Surya Yantra: हमारी धरती पर सूर्य ही जीवन का स्रोत माना जाता है। साथ ही ज्योतिषियों ने सूर्य को नवग्रहों का अधिपति भी बताया है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार यदि सूर्य की शक्ति किसी व्यक्ति की कुंडली में मजबूत होती है, तो वह जीवन में तेजी से आगे बढ़ता है। कुंडली में सूर्य की मजबूत स्थिति होने से भाग्य चमकता है और समाज में उसका मान बढ़ता है।
सूर्य देव की इन्हीं विशेषताओं के कारण सूर्य यंत्र(Surya Yantra) भारतीय ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक यह एक शक्तिशाली उपकरण है जो सूर्य देवता की ऊर्जा और आशीर्वाद को आकर्षित करता है। माना जाता है कि सूर्य यंत्र के प्रयोग से मनुष्य को अपने जीवन में कई लाभ होते हैं|
Surya Yantra का महत्व:
सूर्य को नवग्रहों में प्रमुख ग्रह माना जाता है। यह आत्मबल, स्वास्थ्य, मान-सम्मान, और सफलता प्रदान करने वाला ग्रह है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में हो, तो उसे करियर में बाधाएं, स्वास्थ्य समस्याएं और आत्मविश्वास की कमी जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में सूर्य यंत्र एक प्रभावी उपाय के रूप में कार्य करता है।
सूर्य यंत्र के लाभ:
यह यंत्र आत्मबल और आत्मविश्वास को बढ़ाने में सहायक होता है। सूर्य की कृपा से व्यापार और नौकरी में तरक्की होती है। यह यंत्र शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है और रोगों से बचाने में मदद करता है। यह यंत्र नेतृत्व क्षमता को बढ़ाता है और समाज में मान-सम्मान दिलाता है। सूर्य यंत्र घर और कार्यस्थल से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
सूर्य यंत्र घर में कहां लगाना चाहिए?
सूर्य यंत्र को घर या ऑफिस में सही स्थान पर स्थापित करने से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। इसे पूर्व दिशा में स्थापित करना सबसे उत्तम माना जाता है, क्योंकि यह दिशा सूर्य देव की मानी जाती है।
इसे पूजा स्थान या कार्यस्थल की दीवार पर टांग सकते हैं। यदि इसे घर के मुख्य द्वार पर लगाया जाए, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को अंदर आने से रोकता है। इसे सोने के कमरे में न लगाएं, क्योंकि इससे मानसिक अशांति हो सकती है।
सूर्य यंत्र की स्थापना कैसे करें?
रविवार या किसी शुभ मुहूर्त में सूर्य यंत्र की स्थापना करें। इसे गंगाजल या कच्चे दूध से धोकर साफ करें। यंत्र को स्थापित करने से पहले ‘ॐ घृणि सूर्याय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। सूर्य यंत्र को लाल कपड़े में लपेटकर पूजा स्थान पर स्थापित करें। नियमित रूप से यंत्र की पूजा करें और सूर्य मंत्र का जाप करें।
सूर्य यंत्र किसे लगाना चाहिए?
जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में हो। जो आत्मविश्वास की कमी महसूस करते हैं। जिनका करियर या व्यापार लगातार असफल हो रहा हो।
जिन लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बार-बार हो रही हों। जिन्हें समाज में मान-सम्मान की कमी महसूस हो रही हो।
Surya Yantra के प्रयोग में सावधानियां:
इसे साफ-सुथरे स्थान पर ही रखें। इसे नियमित रूप से साफ करें और धूप-दीप दिखाएं। इसे गलत दिशा में न रखें, अन्यथा इसके विपरीत प्रभाव भी हो सकते हैं। इसे टूटने या फटने से बचाएं, यदि ऐसा हो जाए तो तुरंत नया यंत्र स्थापित करें।
डिस्क्लेमर: इस लेख में प्रस्तुत जानकारी ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। विभिन्न माध्यमों से एकत्रित करके ये जानकारियाँ आप तक पहुँचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज़ सूचना पहुँचाना है। viralnewsvibes.com इस जानकारी की सटीकता, पूर्णता, या उपयोगिता के बारे में कोई दावा नहीं करता और इसे अपनाने से होने वाले किसी भी परिणाम के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने विवेक और निर्णय का उपयोग करें।