Kandovan Village: इस दुनिया में कई अजीबोगरीब चीजें हैं, जिनके बारे में जानकर लोग हैरान रह जाते हैं। दुनियाभर में कई ऐसे गांव भी हैं जो अपनी अजीबोगरीब विशेषताओं की वजह से दुनियाभर में मशहूर हैं। ऐसा ही एक अजीब गांव ईरान में भी है। ईरान के पश्चिमोत्तर भाग में स्थित कंदोवन गांव विश्व भर में अपने अनोखे और अद्वितीय घरों के लिए प्रसिद्ध है।
यह गांव ईरान के ईस्ट अजरबैजान प्रांत में है और लगभग 2200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कंदोवन (Kandovan Village) की सबसे अनोखी विशेषता है यहां के घर, जो चूहों के बिल की तरह दिखते हैं। इन घरों को देखकर किसी काल्पनिक दुनिया का आभास होता है, लेकिन यह पूरी तरह वास्तविक और अद्वितीय हैं।
700 सालों से ऐसे घरों रह रहे लोग:
कंदोवन (Kandovan Village) के इन घरों की कहानी सैंकड़ों साल पुरानी है। यह घर ज्वालामुखीय चट्टानों में बने हुए हैं। माना जाता है कि लगभग 700 साल पहले इस क्षेत्र में सक्रिय ज्वालामुखियों के कारण विशाल चट्टानें और लावा यहां जमा हुआ।
समय के साथ, इन चट्टानों में लोगों ने घर बनाना शुरू किया। इन घरों को बनाने में किसी बाहरी सामग्री का उपयोग नहीं किया गया; बल्कि चट्टानों को काटकर उनमें कमरों का निर्माण किया गया।
Kandovan Village के घरों की अनोखी वास्तुकला:
कंदोवन के घरों की डिजाइन और संरचना इतनी अनोखी है कि यह पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र है। इन घरों में दीवारें, छत, और यहां तक कि खिड़कियां भी चट्टानों में ही उकेरी गई हैं।
इन घरों का आकार शंकु के जैसा है, जो देखने में किसी पहाड़ पर बने मधुमक्खी के छत्ते जैसा लगता है। यह शैली न केवल अद्वितीय है, बल्कि इसे बनाने में स्थानीय लोगों की कुशलता और रचनात्मकता भी झलकती है।
गर्मी में ना एसी की जरूरत, सर्दी में ना हीटर की:
ईरान के कंदोवन गांव (Kandovan Village) में बने घर देखने में अजीब लगते हैं लेकिन ये काफी आरामदायक हैं। दरअसल, इन घरों का तापमान हमेशा आरामदायक रहता है। सर्दियों में जब बाहरी तापमान बहुत कम हो जाता है, तो ये घर अंदर से गर्म रहते हैं। वहीं गर्मियों में ये ठंडे रहते हैं। ऐसे में यहां गर्मी में ना इन्हें एसी की जरूरत पड़ती है और ना सर्दी में हीटर की। इसका कारण चट्टानों की प्राकृतिक इन्सुलेशन क्षमता है।
Kandovan Village का इतिहास:
यहां के निवासियों के अनुसार, ईरानियों ने यह गांव मंगोलों के हमलों से बचने के लिए बनाए थे। कंदोवन के प्रारंभिक निवासी यहां हमलावर मंगोलों से बचने के लिए आए थे। वे छिपने के लिए ज्वालामुखी चट्टानों में ठिकाना खोदा करते थे और वहीं उनका स्थायी घर बन जाता था। अब दुनियाभर में यह गांव अपने अनोखे घरों के लिए पहचाना जाने लगा है।
जीवनशैली और संस्कृति:
कंदोवन गांव में लगभग सैंकड़ों परिवार रहते हैं। यहां की जीवनशैली सरल और प्रकृति के करीब है। ग्रामीण मुख्य रूप से कृषि, पशुपालन, और शहद उत्पादन में लगे हुए हैं। यहां की महिलाएं पारंपरिक हस्तशिल्प और कालीन बनाने में निपुण हैं, जो उनकी आय का प्रमुख स्रोत है।
गांव के निवासी अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में गर्व महसूस करते हैं। यहां के लोग आधुनिक जीवनशैली से दूर, पारंपरिक जीवनशैली को अपनाते हैं। हालांकि, कुछ आधुनिक सुविधाएं जैसे बिजली और पानी की आपूर्ति अब यहां उपलब्ध हैं, लेकिन इनसे गांव की पारंपरिकता पर कोई असर नहीं पड़ा है।
पर्यटको के लिए बने हैं गेस्ट हाउस:
कंदोवन गांव (Kandovan Village) ईरान के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। हर साल हजारों पर्यटक यहां आते हैं, जिनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल होते हैं। पर्यटकों के लिए यहां रहने के लिए होटल और पारंपरिक गेस्ट हाउस भी बनाए गए हैं, जो चट्टानों के अंदर ही स्थित हैं।
पर्यटन ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है। पर्यटक यहां के अनोखे घरों के साथ-साथ स्थानीय उत्पादों जैसे शहद, सूखे मेवे, और हस्तशिल्प खरीदने में रुचि रखते हैं। इससे ग्रामीणों की आय में वृद्धि हुई है।
कंदोवन गांव एक अद्वितीय स्थान है, जो मानव रचनात्मकता और प्रकृति के साथ सामंजस्य का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। यहां के चट्टानी घर न केवल वास्तुकला का चमत्कार हैं, बल्कि यह इस बात का प्रमाण हैं कि कठिन परिस्थितियों में भी मनुष्य अपनी जरूरतों के अनुसार खुद को ढाल सकता है।