UPI Fraud: UPI धोखाधड़ी से बचें,जानें कौन सी गलतियां आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं

UPI Fraud: भारत में डिजिटल भुगतान को यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने एक नई दिशा दी है। यूपीआई फ्रॉड में धोखेबाज लोग यूपीआई उपयोगकर्ताओं को फर्जी कॉल, मैसेज, ईमेल, या अन्य तरीकों से गुमराह करके उनके बैंक खातों से पैसा निकाल लेते हैं।

October 21, 2024
UPI Fraud
UPI Fraud: UPI धोखाधड़ी से बचें,जानें कौन सी गलतियां आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती हैं

UPI Fraud: भारत में डिजिटल भुगतान को यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने एक नई दिशा दी है। इसके जरिए लोग अपने मोबाइल से चंद सेकंडों में किसी भी व्यक्ति को पैसा भेज सकते हैं। आज के समय में लाखों लोग रोजाना यूपीआई के जरिए लेन-देन कर रहे हैं।

लेकिन जितनी तेजी से यूपीआई का उपयोग बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से यूपीआई धोखाधड़ी (UPI Fraud) के मामले भी सामने आ रहे हैं। तकनीकी कौशल का उपयोग करके धोखेबाज लोग लोगों के बैंक खातों को खाली कर रहे हैं, और इसके शिकार होने वाले लोग अपनी गलती का अहसास तब करते हैं जब उनके खाते से पैसे गायब हो जाते हैं।

आज हम बातएंगे कि कौन-कौन सी गलतियां आपको इस धोखाधड़ी का शिकार बना सकती हैं और यूपीआई फ्रॉड(UPI Fraud) से कैसे बचा जा सकता है |

क्या है UPI Fraud:

UPI Fraud में धोखेबाज लोग यूपीआई उपयोगकर्ताओं को फर्जी कॉल, मैसेज, ईमेल, या अन्य तरीकों से गुमराह करके उनके बैंक खातों से पैसा निकाल लेते हैं। कुछ लोग अनजाने में धोखाधड़ी करने वालों को अपनी निजी जानकारी दे देते हैं, जो उनके बैंक खातों को खाली करने का रास्ता खोल देता है। इस प्रक्रिया में फेक कस्टमर केयर कॉल्स फ्रॉड सबसे आम है। फ्रॉड करने वाले व्यक्ति आपको कॉल करके खुद को बैंक या यूपीआई सेवा प्रदाता का कस्टमर केयर एजेंट बताते हैं।

वे आपको यह कहकर फंसा सकते हैं कि आपके खाते में कुछ समस्या है और उसे हल करने के लिए आपको ओटीपी (OTP) या अन्य जानकारी साझा करने की आवश्यकता है। जैसे ही आप ओटीपी या पिन साझा करते हैं, आपका बैंक खाता खाली हो सकता है। इसके अलावा धोखेबाज आपको पैसा भेजने के नाम पर एक फर्जी क्यूआर कोड भेज सकते हैं। लोग अक्सर यह सोचकर इस कोड को स्कैन करते हैं कि इससे उनके खाते में पैसा आएगा, जबकि वास्तव में उनके खाते से पैसा निकल जाता है।

ध्यान रखें कि क्यूआर कोड केवल पैसे प्राप्त करने के लिए ही नहीं होता, बल्कि इसे स्कैन करने से पैसे भी भेजे जा सकते हैं। कुछ धोखाधड़ी करने वाले लोग नकली यूपीआई ऐप्स बनाकर उसे असली ऐप्स जैसा दिखाने की कोशिश करते हैं। ऐसे ऐप्स डाउनलोड करने पर आपकी बैंकिंग जानकारी चोरी हो सकती है। ये ऐप्स आपके द्वारा दर्ज किए गए बैंक विवरण और पिन को चुरा सकते हैं, जिससे आपके खाते से पैसा निकल सकता है।

यूपीआई ट्रांजैक्शन के दौरान ओटीपी का इस्तेमाल किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति आपका ओटीपी मांगता है, तो यह धोखाधड़ी का संकेत हो सकता है। ओटीपी को किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह आपकी सुरक्षा के लिए होता है। अगर आप ओटीपी किसी के साथ साझा करते हैं, तो वह व्यक्ति आपके खाते से पैसे निकाल सकता है।

UPI Fraud से बचने के लिए सावधानियां:

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कभी भी किसी के साथ अपना ओटीपी, यूपीआई पिन, या अन्य गोपनीय जानकारी साझा न करें। बैंक और यूपीआई सेवाएं कभी भी आपसे फोन पर यह जानकारी नहीं मांगतीं। अगर कोई आपसे ये जानकारी मांगता है, तो समझ लीजिए कि वह धोखाधड़ी कर रहा है। अगर कोई आपको बैंक या यूपीआई कस्टमर केयर से कॉल करके जानकारी मांगता है, तो पहले उसकी प्रामाणिकता जांचें।

सीधे बैंक के आधिकारिक कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करके समस्या की पुष्टि करें। किसी अनजान नंबर से आई कॉल पर जानकारी साझा करने से बचें। क्यूआर कोड स्कैन करते समय सतर्क रहें। ध्यान रखें कि क्यूआर कोड का उपयोग केवल पैसे भेजने के लिए किया जाता है, न कि प्राप्त करने के लिए। अगर कोई व्यक्ति आपको पैसे भेजने के नाम पर क्यूआर कोड स्कैन करने को कहता है, तो वह धोखाधड़ी कर सकता है।

अपने मोबाइल में सिर्फ आधिकारिक ऐप स्टोर से ही यूपीआई ऐप डाउनलोड करें। कभी भी किसी संदिग्ध वेबसाइट या लिंक से यूपीआई ऐप डाउनलोड न करें। इससे आपके बैंकिंग विवरण चोरी हो सकते हैं और आप धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं। धोखेबाज अक्सर फर्जी लिंक भेजकर लोगों को फंसाने की कोशिश करते हैं। ऐसे लिंक को क्लिक करने से आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी हो सकती है। किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें और किसी भी अज्ञात स्रोत से आई जानकारी को सावधानीपूर्वक जांचें।

अपने यूपीआई ऐप्स को हमेशा सुरक्षित रखें। अपने फोन को पासवर्ड या बायोमेट्रिक सुरक्षा से सुरक्षित रखें ताकि कोई अनधिकृत व्यक्ति आपके बैंकिंग ऐप्स तक पहुंच न पाए। अपने बैंक खाते की नियमित रूप से जांच करें और यूपीआई से संबंधित सभी ट्रांजैक्शन पर नजर रखें। अगर आपको कोई अनधिकृत ट्रांजैक्शन दिखे, तो तुरंत बैंक या यूपीआई सेवा प्रदाता से संपर्क करें।

UPI Fraud का शिकार हो जाने पर क्या करें:

अगर आपके साथ यूपीआई फ्रॉड हो जाता है, तो तुरंत अपने बैंक को इसकी सूचना दें। कई बैंक आपको 24/7 हेल्पलाइन नंबर प्रदान करते हैं जहां आप फ्रॉड की रिपोर्ट कर सकते हैं। अगर आपने किसी विशेष यूपीआई सेवा (जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm) का उपयोग किया है, तो उसके कस्टमर केयर से तुरंत संपर्क करें और अपनी समस्या की जानकारी दें। यदि आपके साथ बड़ा फ्रॉड हुआ है, तो नजदीकी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराएं।

साइबर क्राइम से जुड़े मामलों में पुलिस की मदद लेना बहुत जरूरी है ताकि अपराधी को पकड़ा जा सके। आप भारत सरकार के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर जाकर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस पोर्टल पर आप यूपीआई फ्रॉड से संबंधित शिकायतें आसानी से कर सकते हैं।