Ganpati vastu tips for home: वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि घर में वास्तु दोष हो, तो इसका असर हमारे सुख-शांति, धन-समृद्धि और पारिवारिक रिश्तों पर पड़ सकता है। लेकिन भगवान गणेश, जिन्हें विघ्नहर्ता कहा जाता है, के आशीर्वाद से हर बाधा को दूर किया जा सकता है।
भगवान गणेश की कृपा से हर प्रकार की बाधा और वास्तु दोष का निवारण संभव है। भगवान गणेश को ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। उनके कुछ विशेष उपायों को अपनाकर आप अपने घर से वास्तु दोष को खत्म कर सकते हैं। यदि आप इन सरल उपायों को अपने जीवन में अपनाते हैं, तो न केवल घर का वास्तु दोष खत्म होगा, बल्कि परिवार में सुख-शांति और समृद्धि भी बनी रहेगी।
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Ganpati जी की सही दिशा में स्थापना:
घर में गणेश जी की मूर्ति या चित्र लगाते समय उनकी दिशा का विशेष ध्यान रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, गणेश जी को उत्तर, उत्तर-पूर्व (ईशान) या पूर्व दिशा में स्थापित करना शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और वास्तु दोष कम होता है।
यदि मूर्ति या चित्र उत्तर-पूर्व दिशा में रखा गया हो, तो यह समृद्धि और मानसिक शांति लाने में सहायक होता है। ध्यान रखें कि गणेश जी की मूर्ति या चित्र का मुख साफ और स्पष्ट दिखना चाहिए।
Ganpati की मूर्ति का चयन:
Ganpati जी की मूर्ति का चयन करते समय उनकी मुद्रा और सामग्री का ध्यान रखना चाहिए। सफेद रंग की मूर्ति घर में शांति और धन-वैभव लाती है। यदि आप व्यवसाय में सफलता चाहते हैं तो सिंदूरी रंग की मूर्ति को प्राथमिकता दें। इसके अलावा, ध्यान दें कि गणेश जी की मूर्ति पर उनका वाहन मूषक और उनके हाथ में मोदक जरूर हो। यह समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है।
दो गणेश मूर्तियां साथ न रखें:
वास्तु शास्त्र में यह माना गया है कि घर में एक ही गणेश जी की मूर्ति या चित्र होना चाहिए। दो गणेश मूर्तियां रखने से सकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव में बाधा आ सकती है। इससे घर में अस्थिरता आ सकती है।
प्रवेश द्वार पर गणेश जी की स्थापना:
घर के मुख्य द्वार पर भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र लगाना अत्यधिक शुभ होता है। यह न केवल वास्तु दोष को समाप्त करता है बल्कि घर में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा को भी रोकता है। मुख्य दरवाजे पर Ganpati जी की मूर्ति लगाते समय ध्यान रखें कि उनका मुख घर के अंदर की ओर हो। यह घर में सुख-समृद्धि और शांति बनाए रखने में सहायक होता है।
गणेश मंत्र का जाप करें:
गणेश जी के मंत्रों का जाप करना वास्तु दोष को दूर करने का एक प्रभावी उपाय है। विशेष रूप से “ॐ गं गणपतये नमः” का नियमित रूप से जाप करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। सुबह के समय धूप-दीप जलाकर गणेश जी की पूजा करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें। यह घर के माहौल को शांत और सुखद बनाता है।
गणेश चतुर्थी पर विशेष पूजा:
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा विशेष फलदायी होती है। इस दिन घर में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें और उनका विशेष पूजन करें। पूजा में दूर्वा घास, मोदक, लाल चंदन और सिंदूर का उपयोग अवश्य करें। इससे घर में वास्तु दोष खत्म होता है और परिवार में एकता बनी रहती है।
चूहे और मोदक का महत्व:
गणेश जी के वाहन चूहे को सकारात्मक ऊर्जा और इच्छाओं की पूर्ति का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा में चूहे का ध्यान रखना शुभ माना जाता है। गणेश जी को मोदक चढ़ाने से घर में समृद्धि और धन-वैभव बना रहता है। सप्ताह में कम से कम एक बार भगवान गणेश को मोदक का भोग अवश्य लगाएं।
घर में साफ-सफाई और सादगी रखें:
गणेश जी को साफ-सुथरा और सादगी भरा माहौल पसंद है। यदि घर में गंदगी या अव्यवस्था रहती है, तो वास्तु दोष बढ़ सकता है। गणेश जी की मूर्ति के आसपास हमेशा साफ-सफाई बनाए रखें और नियमित रूप से उनकी पूजा करें।
गणपति के विशेष प्रतीक-स्वस्तिक और मोदक:
गणपति के प्रतीक स्वस्तिक को घर में सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। मुख्य द्वार पर स्वस्तिक का निशान बनाएं। इसके अलावा, पूजा में लाल रंग का उपयोग करें, जैसे लाल कपड़ा, लाल फूल और लाल चंदन। इससे घर में सौभाग्य और धन-वैभव बढ़ता है।
गणेश जी के पास जल का स्रोत रखें:
गणेश जी के पास पानी का स्रोत रखना शुभ माना जाता है। यदि आपके पास छोटी जलधारा या फाउंटेन है, तो उसे गणेश जी के पास उत्तर दिशा में रखें। यह धन के प्रवाह को बढ़ाने में सहायक होता है।
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