Chunky Panday: जब चंकी पांडे को नहीं फिल्में तो बांग्लादेश जाकर बन गए प्रॉपर्टी डीलर, बुरा दौर याद कर छलका दर्द

Chunky Panday: बॉलीवुड के रंगीन पर्दे पर चमकने का सपना लेकर आए कई अभिनेता और अभिनेत्रियाँ अपने संघर्ष और सफलता की कहानियों से इतिहास रचते हैं। इन्हीं में से एक नाम है Chunky Panday का, जिन्होंने 1980 और 1990 के दशक में अपनी अदाकारी से दर्शकों का मनोरंजन किया।

November 30, 2024
Chunky Panday
Chunky Panday: जब चंकी पांडे को नहीं फिल्में तो बांग्लादेश जाकर बन गए प्रॉपर्टी डीलर, बुरा दौर याद कर छलका दर्द

Chunky Panday: बॉलीवुड के रंगीन पर्दे पर चमकने का सपना लेकर आए कई अभिनेता और अभिनेत्रियाँ अपने संघर्ष और सफलता की कहानियों से इतिहास रचते हैं। इन्हीं में से एक नाम है Chunky Panday का, जिन्होंने 1980 और 1990 के दशक में अपनी अदाकारी से दर्शकों का मनोरंजन किया। लेकिन समय के साथ, जब बॉलीवुड में उनके लिए अवसर कम होने लगे, तब उन्होंने एक नया रास्ता चुना और बांग्लादेश में जाकर प्रॉपर्टी डीलर बन गए।

Chunky Panday का बॉलीवुड में सफर:

चंकी पांडे का असली नाम सुरेंद्र पांडे है। उनका जन्म 26 सितंबर 1962 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने 1987 में फिल्म आग ही आग से बॉलीवुड में कदम रखा। इसके बाद चंकी ने कई हिट फिल्मों में काम किया, जिनमें तेज़ाब (1988), खतरों के खिलाड़ी (1988), और विश्वात्मा (1992) शामिल हैं। उनकी जोड़ी अनिल कपूर और गोविंदा जैसे सितारों के साथ खासतौर पर पसंद की गई।

Chunky Panday को फिल्में मिलना हुई बंद:

चंकी पांडे ने 1980 दशक में करियर की शानदार शुरुआत की और 90 के दशक आते-आते वह फिल्मों में बतौर लीड हीरो आने लगे। लेकिन बाद में उन्हें लीड रोल मिलना बंद हो गए। ऐसे में उन्होंने कैरेक्टर रोल निभाने शुरू किए लेकिन बाद में वो भी मिलना बंद हो गया। हाल ही में चंकी पांडे ने एक इंटरव्यू में अपने उस बुरे दौर को याद किया।

Chunky Panday ने याद किया अपना बुरा दौर:

चंकी पांडे ने ‘वी आर युवा’ के लिए बेटी अनन्या पांडे के साथ चैट में बांग्लादेश में काम करने के बारे में बात की। चंकी पांडे ने अनन्या को बताया कि 90 के दशक की शुरुआत के बाद उनका करियर खत्म होने लगा था। उन्होंने कहा, “मेरे पास सच में कोई काम नहीं था. मुझे जो एकमात्र फिल्म मिली, वह थी ‘तीसरा कौन’, और उसके बाद काम मिलना पूरी तरह से बंद हो गया।”

इंडिया में फ्लॉप हुए तो किया बांग्लादेश का रुख:

1995 के बाद, जब बॉलीवुड में उन्हें फिल्में मिलनी लगभग बंद हो गईं, तब चंकी ने अपनी किस्मत आजमाने के लिए बांग्लादेश का रुख किया। यह फैसला चौंकाने वाला था, लेकिन उनके लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ। बांग्लादेश में उन्होंने कुछ फिल्मों में काम किया और वहां के दर्शकों ने उन्हें खूब पसंद किया। वह बांग्लादेशी फिल्मों के सुपरस्टार बन गए और उनकी कई फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सफल रहीं।

बांग्लादेश में खोली इवेंट कंपनी, किया प्रॉपर्टी डीलर का काम:

चंकी पांडे ने इंटरव्यू में बताया कि वह बांग्लादेश चले गए और 4-5 साल तक उसे ही अपना घर बना लिया। चंकी पांडे बताया कि लेकिन उन्होंने काम करना बंद नहीं किया। वहां उन्होंने एक इवेंट कंपनी खोली और इवेंट करना शुरू कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने बांग्लादेश में प्रॉपर्टी डीलर का काम करना भी शुरू किया।

उन्होंने वहां ज़मीन की डील करना, प्रॉपर्टी खरीदना शुरू कर दिया। चंकी पांडे ने कहा कि उन्होंने सर्वाइव करने के लिए अपना अहंकार एक तरफ़ रखा और यह सब करना शुरू किया। आगे एक्टर ने कहा कि उस प्रोसेस में उन्होंने बहुत कुछ सीखा।

माता-पिता से नहीं ली मदद:

जब अनन्या ने चंकी पांडे से पूछा कि उन्होंने अपने माता—पिता से मदद नहीं ली। इस पर चंकी पांडे ने कहा कि वह अपने पेरेंट्स से पैसे नहीं ले सकते थे। उन्होंने कहा कि अगर आप एक लड़के हैं और आपने अपना करियर शुरू किया है तो आप अपने माता पिता के पास वापस जाकर यह नहीं कह सकते कि मुझे पैसे चाहिए। चंकी ने यह भी बताया कि उनके पेरेंट्स को उनकी आर्थिक स्थिति के बारे में पता नहीं था।

बॉलीवुड में वापसी:

हालांकि, बांग्लादेश में सफलता के बाद भी चंकी पांडे ने बॉलीवुड से पूरी तरह नाता नहीं तोड़ा। 2000 के दशक में उन्होंने सहायक भूमिकाओं और कॉमिक किरदारों में वापसी की। 2003 में आई फिल्म कयामत: सिटी अंडर थ्रेट में उनके प्रदर्शन ने दर्शकों का ध्यान खींचा। इसके बाद उन्होंने हाउसफुल सीरीज, अभी तो पार्टी शुरू हुई है, और अन्य फिल्मों में हास्यपूर्ण और विलेन के किरदार निभाकर अपनी अलग पहचान बनाई।