इस शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद दूध का रंग हो जाता है नीला

Mysterious Temple: इस शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद दूध का रंग हो जाता है नीला हमारा देश मंदिरों का देश है और यहां लाखों मंदिर हैं। इनमें से बहुत से मंदिर रहस्यमयी हैं। यहां कई मंदिरों में लोगों को ऐसे चमत्कार देखने को मिलते हैं। हमारे देश में भगवान शिव के अनेकों मंदिर हैं।

September 26, 2024
Mysterious Temple
Mysterious Temple: इस शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद दूध का रंग हो जाता है नीला

Mysterious Temple: इस शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद दूध का रंग हो जाता है नीला हमारा देश मंदिरों का देश है और यहां लाखों मंदिर हैं। इनमें से बहुत से मंदिर रहस्यमयी(Mysterious Temple) हैं। यहां कई मंदिरों में लोगों को ऐसे चमत्कार देखने को मिलते हैं। हमारे देश में भगवान शिव के अनेकों मंदिर हैं। इन मंदिरों में भगवान शिव के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। कई शिवालयों में भक्तों को चमत्कार भी देखने को मिलते हैं।

भगवान शिव का एक ऐसा ही चमत्कारिक मंदिर केरल में है। यहां भक्तों को साक्षात चमत्कार देखने को मिलता है। यहां जब दूध चढाया जाता है तो उसका रंग नीला हो जाता है। इस मंदिर के चमत्कार के चर्चे देश नहीं बल्कि पूरे विश्व में हैं। यह मंदिर तमिलनाडु के कीजापेरूमपल्लम गांव में स्थित है।

इस मंदिर का नाम नागनाथस्वामी मंदिर(Mysterious Temple) है, जिसे केति स्थल के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर कावेरी नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के नाग स्वरूप को समर्पित है और आस्था के साथ कई रहस्यमयी घटनाओं के कारण भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहता है। इस मंदिर में भक्त जब दूध चढ़ाते हैं तो उस दूध का रंग नीला हो जाता है। इस घटना ने न केवल भक्तों को हैरान किया, बल्कि वैज्ञानिक भी हैरान रह गए।

शिव पुराण में भी है नागनाथस्वामी मंदिर का जिक्र:

नागनाथस्वामी मंदिर(Mysterious Temple) तमिलनाडु के कुंभकोणम के पास स्थित है और इसे भगवान शिव के एक महत्वपूर्ण रूप नागेश्वर (नागनाथ) को समर्पित किया गया है। इस मंदिर का जिक्र शिव पुराण में भी मिलता है। शिव पुराण और अन्य पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव ने इस स्थान पर अपने भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए नाग रूप धारण किया था। मंदिर की स्थापत्य कला और यहाँ की मूर्तियों की नक्काशी अद्वितीय है, जो दक्षिण भारतीय मंदिर स्थापत्य शैली का उत्तम उदाहरण है।

भगवान शिव के नाग रूप को अर्पित करते हैं दूध:

इस मंदिर में रोजाना हजारों भक्त दर्शन करने आते हैं और विशेष रूप से नागपंचमी जैसे त्योहारों पर मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ जाती है। यहां नागों को दूध चढ़ाना यहाँ की पुरानी परंपरा है। हिंदू धर्म में नागों को शक्ति, समृद्धि और सर्प दोष से मुक्ति का प्रतीक माना जाता है। भक्त इस मंदिर में भगवान शिव के नाग रूप को दूध अर्पित करते हैं, ताकि उनके जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे और वे सभी प्रकार की विपत्तियों से बचे रहें।

Mysterious Temple में दूध का रंग हो जाता है नीला:

नागनाथस्वामी मंदिर(Mysterious Temple) में जब भक्त दूध अर्पित करते हैं, तो कुछ समय बाद वह दूध नीले रंग में परिवर्तित हो जाता है। यह घटना सामान्य नहीं है और भक्त इसे भगवान की कृपा और चमत्कार के रूप में देखते हैं। वहीं मंदिर के पुजारियों का कहना है कि यह भगवान शिव के नाग रूप की उपस्थिति और उनकी दिव्यता का प्रमाण है। इसके कारण मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई है, जो इस घटना को स्वयं अपनी आँखों से देखने के लिए यहाँ आते हैं।

क्या कहते हैं वैज्ञानिक:

जहां भक्त इसे भगवान शिव की कृपा और चमत्कार मानते हैं। वहीं वैज्ञानिक इसे एक जैविक या रासायनिक प्रक्रिया मानते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मंदिर के उस विशेष स्थान पर कुछ खास प्रकार के बैक्टीरिया या कवक हो सकते हैं, जो दूध के साथ प्रतिक्रिया करके उसका रंग नीला कर देते हैं।

दूध में विभिन्न प्रकार के प्रोटीन और लैक्टोज होते हैं, जो वातावरण में मौजूद सूक्ष्मजीवों के साथ प्रतिक्रिया कर सकते हैं। कुछ रसायन, जैसे कि अमोनिया या सल्फर, अगर वातावरण में मौजूद हों तो वे भी दूध के रंग को बदल सकते हैं। इसके अलावा, पानी या मंदिर में उपयोग की जाने वाली धातुओं का भी इस प्रक्रिया में योगदान हो सकता है।