Dara Singh: फिल्मी जगत और टीवी जगत से जुड़े कई ऐसे किस्से हैं जो आज भी काफी पॉपुलर हैं। इनमें से कई किस्से तो ऐसे हैं जिनके बारे में आज भी कम ही लोग जानते हैं। रामानंद सागर का पौराणिक सीरियल ‘रामायण’ तो आपने देखा ही होगा। पहले जब टीवी पर यह पौराधिक धारावाहिक प्रसारित होता था तो लोग अपने सब काम छोड़कर यह टीवी शो देखते थे। रविवार को यह सीरियल टीवी पर प्रसारित होता था और उस समय सड़के खाली हो जाया करती थीं।
यह पौराणिक धारावाहिक ही नहीं इसक किरदार भी काफी पॉपुलर थे। आज भी लोगों के बीच यह धारावाहिक काफी पॉपलर है। इस धारावाहिक के किरदारों को लोग असली भगवान की तरह पूजते थे। आज हम आपको इस धारावाहिक के एक किरदार के दिलचस्प किस्से के बारे में बताएंगे।
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Dara Singh बने थे शो में हनुमान:
वैसे तो रामायण शो के सभी किरदार लोगों के बीच में काफी पॉपुलर रहे हैं। लेकिन इनमें से कुछ किरदार ऐसे हैं, जिनको लोग असली भगवान समझकर पूजते थे। इनमें से एक थे दारा सिंह। अभिनेता दारा सिंह ने इस शो में राम भक्त हनुमानजी का किरदार निभाया था। आज हम आपको दारा सिंह ने जुड़ा एक ऐसा रोचक किस्सा बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
दारा सिंह को असली हनुमान मानत थे लोग:
पौराणिक शो रामायण में दारा सिंह द्वारा निभाया गया हनुमानजी का किरदार बहुत पॉपुलर हुआ था। यहां तक की लोग उन्हें असली हनुमानजी समझकर उनके पैर छूते थे। इतना ही अपने घरों में दारा सिंह की हनुमानजी वाली तस्वीरें लगाकर उनकी पूजा तक करते थे। लेकिन क्या आपको पता है कि Dara Singh ने रामायण धारावाहिक के लिए अपने निजी जीवन में एक बहुत बड़ा बदलाव किया था।
छोड़ दिया था नॉनवेज:
Dara Singh ने रामायण के लिए अपने निजी जीवन में जो बड़ा बदलाव किया था उसका खुलासा उनके बेटे विंदू दारा सिंह ने किया था। विंदू दारा सिंह ने एक इंटरव्यू में इसके बारे में बात करते हुए बताया था कि उनके पिता दारा सिंह ने रामायण सीरियल के लिए नॉन वेज खाना छोड़ दिया था।
साथ ही उन्होंने बताया था कि जब तक रामायण की शूटिंग खत्म नहीं हो गई थी, उनके पिता ने नॉन वेज को हाथ तक नहीं लगाया। साथ ही विंदू दारा सिंह ने बताया था कि जब उनके पिता रामायण की शूटिंग खत्म करने के बाद दरवाजा खोलते थे तो लोग उनके इंतजार में बाहर खड़े रहते थे और गेट खोलते ही उनके पैर छूने लगते थे।
इस वजह से लिया नॉनवेज छोड़ने का फैसला:
हम आपको बताते हैं कि दारा सिंह ने नॉनवेज छोड़ने का फैसला क्यों लिया। दरअसल, जब रामायण सीरियल पॉपुलर हुआ तो लोग मंदिरों में दारा सिंह की तस्वीरों को हनुमानजी के रूप में लगाने लगे थे। खुद के प्रति लोगों की ऐसी आस्था को देखते हुए दारा सिंह ने नॉनवेज छोड़ने का फैसला ले लिया था।
बता दें कि Dara Singh ने रामायण के अलावा कई फिल्मों में भी काम किया था। आज दारा सिंह इस दुनिया में नहीं है लेकिन उन्होंने रामायण में दमदार एक्टिंग की ऐसी छाप छोड़ी जो आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है।
कुश्ती के 500 मुकाबले लड़े, एक भी नहीं हारे:
दारा सिंह पहलवान थे और बचपन से ही उनकी कद काठी बहुत अच्छी थी। शुरुआत में Dara Singh अपने गांव के आस पास होने वाले कुश्ती के मुकाबलों में हिस्सा लिया करते थे। बाद में धीरे धीरे वह इंटरनेशनल पहलवान बन गए। उनके नाम रिकॉर्ड है। दारा सिंह ने अपने कॅरियर में कुश्ती के 500 मुकाबले लड़े लेकिन एक भी मुकाबला हारे नहीं।
अपने कॅरियर में दारा सिंह ने दुनिया के बड़े बड़े पहलवानों को चित किया। इतना ही नहीं साल 1959 में उन्होंने पूर्व विश्व चैम्पियन जॉर्ज गारियान्का को हराया और कॉमनवेल्थ की विश्व चैम्पियनशिप जीती थी। इसके बाद वह फ्रीस्टाइल कुश्ती में वर्ष 1968 में विश्व चैंपियन बने। दारा सिंह ने 55 साल की उम्र तक कुश्ती की थी।