Puck Fair: दुनिया भर में कई अजीबो-गरीब परंपराएं और त्योहार होते हैं, जिनमें कुछ अपनी अनूठी संस्कृति, इतिहास और मान्यताओं को दर्शाते हैं। बता दें कि दुनिया में कई जगहों पर अजीबोगरीब परंपराएं निभाई जाती हैं। इसके साथ ही कई तरह के त्योहार भी मनाए जाते हैं। ऐसा ही एक अजीबोगरीब त्योहार (Puck Fair) आयरलैंड में मनाया जाता है। यह त्योहार बहुत अजीबोगरीब है, जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
इस त्योहार (Puck Fair) के दौरान शहर की बागडोर एक बकरे के हाथ में सौंप दी जाती है। इस अनोखे त्योहार का नाम ‘प्लक फेयर’ (Puck Fair) है। यह त्योहार के दौरान तीन दिन के लिए एक बकरा राजा (Puck Fair) बना दिया जाता है और एक सुंदर लड़की उसकी रानी या दुल्हन बनती है।
Puck Fair का इतिहास:
प्लक फेयर (Puck Fair) आयरलैंड के काउंटी केरी के किलॉरग्लिन नामक छोटे से शहर में हर साल मनाया जाता है। इस अनोखे त्योहार (Puck Fair) की शुरुआत कब हुई इसका तो पता नहीं है लेकिन माना जाता है कि यह त्योहार (Puck Fair) सदियों से मनाया जा रहा है। इस अनोखे त्योहार (Puck Fair) के पीछे कई किंवदंतियाँ और मान्यताएँ जुड़ी हुई हैं। एक लोककथा के अनुसार, प्लक फेयर की शुरुआत ओलिवर क्रॉमवेल के समय में हुई थी, जब उनके सैनिक आयरलैंड के विभिन्न हिस्सों पर आक्रमण कर रहे थे।
जब क्रॉमवेल की सेना किलॉरग्लिन पर हमला करने वाली थी, तो पास के पहाड़ों में से एक जंगली बकरा शहर की ओर भागा। लोगों ने इसे आने वाले खतरे का संकेत माना और वे बकरा देखकर अपनी सुरक्षा के लिए तैयार हो गए। इस घटना की याद में उस बकरे को सम्मानित करने के लिए हर साल उसे राजा के रूप में स्थापित करने की परंपरा शुरू हुई।
तीन दिन चलता है यह त्योहार:
प्लक फेयर (Puck Fair) का आयोजन हर साल अगस्त के महीने में 10 से 12 तारीख तक किया जाता है। यह तीन दिन का त्योहार होता है, जिसमें पहले दिन बकरे को राजा बनाया जाता है। दूसरे दिन यह उत्सव (Puck Fair) अपने चरम पर होता है और तीसरे दिन बकरे को उसके ‘राजा’ पद से हटा दिया जाता है और फिर उसे सुरक्षित रूप से पहाड़ों में वापस छोड़ दिया जाता है।
त्योहार (Puck Fair) की शुरुआत बहुत ही धूमधाम से होती है। बकरे को पहाड़ों से पकड़कर शहर लाया जाता है, जहाँ उसे फूलों और रंग-बिरंगे कपड़ों से सजाया जाता है। उसे एक ऊँचे मंच पर राजा की तरह बिठाया जाता है, जो पूरे त्योहार (Puck Fair) के दौरान वहाँ रहता है। इस मंच को ‘प्लक स्टेज’ कहा जाता है।
महाराज की निकाली जाती है झांकी:
त्योहार के लिए पहाड़ से एक जंगली पहाड़ी बकरे को लाया जाता है। इसके बाद उसे किंग पक के तौर पर उपाधि देकर उसका राजतिलक किया जाता है। राजा बनाने के बाद नए महाराज की झांकी निकाली जाती है। इस झांकी में महारानी भी शामिल होती है। महारानी के तौर पर लोकल लड़की को चुना जाता है।
नए महाराज को मिलती हैं ये सुविधाएं:
त्योहार के दौरान जिस राजा बनाए गए बकरे को तीन दिन के लिए गद्दी पर बैठता है। इन तीन दिनों में बकरे को महंगे पेड़ की टहनियां खिलाई जाती है। खाने में पत्तागोभी दी जाती है और पानी की सुविधा हमेशा के लिए होती है। तीन दिन बाद मेला खत्म होने पर उसे सत्ता से बेदखल कर वापस पहाड़ियों में भेज दिया जाता है। बताया जाता है कि इस त्योहार को 17वीं शताब्दी से मनाया जा रहा है।
सुंदर लड़की बनती है रानी:
इस त्योहार का एक प्रमुख आकर्षण होता है ‘क्वीन ऑफ प्लक’। हर साल किलॉरग्लिन शहर की एक युवा लड़की को प्लक की रानी चुना जाता है। यह लड़की त्योहार के दौरान बकरे के साथ सभी प्रमुख कार्यक्रमों में भाग लेती है और इसे बकरे की ‘दुल्हन’ भी कहा जाता है।
रानी के चुनाव की प्रक्रिया भी बहुत ही दिलचस्प होती है। स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ने वाली लड़कियों में से किसी एक को यह सम्मान दिया जाता है। यह लड़की न सिर्फ बकरे की रानी बनती है, बल्कि वह पूरे त्योहार की प्रमुख चेहरा भी होती है और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेती है।