BelPatra: सावन में इस दिन नहीं तोड़ने चाहिए बेलपत्र, क्रोधित हो सकते हैं भोलेनाथ

July 29, 2024
BelPatra

BelPatra: हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल का चौथा महीना सावन का महीना होता है। यह महीना हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित यह महीना शिवभक्तों के लिए पवित्र माना जाता है। इस महीने में भक्तगण भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए विभिन्न अनुष्ठान और व्रत करते हैं।

भगवान शिव को भोलेनाथ भी कहा जाता है क्योकि वे बेहद जल्दी अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं| कहते हैं कि अगर सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा की जाए तो वह हमारे सभी कष्ट दूर करते है|शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद और विशेष रूप से बेलपत्र चढ़ाये जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि सावन में बेलपत्र (BelPatra) चढ़ाने का विशेष महत्व होता है, लेकिन इसे तोड़ने और चढ़ाने के भी कुछ नियम (BelPatra) होते हैं जिनका पालन करना आवश्यक है।

हिन्दू धर्म में मान्यता है कि सावन में एक दिन ऐसा आता है, जिस दिन बेलपत्र तोड़ने की मनाही होती है| इस दिन बेलपत्र तोड़ने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं| आइए जानते हैं कि बेलपत्र का का क्या महत्व होता है और इसे किस दिन तोड़ना वर्जित माना जाता है|

बेलपत्र चढ़ाने के नियम एवं लाभ:

सावन के महीने में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से कई लाभ प्राप्त होते हैं। इसे चढ़ाने से मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है। इसके अलावा, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बेलपत्र चढ़ाने के भी कुछ विशेष नियम होते हैं। सबसे पहले, बेलपत्र को अच्छी तरह से धोकर साफ करना चाहिए। सावन के सोमवार के लिए आप रविवार को ही बेलपत्र तोड़कर उस पर राम-नाम लिखकर रख सकते हैं|

उसके बाद, उसे शिवलिंग पर चढ़ाते समय ऊं नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। बेलपत्र को उल्टा करके नहीं चढ़ाना चाहिए और ध्यान रखें की वह टूटा हुआ या छेद वाला नहीं होना चाहिए। इस प्रकार सही विधि और नियमों का पालन करते हुए भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

BelPatra का महत्व:

हिन्दू धर्म में बेलपत्र का विशेष महत्व माना गया है। भगवान शिव को बेलपत्र को अधिक प्रिय होते हैं इसलिए शिवलिंग पर इसे चढ़ाने से भक्तों को विशेष फल प्राप्त होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बेलपत्र पर त्रिदेवों का वास माना गया है| इसलिए बेलपत्र की तीन पत्तियां त्रिदेव यानि ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक मानी जाती हैं।

सावन में बेलपत्र:

सावन के महीने में BelPatra का उपयोग विशेष रूप से बढ़ जाता है। इस महीने में हर सोमवार को विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है और भक्तगण शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते हैं। लेकिन बेलपत्र तोड़ने और चढ़ाने के भी कुछ नियम होते हैं जिन्हें सभी भक्तों को जानना और मानना चाहिए।

हिन्दू धर्म में यह मान्यता है कि सावन के महीने में विशेषकर सोमवार के दिन बेलपत्र(BelPatra) तोड़ने की मनाही होती है। ऐसा माना जाता है कि इन दिनों बेलपत्र तोड़ने से भगवान शिव नाराज हो सकते हैं और इससे पाप का भागी बनना पड़ता है। इसलिए इन दिनों पहले से तोड़कर रखे गए बेलपत्र का ही उपयोग करना चाहिए।

क्यों है बेलपत्र भोलेनाथ को प्रिय:

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब समुद्र मंथन हो रहा था तो उसमें से विष भी बाहर आया था। भगवान शिव ने जग हित के लिए उस विष को अपने कंठ में धारण किया और नीलकंठ कहलाए। इस विष के प्रभाव को कम करने के लिए देवताओं ने भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाया था, जिससे उन्हें शांति और ठंडक मिली थी।

तभी से बेलपत्र भगवान शिव को प्रिय हो गया। साथ ही शिव पुराण में यह भी कहा गया है कि सावन के सभी सोमवार के दिनों में मां पार्वती का वास होता है| जिससे इस दिन बेलपत्र तोड़ने से मां पार्वती का अनादर होता है| यही कारण है कि ऐसा माना जाता हैं कि सावन के सोमवार को बेलपत्र तोड़ने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं|

डिस्क्लेमर: इस लेख में प्रस्तुत जानकारी ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। विभिन्न माध्यमों से एकत्रित करके ये जानकारियाँ आप तक पहुँचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज़ सूचना पहुँचाना है। viralnewsvibes.com इस जानकारी की सटीकता, पूर्णता, या उपयोगिता के बारे में कोई दावा नहीं करता और इसे अपनाने से होने वाले किसी भी परिणाम के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने विवेक और निर्णय का उपयोग करें।

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