Death row execution: 20 मिनट में होने वाली थी मौत, मरते-मरते बचा कैदी! अचानक ऐसा क्या हुआ की रोकनी पड़ गई सजा?

Death row execution: अगर किसी की मौत का समय तय कर दिया जाए तो उस व्यक्ति की क्या स्थिति होगी। हर पल वह शख्स अपनी मौत की घड़ी के इंतजार में परेशान रहेगा। उसकी मानसिक स्थिति क्या होगी। कई बार कोर्ट गंभीर अपराध के लिए कैदियों को मौत की सजा सुनाती है। जिस दिन उन्हें मौत की सजा सुनाई जाती है, उसी पल से वह कैदी अपनी मौत का समय गिनता रहता है।

जैसे जैसे उसकी मौत का समय नजदीक आता है, उसकी बैचेनी बढ़ती जाती है। सोचिए उस वक्त उसकी मानसिक स्थिति क्या होती होगी। उसके पास अपनी मौत का इंतजार करने के अलावा कोई दूसरा विचार नहीं आता। लेकिन अगर मौत के कुछ मिनट पहले ही सजा पर रोक लगा दी जाए तो। ऐसा ही कुछ हाल ही में एक कैदी के साथ हुआ।

20 मिनट में दी जाने वाली थी कैदी को मौत:

दरअसल, यह घटना अमरीका की है। यहां एक कैदी को गंभीर आरोप के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी। मौत का दिन भी तय कर दिया गया। तय दिन पर कैदी को मौत दी जाने वाली थी। मौत के लिए कैदी के पास सिर्फ 20 ​मिनट बचे थे (Death row execution)। लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ कि 20 ​मिनट पहले उस कैदी की सजा रोक दी गई। आप सोच रहे होंगे कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि वह मरते-मरते बच गया। मामला अमरीका के टेक्सास का है।

लगा था महिला की हत्या का आरोप:

मिरर वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, उस कैदी का नाम रूबेन गुटरेज है। 47 वर्षीय रूबेन पर एक महिला की हत्या का आरोप लगा है। रूबेन पर आरोप है कि वर्ष 1998 में उसने एक 85 वर्षीय महिला एस्कोलैस्टिका हैरिसन की हत्या कर दी थी। आरोप है कि रूबेन ने महिला की हत्या उसकी संपत्ति हासिल करने के लिए की थी।

एस्कोलैस्टिका हैरिसन एक रिटायर्ड टीचर थीं। जब एस्कोलैस्टिका हैरिसन रिटायर हुई थीं तो उन्हें करीब 5 करोड़ रुपए मिले थे लेकिन उन्होंने वह रकम बैंक में जमा नहीं कराई। दरअसल, एस्कोलैस्टिका हैरिसन को बैंक की स्कीम्स पर भरोसा नहीं था। इस वजह से उन्होंने वह 5 करोड़ रुपए अपने घर में ही रखे हुए थे।

रूबेन गुटरेज को मिली मौत की सजा:

रूबेन को इस आरोप में गिरफ्तार किया गया कि उसने एस्कोलैस्टिका हैरिसन के घर में घुसकर वह 5 करोड़ रुपए चुराने के लिए एस्कोलैस्टिका की हत्या कर दी। रूबेन को इसके लिए मौत की सजा सुनाई गई। उसे 16 जुलाई 2024 को मौत दी जानी थी। टेक्सास के हंट्सविले में एक चैंबर के अंदर रूबेन को जहरीला इंजेक्शन देकर मौत देनी थी लेकिन ठीक 20 मिनट पहले उसकी सजा पर रोक लगा दी गई(Death row execution)।

दरअसल, अमरीकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी मौत की सजा पर रोक लगाई। सुप्रीम कोर्ट में रूबेन के वकीलों ने यह दलील दी कि मामले की जांच में कई अनियमितताएं थीं और डीएनए सबूतों की दोबारा जांच जरूरी है।
रूबेन के समर्थन में कई मानवाधिकार संगठनों ने भी याचिकाएं दायर की थीं। उनका कहना था कि रूबेन को बिना पर्याप्त सबूतों के दोषी ठहराया गया। इस मामले में फोरेंसिक और गवाहों की गवाही पर भी सवाल उठाए गए थे। अब कोर्ट के फैसले के बाद मामला फिर से जांच के दायरे में आ गया है और रूबेन को फिलहाल कुछ राहत मिली है।

20 मिनट पहले Death row execution:

दरअसल, रूबेन शुरू से दावा कर रहा था कि उसका डीएनए टेस्ट कराया जाए। रूबेन का कहना था कि डीएनए टेस्ट से साबित हो जाएगा कि उसने एस्कोलैस्टिका का मर्डर नहीं किया(Death row execution)। रूबेन की अपील पर कोर्ट ने कहा कि जब तक कोर्ट तय नहीं नहीं करता कि रूबेन की अपील रिक्वेस्ट को रिव्यू किया जाए या नहीं, तब तक उसकी मौत की सजा पर स्टे रहेगा।

लेकिन अगर कोर्ट ने रूबेन की रिक्वेस्ट को खारिज कर दिया तो स्टे हट जाएगा और उसे मौत की सजा दी जाएगी। वहीं रूबेन के वकीलों का कहना है कि ऐसा कोई भी फॉरेंसिक सबूत नहीं मिला है जो यह साबित कर सके कि रूबेन ने ही महिला की हत्या की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *