Weird Marriage Rituals: यहां शादी के बाद 3 दिनों तक दूल्हा दुल्हन के टॉयलेट जाने पर होती है पाबंदी, जानिए वजह

December 18, 2024
Weird Marriage Rituals

Weird Marriage Rituals: दुनिया भर में शादी और उससे जुड़ी परंपराएं हर समाज और संस्कृति में अलग-अलग होती हैं। इनमें से कुछ परंपराएं सामान्य होती हैं, जबकि कुछ इतनी अनोखी होती हैं कि वे दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचती हैं। ऐसी ही एक अनोखी परंपरा(Weird Marriage Rituals) इंडोनेशिया के टीडॉन्ग समुदाय में पाई जाती है।

इस समुदाय में शादी के बाद नवविवाहित जोड़े को तीन दिन और रात तक टॉयलेट जाने की सख्त मनाही होती है। इस परंपरा के पीछे गहरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। आइए, इस परंपरा को विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं।

टीडॉन्ग समुदाय का Weird Marriage Rituals:

टीडॉन्ग समुदाय इंडोनेशिया के उत्तरी बोर्नियो (कालिमंतान) क्षेत्र में पाया जाता है। यह समुदाय अपनी अनूठी सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है।

टीडॉन्ग लोग इस बात में विश्वास रखते हैं कि शादी केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं है, बल्कि दो परिवारों और आत्माओं का भी पवित्र संगम है। इस समुदाय में विवाह केवल एक सामाजिक अनुबंध नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक जिम्मेदारी और एक नई शुरुआत का प्रतीक है।

तीन दिनों तक दूल्हा दुल्हन नहीं जा सकते टॉयलेट:

टीडॉन्ग समुदाय में शादी के बाद नवविवाहित दंपत्ति को तीन दिन और रात तक टॉयलेट का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाती। इस परंपरा(Weird Marriage Rituals) को स्थानीय भाषा में “तीन दिवसीय व्रत” कहा जा सकता है। इस प्रथा(Weird Marriage Rituals) के तहत दूल्हा और दुल्हन को इस दौरान खाने-पीने और शारीरिक गतिविधियों को भी नियंत्रित करना पड़ता है।

इस Weird Marriage Rituals के पीछे के कारण और मान्यताएं:

टीडॉन्ग समुदाय में यह माना जाता है कि शादी के बाद के पहले तीन दिन बहुत पवित्र होते हैं। इन दिनों में नवविवाहित जोड़े को शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखने की आवश्यकता होती है। टॉयलेट जाने से जुड़े शारीरिक कार्यों को अशुद्ध माना जाता है, इसलिए उन्हें इससे दूर रहने की सलाह दी जाती है।

वैवाहिक जीवन की सफलता:

इस परंपरा(Marriage Rituals) का पालन न करने पर यह माना जाता है कि दंपत्ति का वैवाहिक जीवन मुश्किलों और बाधाओं से भरा रहेगा। इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि ऐसा करने से परिवार में अनहोनी घटनाएं हो सकती हैं।

आध्यात्मिक संबंध मजबूत करना:

टॉयलेट जाने से बचने और खाने-पीने पर नियंत्रण रखने से नवविवाहित जोड़े के बीच आत्मिक और मानसिक जुड़ाव बढ़ता है। यह मान्यता है कि इस कठिन समय में दोनों एक-दूसरे का सहारा बनते हैं और इससे उनके रिश्ते की नींव और मजबूत होती है।

ऐसे निभाई जाती है यह परंपरा:

टीडॉन्ग समुदाय में इस परंपरा को निभाने के लिए दूल्हा और दुल्हन के परिवार एक विशेष निगरानी प्रणाली स्थापित करते हैं। यह सुनिश्चित किया जाता है कि नवविवाहित जोड़ा तीन दिनों तक टॉयलेट का उपयोग न करे। इसके लिए उनके खाने और पीने की मात्रा को सीमित कर दिया जाता है।

रखी जाती है नजर:

नवविवाहित जोड़े को घर के एक विशेष हिस्से में रखा जाता है, जहां उनकी गतिविधियों पर नज़र रखी जाती है। उनके लिए हल्के और कम मात्रा में भोजन की व्यवस्था की जाती है। परिवार के बुजुर्ग या विशेष रूप से चुने गए लोग यह सुनिश्चित करते हैं कि वे नियमों का पालन करें।

तीन दिनों के बाद होता है समारोह:

तीन दिनों तक इस कठोर परंपरा (का पालन करने के बाद, नवविवाहित जोड़े को स्नान और पूजा करवाई जाती है। यह समारोह पवित्रता और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इसके बाद दंपत्ति को सामान्य जीवन जीने की अनुमति दी जाती है।

दूल्हा-दुल्हन के सामने होती है ये चुनौतियां:

तीन दिनों तक टॉयलेट न जाने से स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे डिहाइड्रेशन और संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। आधुनिक पीढ़ी के लोग इस परंपरा को पुरानी और अप्रासंगिक मानते हुए इसका पालन करने से बचने लगे हैं। टीडॉन्ग समुदाय की यह अनोखी परंपरा उनके सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विश्वासों का एक अभिन्न हिस्सा है।

हालांकि यह परंपरा कठोर और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण लग सकती है, लेकिन इसे निभाने वाले लोग इसे अपने वैवाहिक जीवन की सफलता और पवित्रता का आधार मानते हैं।