Late Sleep effects: देर रात सोते हैं तो सावधान! दिमाग पर पड़ सकता है खतरनाक असर

Late Sleep effects

Late Sleep effects: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों की नींद का समय लगातार बदलता जा रहा है। खासकर युवाओं और वर्किंग प्रोफेशनल्स में देर रात तक जागने की आदत बढ़ती जा रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रात में 1 बजे के बाद सोने से आपका दिमाग गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है?

यह न सिर्फ आपकी सेहत के लिए खतरनाक है, बल्कि मानसिक विकारों को भी जन्म दे सकता है। आइए जानते हैं कि देर रात सोने के क्या-क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।

Late Sleep effects नींद की कमी और दिमाग पर असर:

रात को देरी से सोने से हमारी नींद का चक्र (Sleep Cycle) बिगड़ जाता है। दिमाग को सही से काम करने के लिए कम से कम 7-8 घंटे की गहरी नींद की जरूरत होती है। जब हम 1 बजे के बाद सोते हैं, तो यह चक्र गड़बड़ा जाता है, जिससे मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

देर रात सोने से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता घट जाती है। इससे एकाग्रता की कमी होने लगती है| इसके अलावा लगातार कम नींद लेने से मेमोरी कमजोर हो सकती है। साथ ही निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है जिससे सही निर्णय लेने में दिमाग को कठिनाई होती है।

Late Sleep effects मानसिक स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव:

रात में देर से सोने और नींद की कमी का सीधा असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। एक रिसर्च के मुताबिक, देर रात सोने वाले लोगों में तनाव और चिंता ज्यादा देखी जाती है।

पर्याप्त नींद न लेने से चिड़चिड़ापन और गुस्सा बढ़ सकता है। लगातार देर से सोने से अनिद्रा (Insomnia) हो सकती है, जो आगे चलकर गंभीर मानसिक समस्याओं का कारण बन सकती है।

शरीर पर होने वाले दुष्प्रभाव:

सिर्फ दिमाग ही नहीं, बल्कि देर रात तक जागने से पूरा शरीर प्रभावित होता है। नींद की कमी से शरीर में हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं, जिससे वजन तेजी से बढ़ सकता है। देर रात सोने से मेलाटोनिन और कोर्टिसोल हार्मोन प्रभावित होते हैं, जिससे त्वचा और बालों पर असर पड़ता है।

सही नींद न मिलने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है, जिससे जल्दी बीमार पड़ने की संभावना रहती है। शोध बताते हैं कि कम नींद लेने वालों में हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों का खतरा अधिक होता है। यह आदत अगर लंबे समय तक बनी रहे, तो भविष्य में अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

Late Sleep effects किन लोगों को सबसे ज्यादा नुकसान?

  • छात्र: पढ़ाई में ध्यान नहीं लग पाता और याददाश्त कमजोर हो सकती है।
  • वर्किंग प्रोफेशनल्स: ऑफिस में काम करने की क्षमता घट जाती है, जिससे करियर प्रभावित हो सकता है।
  • ड्राइवर और मशीन ऑपरेटर्स: देर से सोने वाले लोगों का रिफ्लेक्स कमजोर होता है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।
  • गर्भवती महिलाएं: गर्भावस्था में नींद पूरी न होना मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।

देर रात सोने की आदत से कैसे बचें?

अगर आपको भी देर रात तक जागने की आदत है, तो आप कुछ टिप्स अपनाकर इन्हें बदल सकते हैं| इसके लिए रोज़ एक ही समय पर सोने और जागने की आदत डालें। स्क्रीन टाइम कम करें और मोबाइल, लैपटॉप और टीवी का इस्तेमाल रात में सोने से एक घंटा पहले बंद कर दें।

रात में चाय, कॉफी या एनर्जी ड्रिंक्स लेने से बचें। रात का खाना हल्का रखें ,भारी भोजन करने से पेट में दिक्कत हो सकती है जिससे नींद प्रभावित होती है। ध्यान और प्राणायाम से नींद में सुधार होता है। सोने की जगह को शांत और अंधेरा रखें ताकि अच्छी नींद आए।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। इस लेख में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले किसी भी चिकित्सा निर्णय में सावधानी बरतें। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या स्थिति के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इस लेख के आधार पर उत्पन्न हो सकने वाली किसी भी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए viralnewsvibes.com जिम्मेदार नहीं है।